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     सपशल ररपोर्ट   आंबेिकर पररिनवा्थण िदवस





              पंचि्तीर्थ











              बना युर्ा पीढ़ी के




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              दलए प्रणा सरल





           बाबासाहेब आंबेिकर न िसफ्फ संिवधान िनमा्थता

           रे, बकलक कुशल अर्थशासत्ी, सामािजक िचंतक

           और सव्थसमावेशी सोच के सार िवकास के वाहक
           भी रे। वे ऐसे िवशव मानव रे िजनहोंने कमजोर                             महू में जनमभूतम                ं

                                                                            ै
                                                                       मोदली ने उनकली जनमट्थलली महू में शद्ा सयुमन अनपयात नकए। जनमट्थलली
           और वंिचतों की सेवा में अपना जीवन समिप्थत                    14 अप्रल 2016  को डॉ. आंबेडकर कली 125वीं जरंतली पर प्रधानमत्रली
                                                                                                         ं
           कर िदिा। उनका जीवन आज भी िुवाओं के िलए                      पर जाकर शद्ांजनल देने वाले वे देश के पहले प्रधानमत्रली बने। इस  ं
                                                                        ट्मारक कली आधारनशला 1991 में मधर प्रदेश में ततकाललीन मयुखरमत्रली
           प्रेरणा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने भारतरत्न िॉ.             संदर लाल पटवा के समर रखली गई थली। आज रह ट्मारक बाबा साहेब
                                                                         यु
           आंबेिकर से जुड़े सरलों को ‘पंचतीर्थ’ के तौर पर               के प्रनत शद्ा रखने वाले लोगों के नलए एक तलीथया ट्थल बन चयुका है।
                                                                        महू में ट्थानपत डॉ. आंबेडकर इट्टलीट्ूट को उनकली जरंतली के मौके
                                                                                           ं
           िवकिसत कर िदिा सबका सार, सबका िवकास                          पर हली मधर प्रदेश में ट्टेट रूननवनसयाटली का दजाया नदरा जा चयुका है।

           और सबका िवशवास का संदेश



                  बा साहेब ने अपना जलीवन नपछड़े समाज, वंनचत समदार,          हमारे सलए सौभा्य की बात है सक
                                                         यु
                  दनलतों और आनदवानसरों के नलए समनपयात कर नदरा। नवकास       हमें बाबा साहेब से जुड़े 5 सथानों को
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         बाकली दौड़ में जो पलीछे छट गए और नजनको पलीछे छोड़ नदरा गरा,         पंचतीथमा के तौर पर सवकससत करने
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        ऐसे समदारों में आज चेतना जगली है, नवकास कली भूख जगली है, अनधकार
        कली आकांक्ा पैदा हई है। रे चेतना बाबा साहेब आंबेडकर कली हली देन है।”     का अवसर समला है। महू में बाबा
                      यु
        संनवधान के जररए समाज को एकसूत्र में नपरोने वाले डॉ. भलीमराव आंबेडकर   साहेब की जन्मभूसम, लंदन में उनकी
        के प्रनत प्रधानमंत्रली नरेंद्र मोदली के रे नसफ्क शबद नहीं, नए भारत का संकलप   सशषिा भूसम, नागपुर में दीषिाभूसम,
        है। एक ऐसा भारत जहां सभली के नलए समान अवसर और अनधकार मौजूद         मुंबई में चैतय भूसम और  सद्ली में
        हो, जानतगत उतपलीड़न से मकत हो और तकनलीक कली ताकत के जररए प्रगनत     उनकी महापररसनवामाण भूसम।
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        कर रहा हो। केंद्र सरकार ने बाबासाहेब के सपनों को 2022 तक पूरा करने   नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्रली
                              यु
        के नलए लक्र रखा तो उनसे जड़ली ट्मृनतरों को पंचतलीथया के तौर पर नवकनसत




          6  न्यू इंडिया समाचार
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