Page 36 - NIS Hindi November 1-15
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देश        सवासमतव योजना










































                  रेरी संपत्त्त, रेरा हक





                  ग्ामीणों को समला ररहायशी िंपसत्त का कानूनी हक



        कोरोना काल में ही शुरू हुई योजना कैिे उिी दौर में िाकार हो रही है, इिकी अद्भूत समिाल बनी सवासमतव योजना।
        भूसम ररकॉडटि का सडसज्लीकरण कर ग्ामीण क्ेत्रों को िशकत और गांव-गरीब को आतमसनभ्यर बनाने की सदशा में केंद्र

        िरकार ने उठाया रिांसतकारी कदम। छह राजयों के 763 गांवों में 1 लाख िंपसत्त काडटि का सकया गया सवतरण
        भा         रत रत्न और गांवों को ट्वावलंबन बनाने के प्रणेता


                             यु
                   नानाजली देशमख ने कहा था नक गांवों के लोग नववादों
                   में फंसे रहेंगे तो न अपना नवकास कर पाएंगे और न
        हली समाज का। उनहीं के संदेशों पर नपछले छह साल से गांवों को   अब आप सवशवाि िे कह िकते हैं सक ये प्रॉप्ती आपकी
                                                                है। आतमसनभ्यर भारत असभयान में सवासमतव योजना,
        सशकत बनाने कली नदशा में कदम बढ़ा रहली मोदली सरकार ने अब ऐसा   गांवों में ऐसतहासिक पररवत्यन लाएगी। देश ने ठान सलया
                           रै
        अनभरान हाथ में नलरा ह, नजसकली तरफ आजादली के छह दशक      है सक गांव और गरीब को आतमसनभ्यर बनाना है। इि
        तक सरकारों ने कोई धरान नहीं नदरा। प्रधानमंत्रली नरेंद्र मोदली कहते   िंकलप सिसद के सलए सवासमतव योजना की भूसमका बहुत
                     रै
        हैं, मझे नवशवास ह ‘ट्वानमतव रोजना’ हमारे गांवों में अनेक नववादों   बड़ी है। बैंकों िे लोन लेकर गांवों में ही अब अपना काम-
            यु
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        को खतम करने का बहत बड़ा जरररा बनेगली।                  धंधा शुरू कर िकते हैँ। गांवों में रोजगार के िाधन बढ़ेंगे
          दरअसल गांवों में भूनम कली सलीमा का ननधायारण नहीं होने से   और गांव के लोग और असधक िंपन् हो िकेंगे।
        संपनत्त को लेकर झगड़े होते रहते थे। वजह रह थली नक सरकारली           - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

        लेखा-जोखा रा ररकाड्ट ग्ामलीणों के पास नहीं होता। केंद्र सरकार ने


          34   न्यू इंडिया समाचार
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