Page 12 - NIS Hindi, 16-30 November,2022
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राष्टट्र  संमवीधान मदवीस मवीशेष




           एक बाि 2014 में लाल नकले के प्राचलीि से जो   संत्र्धान त्दर्स को   स्वाभानवक औि जरुिली भली था। महात्मा गांधली समेि
        मैने कहली थली उसको दोहिाऊंगा, संनवधान को अगि   इसत्लए भी मनाना   हि कोई भािि के नागरिकों को उनके अनधकाि नमले
        दो सिल शब्दों में कहना है िो कहूंगा ‘निगनलीनट   चात्हए, ्त्थ्ोंत्क   इसनलए वह लड़िे िहे र्ह बहुि स्वाभानवक है। र्ह
        फॉि इंनिर्न एंि र्ूननटली फॉि इंनिर्ा’ इन्हली दो मंत्रों         भली सहली है नक महात्मा गांधली ने आजादली के आंदोलन
        को हमािे संनवधान ने साकाि नकर्ा है। नागरिक कली   ्थ्ह इस बाति का   में  अनधकािों  के  नलए  लड़िे-लड़िे  भली,  देश  को
        निगनलीनट को सववोच्च िखा है औि संपूणया भािि कली  मूल््थ्ाकंन करने का   कियाव्र् के नलए िर्ाि किने कली लगािाि कोनशश कली
                                                                                     ै
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        एकिा औि अंखििा को अक्ण्ण िखा है। हमािा   अर्सर देतिा है त्क     थली। उन्होंने भािि के नागरिकों में उस बलीज को बोने
        संनवधान वैक््चवक लोकिंत्र कली सववोच्च उपलक्ब्ध है।   हमारा जो रास्तिा है,   कली  लगािाि  कोनशश  कली  थली।  सफाई  किो,  प्रौढ़
        र्ह न केवल अनधकािों के प्रनि सजग है बक्ल्क   र्ह सही है ्थ्ा नहीं है।   नशक्ा किो, नािली सम्मान किो, नािली को सशक्ि
        हमािे कत्तयाव्र्ों के प्रनि हमें जागरूक भली बनािा है।           किो, खादली पहनो, स्वदेशली अपनाओ, आत्मननभयाि
        एक  दृक्ष्ट  से  हमािा  संनवधान  दुननर्ा  में  सबसे             का  नवचाि  औि  कियाव्र्ों  कली  ििफ  महात्मा  गांधली
                                                                                      ै
        अनधक पंथननिपेक् है। हमें क्र्ा किना है, नकिने                   लगािाि देश को िर्ाि कििे िहे। महात्मा गांधली ने
        बड़े सपने देखने हैं औि कहां िक पहुंचना है इसके   आजादी के अमृति   जो कियाव्र्ों के बलीज बोए थे, वो आजादली के बाद वट
        नलए नकसली भली प्रकाि कली बंनदश नहीं है। संनवधान में   महोत्सर् में हमारे   वृक् बन जाने चानहए थे, लेनकन दुभायाग्र् से अनधकाि

        हली अनधकाि कली बाि है औि संनवधान में हली कत्तयाव्र्ों   त्लए आर्श््थ्क है   कली हली बािें कि लोगों को ऐसली व्र्वस्था में िखा नक
        के पालन कली अपेक्ा है। क्र्ा हम एक व्र्क्क्ि, एक   त्क कति्यव््थ् के प्थ   हम  हैं  िो  अनधकाि  पूिे  होंगे।  अच्छा  होिा  देश
        परिवाि औि एक समाज के िौि पि अपने कत्तयाव्र्ों   पर आगे बढ़ें तिात्क   आजाद होने के बाद कियाव्र् पि बल नदर्ा होिा, िो
        को  लेकि  उिने  हली  गंभलीि  हैं  नजिना  कली  हमािा   अत्धकारों की रक्ा   अनधकािों कली अपने आप िक्ा होिली।
        संनवधान, हमािा देश, हमािे देशवानसर्ों के सपने                      कियाव्र्ों से दानर्त्व का बोध होिा है, कियाव्र् से
        हमसे अपेक्ा कििे हैं। जैसा नक िाजेंद्र बाबू ने कहा   हो।        समाज के प्रनि एक नजम्मेदािली का बोध होिा है।
        था नक जो संनवधान में नलखा नहीं है उसको हमें                     अनधकाि से कभली-कभली एक र्ाचकवृनत्त पैदा होिली है

