Page 11 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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नौकरिर्ों पि अनधक ननभयाि होते चले गए।                  भ्रष्टाचाि औि िजषीवाड़े पि प्रहाि किते हुए मनिेगा जैसली र्ोजनाओं
                      ें
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          लनकन 2014 म देश म बदलाव आर्ा तो जन-जन कली उम्मलीद के   म बदलाव कि लाभाथषी तक सलीधा लाभ पहंचार्ा गर्ा। 90 प्रनतशत स  े
                                                                                           ु
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                                                                           ू
        अनुरूप सिकाि कली सोच औि कार्शैलली म भली बदलाव नदखा। कद्   अनधक मनिेगा मजदिों के काि्ड आधाि से नलंक हो चुके ह औि िजषीवाड़ा
                                                                                                            ैं
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        सिकाि ने जो भली नलीनतर्ां बनाईं, उसम एक समग् दस्ष्टकोण समानहत था।   पि िोक लगने से 40 हजाि किोड़ रुपर्े गलत हाथों म जाने से बचे ह।
                                                                                                  ें
                                                                                           ू
        उदाहिण के तौि पि प्रधानमत्रली आवास र्ोजना के शुरुआतली पांच वषया म  ें  परिवतयान कली इस र्ात्रा म तकनलीक ने महत्वपणया भनमका ननभाई है। आज
                           ं
                                                                              ें
                                                                                              ू
        िढ़ किोड़ परिवािों को पक्के मकान नदए गए, जो अब बढ़कि पौने चाि   भाित आधुननक तकनलीक से लैस है, जबनक अतलीत म नई तकनलीक के
                                                                                                  ें
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        किोड़ से अनधक हो चुके ह। अनधकति घि मनहलाओं के नाम पि ह जो   आने म दशकों लग जाते थे। अब कद् सिकाि ने तकनलीक से जुड़े क्षत्रों
                                                                                      ें
                                                      ैं
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                          ैं
        एक प्रकाि से लखपनत बन गई ह। दूसिे ्कति के प्रभाव को दख तो इस   को सिकािली ननर्ंत्रण से मुक्त कि नदर्ा है, देश म हली, देश कली जरूित के
                                                   ें
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                       ें
        र्ोजना से गांव-गांव म िोजगाि के लाखों नए अवसि पैदा हुए। तलीसिे ्कति   मुतानबक नई तकनलीक को नवकनसत किने पि जोि नदर्ा जा िहा है, भनवष्र्
             ें
        पि कह तो इस र्ोजना ने लोगों को जोनखम लेने का अवसि नदर्ा है औि   कली तकनलीक शोध-नवकास पि नमशन मोि म काम हो िहा है। भाित अब
                                                                                           ें
                                                                   ें
        साथ हली, देश के गिलीबों के आत्मनव्चवास को नई ऊचाईर्ों पि पहंचार्ा है।   दुननर्ा म सबसे तेज गनत से आगे बढ़ा है। 5 जली को लेकि भाित ने नजस
                                         िं
                                                  ु
                                                                                                     ू
          मुद्ा  र्ोजना  हो  र्ा  निि  पलीएम  ्कवानमत्व  र्ोजना।  तलीनों  ्कति  पि   तिह अपनली खुद कली टेक्ोलॉजली नवकनसत कली है, उसकली पिली दुननर्ा म  ें
                           ें
        सामानजक प्रभाव र्ोजनाओं म नदखने लगा है। िलीबलीटली हो र्ा नबजलली, पानली,   चचाया हो िहली है।
        शौचालर् जैसली सनवधाओं ने जमलीन पि क्रांनत का सूत्रपात कि नदर्ा है। इन   तकनलीक का हली प्रभाव है नक जैम नट्ननटली (जनधन-आधाि-मोबाइल)
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        र्ोजनाओं  ने  गिलीबों  को  ्कवावलंबन                                        के कािण सिकािली र्ोजनाओं के 10
                              ु
        के  साथ-साथ  सम्मान  औि  सिक्षा                                             किोड़ िजषी लाभाथषी बाहि हो चुके ह  ैं
                                                                                         ं
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        के भाव से भि कि एक सिक्षा कवच                                               औि अनतम ्छोि तक सहली व्र्स्क्त के
                                                                                                ु
        नदर्ा है। पािंपरिक सोच कली वजह स  े                                         हाथ म लाभ पहंचने लगा है। इसके
                                                                                         ें
        इन  र्ोजनाओं  का  शुरुआतली  वषया  म  ें                                     नलए  पहले  आधाि  को  संवैधाननक
