Page 15 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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आ्वरेण कथा वर्ष्त
हमने उनकली आकांक्षाओं को भली जगार्ा है। देश में 110 से अनधक अगरो भारोर् कवी प्रगनर् को जाििा-समझेिा
आकांक्षली नजलों में नशक्षा, ्कवा्क्थ्र्, पोषण, सड़क, िोजगाि से जुड़ली है र्ो ्यह महत्वपूण्ष प्रश्न हवी इसका उत्तरो है...
र्ोजनाओं को प्राथनमकता दली जा िहली है। आकांक्षली नजले भाित के
अन्र् नजलों कली बिाबिली तक पहुंचें, उस नदशा में तेज ्कपधाया चल
n क्या कभी कोई सोच सकता था हक मेाइनस 30 हिग्ी तापमेान
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िहली है। अब कद् सिकाि ने आकांक्षली नजलों कली र्ोजना को आकांक्षली र्ाले क्त्र लद्ाख मेें नल से जल हमेल सकता िै?
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ब्लॉक तक नव्कतारित कि नवकास को अंनतम ्छोि तक सुननस््चचत n
नकर्ा है। अथयाजगत में पूंजलीवाद औि समाजवाद कली चचाया तो बहुत • असमे की ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीहबल हब्रज का हनमेा्वण इतनी
तेजी से िो सकता िै?
होतली है, लेनकन भाित सहकािवाद पि भली बल देता है। इस क्षेत्र के
n क्या कभी कोई सोच सकता था हक रोितांग मेें मेनाली-लेि
सशक्तलीकिण के नलए अलग मंत्रालर् बनाकि इस नदशा में कदम राजमेाग्व पर अटल टनल के हनमेा्वण का 26 साल बाद पूरा
उ्ठाए गए हैं। िोने र्ाला सपना मेिज 6 साल मेें पूरा िो सकता िै?
पड़ोसली देशों के नापाक इिादों को उसके घि में घुसकि ध्व्कत
n देश के गांर्-गांर् मेे रसोई गैस, हबजली, सड़क की सुहर्धा का
किने वाले भाित के इिादे आज बुलंद हैं तो उसकली वजह बलीते नौ हर्स्तार कुछ र्र्षषों मेें िो सकता िै और पररपूण्वता के लक्षय तक
वषषों में सिकाि कली ओि से हि नदशा में समग् दृस्ष्टकोण के साथ पिुंच सकता िै?
उ्ठाए गए कदम हैं। जहां सलीमावतषी क्षेत्रों में संपक्क के नलए सड़क,
n 11 करोड़ से अहधक शौचालय बनाकर देश को खुले मेें शौच से
पुल बनाए जा िहे हैं तो पलार्न िोकने के नलए वाइब्रट नवलेज मेुक्त कराया जा सकता िै?
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प्रोग्ाम चलार्ा जा िहा है। सिकाि ने नप्छले 9 वषषों में एक ढांचा
n 48 करोड़ गरीबों को जन-धन से बैंक खाते खोलकर उन्िें
खड़ा नकर्ा, उसली का परिणाम है नक कोनवि जैसली वैस््चवक महामािली
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में भली भाित ने अपनली िणनलीनतक तैर्ारिर्ों से दुननर्ा को न नसि्क बहकंग हसस्टमे से जोड़ा जा सकता िै?
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चौंकार्ा बस्ल्क दुननर्ा को भली संजलीवनली देने वाला ‘हनुमान’ बनकि • आयुष्मेान भारत जैसी योजना से 60 करोड़ लोगों को मेुफ्त
उभिा। भाित कली वैस््चवक धमक का अंदाजा इसली बात से लगार्ा जा 5 लाख रु. तक इलाज की गारंटी देकर देश यूहनर्स्वल
सकता है नक दुननर्ा अब भाित कली क्षमता को न नसि्क ्कवलीकाि कि िेल्थकेयर की सुहर्धा दे सकता िै?
n कज्व मेें िूबे हकसानों को 10 साल मेें 7 लाख करोड़ रुपये की
िहा है, बस्ल्क र्ह मानने को मजबूि हुआ है नक र्ह नर्ा भाित है
नजसकली सां्ककृनतक औि पािंपरिक नविासत समृद्ध है औि वह जो सम्मेान हनहध से कज्व मेुक्क्त की ओर ले जाया जा सकता िै?
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्ठान ले उसे पूिा किके हली दम लेता है। n क्या स्ककूल के बच् खेल-खेल मेें अनोखे इनोर्ेशन करेंगे और
34 साल बाद देश मेें नई राष्ट्ीय हशक्ा नीहत का सपना साकार
धारणा और सोच मेें िुआ बदलार् िो सकता िै?
प्रधानमंत्रली निद् मोदली लाल नकले कली प्राचलीि से लेकि कई मंचों पि n देश का युर्ा स्टाट्टअप से रोजगार देने र्ाला बन सकता िै?
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ऐसे कामों कली िेहरि्कत नगना चुके हैं जो आजादली के शुरुआतली वषषों n बोिो-ब्रू-ररयांग जैसे समेझौतों से दशकों की समेस्या का
में हली हो जाना चानहए था। लेनकन उन नवषर्ों पि ्कथार्ली समाधान समेाधान िो सकता िै?
कली दलीघयाकानलक सोच तब नहीं अपनाई गई। ऐसे में जो काम सात n हसक्क्कमे पिली बार भारत के एहर्एशन मेैप पर उभर सकता िै?
दशकों से लंनबत र्ा कहें नक अटके-लटके पड़े थे, उसे मौजूदा
n क्या अनुच्छछेद 370 के प्ार्धानों को ठीक कर जम्मेू-कश्मेीर
नेतृत्व में देश आज साकाि होते हुए देख िहा है। अब देश को ननर्नत को राष्ट् की मेुख्यधारा मेें बराबरी के साथ खड़ा हकया जा
सकता िै?
इडतहास साक्ी है डक डकसी राष्ट् का गौरव तभी
चैतन््य रहता है जब वो अपने स्वाडभमेान और n हट्पल तलाक जैसी सहदयों की कुप्था का अंत िो सकता िै?
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बडलदान की परंपराओं को अगली पीढ़ी को भी n सामेाहजक समेरसता के साथ रामे मेहदर के हनमेा्वण का मेाग्व
डसखाता है, संस्काररत करता है, उन्हें इसके डलए प्शस्त िो सकता िै?
डनरंतर प्रेररत करता है। डकसी राष्ट् का भडवष््य तभी n क्या कोहर्ि जैसी आपदा के र्क्त कोई नेतृत्र् आत्मेहनभ्वर
उज्जवल होता है जब वो अपने अतीत के अनुभवों भारत की अलख जगाकर देश के अपार जनसमेि को उससे
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और डवरासत के गव्ष से पल-पल जुड़ा रहता है। जोड़ सकता िै?
न््ययू इंडि्या समाचार 16-31 मई 2023 13