        कन्वेन्शन से स्थानपि किना होगा औि र्हली भािि                    नक मुझे मेिा अनधकाि नमलना चानहए, र्ानली समाज
        कली  नवशेषिा  भली  है।  बलीिे  दशकों  में  हमने  अपने           को कुंन्ठि किने कली कोनशश होिली है। कियाव्र् के
        अनधकािों पि बल नदर्ा जो आव्चर्क भली था औि ्ठलीक भली था।   भाव से सामान्र् मानव के जलीवन में एक भाव होिा है नक र्ह मेिा
        क्र्ोंनक समाज में ऐसली व्र्वस्थाएं बन गई हैं नजनके चलिे एक बड़े   दानर्त्व है मुझे इसको ननभाना है। जब मैं कियाव्र् का पालन कििा हूं
        वगया को अनधकािों से वंनचि िखा गर्ा था। नबना अनधकािों से परिचर्   िो अपने आप नकसली न नकसली के अनधकाि कली िक्ा हो जािली है। इस
        किाए इस बड़े वगया को समानिा, समिा औि न्र्ार् का अहसास   ििह कियाव्र् औि अनधकाि साथ-साथ चलिे हैं औि स्वस्थ समाज
        नदला पाना संभव नहीं था। लेनकन आज समर् कली मांग है नक जब   कली िचना होिली है।
        हमें अनधकािों के साथ हली एक नागरिक के िौि पि अपने कत्तयाव्र्ों,   आजादली के अमि महोत्सव म हमािे नलए बहि आव्चर्क है नक हम
                                                                                              ु
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        अपने दानर्त्व पि मंथन किना हली होगा। क्र्ोंनक दानर्त्व को ननभाए   कियाव्र्ों के माध्र्म से अनधकािों कली िक्ा किने के िास्ि पि चल पड़े।
                                                                                                   े
        नबना हम अपने अनधकािों को सुिनक्ि नहीं िख सकिे हैं। एक   कियाव्र् वो पथ है नजसम अनधकाि कली गािंटली है। कियाव्र् वो पथ है, जो
                                                                              ें
        नागरिक जब अपने बच्चे को स्करूल भेजिा है िो मां-बाप अपना   अनधकाि औि सम्मान के साथ दूसिे को स्वलीकृि कििा है, उसको हक
        कियाव्र् ननभािे हैं लेनकन वह मां-बाप जागरूकिा पूवयाक अपने बच्चे   दिा है। आज जब हम सनवधान नदवस मना िहे ह, िब हमािे भलीिि भली
                                                                              ं
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        को मािृभाषा सलीखने का आग्रह िखिे हैं िो वे एक नागरिक का   र्हली भाव ननििि जगिा िहे नक हम कियाव्र् पथ पि चलिे िह। कियाव्र् को
                                                                                                     ें
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        कियाव्र् ननभािे हैं। देश सेवा का कियाव्र् ननभािे हैं। अगि बूंद-बूंद   नजिनली अनधक मात्रा म ननष््ठा औि िपस्र्ा के साथ हम ननभाएंगे, हि
                                                                             ें
        पानली बचािा है वो अपना नागरिक कियाव्र् भली ननभािा है।  नकसली के अनधकािों कली िक्ा होगली। आजादली के दलीवानों ने नजन सपनों को
           र्ह आजादली के 75 साल हैं, र्ह अमृिकाल है। अंग्रेज भािि के   लेकि भािि को बनार्ा था उन सपनों को पिा किने का सौभाग्र् आज
                                                                                           ू
        नानगिकों  के  अनधकािों  को  कुचलने  में  लगे  थे।  नहन्दुस्िान  के   हम लोगों को नमला है। हम लोगों को नमलकि उन सपनों को पिा किन  े
                                                                                                        ू
        नागरिकों  को  उसके  अनधकाि  नमले  उसके  नलए  लड़ना  बहुि   ें
                                                             म कोई कसि नहीं छोड़नली चानहए। n


          10  न््ययू इंडि्या समाचार   16-30 नवंबर 2022
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