        मजाक उड़ार्ा जाता था क्र्ोंनक बहुत                                           दजाया नदर्ा गर्ा। 45 किोड़ से अनधक
                                                                                           ैं
        से नवषर्ों को हालात पि ्छोड़ नदर्ा                                           जनधन  बक  खाते  नमशन  मोि  पि
        गर्ा था। लनकन आज इन्हीं र्ोजनाओं                                            खोले गए। अभली तक 28 लाख किोड़
                े
        ने भाित के तेज नवकास को गनत दली                                             रुपर्े  िलीबलीटली  से  किोड़ों  लाभानथयार्ों
                                                                                           ु
        है, र्हली र्ोजनाएं नवकनसत भाित के                                           तक  पहंचाए  गए।  िलीबलीटली  र्ानन
        ननमायाण का आधाि बनली ह। ैं                           कमलीशन बंद, ललीकेज बंद। इस एक व्र्व्कथा से हली दजयानों र्ोजनाओं-
                               ं
                                                                या
          बलीते 9 वषषों से गिलीब, दनलत, वनचत, नप्छड़ा, आनदवासली, सामान्र् वगया,   कार्क्रमों म पािदनशयाता आ गई।
                                                                     ें
                                ें
        मध्र्म वगया, हि कोई अपने जलीवन म ्कपष्ट बदलाव का अनुभव कि िहा   इसली तिह सिकािली खिलीद भली देश म भ्रष्टाचाि का एक बड़ा जरिर्ा हुआ
                                                                                      ें
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                                                                                ें
        है। आज देश म बहुत सनवचारित दस्ष्टकोण के साथ नमशन मोि म काम   कितली थली। लनकन अब इसम भली परिवतयान आ चुका है। सिकािली खिलीद अब
                                                    ें
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                                   ें
        हो िहा है। शासन कली सोच अब सेवा म बदलली है। गिलीब कल्र्ाण हमािली   पिली तिह जेम (GeM-र्ानन गवनयामट ई-माकटप्लस पोट्डल) पि होतली है।
                                                              ू
                                                                                       ैं
                                                                               े
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        सिकाि का माध्र्म बना है तो तस्ष्टकिण कली जगह संतस्ष्टकिण नवकास   टैक्स से जड़ली व्र्व्कथाएं िसलेस हुई ह। जलीएसटली जैसली व्र्व्कथा से कालली
                                                                    ु
        का आधाि बना है। आज गिलीब से गिलीब को भिोसा नमला है नक जो उसके   कमाई पि िोक लगली है।
        हक का है, वो उसे जरूि नमलेगा। र्हली सच्च अथया म सामानजक न्र्ार् है।   आजादली का र्े अमृतकाल हम सभली के प्रर्ासों का काल है। जब हि
                                      े
                                           ें
                         ैं
        ऐसली नकतनली हली र्ोजनाएं ह, इनका बहुत बड़ा असि भाित से गिलीबली को कम   एक भाितलीर् कली शस्क्त लगेगली, हि एक भाितलीर् का परिश्म लगेगा, तो
        किने म हुआ है। अंतििाष्ट्लीर् मुद्ा कोष कली एक रिपोट्ड बतातली है नक कोनवि   नवकनसत भाित का सपना भली हम जल्द से जल्द पिा कि पाएंगे।
             ें
                                                                                              ू
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                                ें
        जैसली वस््चवक महामािली के बावजूद कद् सिकाि कली पहल ने भाित म अत्र्त   ईमानदािली के साथ चलने वाले देशवानसर्ों कली संख्र्ा बढ़तली चलली जा
             ै
                               ें
        गिलीबली को खत्म किने कली नदशा म लगभग सिलता हानसल कली है। र्ह   िहली है, बढ़तली हली चलली जा िहली है औि वहली, वहली भव्र् भाित कली गािंटली है।
                          ें
                                                                                        ैं
        एक ऐसा परिवतयान है नजसम आर्ुष्मान भाित, उज्जवला, अन्न र्ोजना, वन   मिे देशवासली हली भव्र् भाित कली गािंटली ह, म आपको नव्चवास नदलाता हं,
                                                                                                            ू
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        नेशन-वन िाशन काि्ड, स्कतली दवाई, मुफ्त टलीकाककिण, जलीवन बलीमा जैसली   उसली म मिा नव्चवास है। l
                                                                   े
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        सनवधा किोड़ों परिवािों को नमलली है। र्हली है क्रांनतकािली परिवतयान।    (एक कॉन्क्लेव में पलीएम निद् मोदली के संबोधन का संपानदत अंश)
                                                                                     ें
                                                                                     न््ययू इंडि्या समाचार   16-31 मई 2023  9
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