Page 14 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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आ्वरेण कथा वर्ष्त
औि दुननर्ा के अन्र् देशों के साथ भाित पहला मददगाि िाष्ट्
ें
बना है तो कोनवि काल में दुननर्ा के नलए औषनध का कद् बन
गर्ा। भाित कली स््कथनत बलीते 9 वषषों में वैस््चवक ्कति पि भिोसेमंद ्हमारे पास समय कम ्है,
्द
पाट्डनि कली बनली है तो देश में सामानजक, आनथयाक औि िाजनैनतक लेखकन सामर्यदू भरपर ्है।
ें
आधाि पि ऐसली बनली है नक कद् सिकाि कली हि र्ोजनाओं में आम ्हमारे लक्षय कखठन ्हैं, लेखकन
नागरिक सहभागली बनकि नवकास का र्ोद्धा बन गर्ा है। “सबका ्हौसला कम न्हीं ्है। ्हमें प्हाड़
साथ, सबका नवकास, सबका नव्चवास औि सबका प्रर्ास” का जैसी ऊंचाई भले चढ़नी ्है,
मंत्र अब िाष्ट्-समाज के नवकास का ध्र्ेर् वाक्र् बन गर्ा है।
लेखकन इरादे आसमान से भी
ज्यादा ऊंचे ्हैं।
सर््वजन हिताय-सर््वजन सुखाय की सोच
एक समर् था जब जानत-धमया नवशेष को ध्र्ान में िखकि र्ोजनाएं - नरेंद्र महोदी, प्रधानमंत्ी
बनतली थली, लेनकन अब जानत, धमया से हटकि समाज के सभली वगषों
को ध्र्ान में िखकि ‘सवयाजन नहतार्, सवयाजन सुखार्’ कली भावना
के साथ समान लाभ नदलाने वालली र्ोजनाओं को लागू नकर्ा जा
िहा है। चाहे र्ुवा हो र्ा मनहला, नकसान हो र्ा गिलीब, अनुसूनचत
जानत, अनुसूनचत जनजानत, बुजुगया हो र्ा अल्पसंख्र्क, बलीते 9
वषषों में समाज का कोई भली वगया ऐसा नहीं है, नजसे मौजूदा कद्
ें
सिकाि कली र्ोजनाओं से नहीं जोड़ा गर्ा है। अगि र्ोजनाओं को
ैं
देखें तो निनजटल इंनिर्ा र्ोजना हो र्ा ्कटाट्डअप-्कटिअप इंनिर्ा,
आर्ुष्मान भाित, प्रधानमंत्रली आवास, उज्जवला, जल जलीवन नमशन,
नकसान सम्मान नननध, मुद्ा र्ोजना, ्कवनननध र्ोजना, वन नेशन-
आज 21वीं सदी का भारत, सरकारी व्यवस्थाओं वन िाशन काि्ड, सुगम्र् भाित, नई िाष्ट्लीर् नशक्षा नलीनत, कौशल
की पुरानी सहोच कहो पीछे छहोड़कर आगे बढ़ र्हा ्है। नवकास, खेलो इंनिर्ा, एक भतषी पिलीक्षा, नमशन कमयार्ोगली, ्कवच््छता
नमशन, पासपोट्ड सेवा, श्म सुधाि, ्कवानमत्व, पलीएलआई, भाितमाला
ं
आज का मत् ्है-Will for Progress. Work जैसली अनेक र्ोजनाओं कली लंबली सूचली है। भाित का हि नागरिक कद्
ें
for Progress. Wealth for Progress. सिकाि कली र्ोजनाओं का प्रत्र्क्ष-अप्रत्र्क्ष लाभाथषी है।
Plan for progress. Preference for नवकास कली पहुंच में पली्छे ्छूटे वगया हो र्ा क्षेत्र, अब उन्हें साथ
progress. ्हमने न खसफ्क पररयहोजनाओं कहो तय लेकि चल िहा है नर्ा भाित। मूलभूत जरूितों कली नचंता के साथ
्द
समय- सीमा में परा करने का work-culture हली दनलतों, नप्छड़ों, आनदवानसर्ों, सामान्र् वगया के गिलीबों के नलए
ें
खवकखसत खकया बष्ल्क आज समय से प्हल े आिक्षण सुननस््चचत नकर्ा जा िहा है। कद् सिकाि र्ह सुननस््चचत
्द
पररयहोजनाओं कहो परा करने का प्रयास ्हहो र्हा कि िहली है नक समाज कली नवकास र्ात्रा में कोई व्र्स्क्त, वगया, भू-भाग,
्है। अगर आज भारत, आधखनक इंफ्ास्ट्र्तचर के देश का कोई कोना भली पली्छे नहीं ्छूटना चानहए। नवकास सवािंगलीण
ु
होना चानहए। देश के ऐसे क्षेत्रों को आगे लाने के नलए नप्छले नौ
खनमादूण के खलए ज्यादा से ज्यादा खनवेश करने के वषषों में प्रर्ास नकए गए हैं। पूवषी भाित हो र्ा जम्मू-क्चमलीि, लद्ाख
खलए प्रखतबधि ्है, तहो व्हीं आज का भारत ्हर वहो सनहत पूिा नहमालर् का क्षेत्र हो, तटवतषी क्षेत्र हो र्ा निि आनदवासली
कदम भी उठा र्हा ्है खजससे पररयहोजनाओं में देरी अंचल, र्ह भनवष्र् में भाित कली नवकास र्ात्रा का बहुत बड़ा आधाि
्द
ना ्हहो, रुकावटें ना आएं, काम समय पर परा ्हहो। बन िहे हैं। जम्मू-क्चमलीि औि लद्ाख भली नवकास कली अपनली असलीम
संभावनाओं कली तिि आगे बढ़ चला है।
- नरेंद्र महोदी, प्रधानमंत्ी देश के नजन नजलों के नलए र्े माना गर्ा था नक र्े पली्छे िह गए,
12 न््ययू इंडि्या समाचार 16-31 मई 2023