Page 4 - NIS - Hindi, 01-15 January 2023
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संपादक की कलम से...
अमृत काल बन रहा है विकास
और विरासत का आसथा काल
सादर नमसकार।
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नववषदू की आप सभी को बहुत-बहुत के सश्तीकरर स अमृतकाल जन-जन के
शुभकामनाएं। खलए आसथा का काल बन रहा है। ्ही हमारी
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वषदू 2023 हर साल की भांखत केवल नववषदू के खवशष अंक की आवरर कथा बनी
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कैलेंडर में बदलाव भर नहीं है। ्ह राष्ट्र की है, खजसमें हमन बता्ा है खक कैस सांसकृखतक
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जीवन ्ात्ा का एक बहद महतवपर पड़ाव खवरासत स जुड़े सभी प्र्ास गुलामी की छाप
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है। अमृत महोतसव स अमृत काल की ्ात्ा को खमटात हुए जन-जन को खवरासत पर गवदू
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की ओर बढ़ रहा भारत एक नई गौरव गाथा करन का अवसर द रह हैं। साथ ही, न्ा भारत
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खलिन को तै्ार है। संकलप शक्त के वषदू के अब अतीत के गौरव के साथ भखवष्् का
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साथ नव वषदू में प्रवश भारत को नई ऊजादू स ये सवागत करन को तै्ार है।
ओतप्रोत कर रहा है। ऐस में प्रधानमंत्ी नरेंद्र इस अंक में व्क्ततव के रूप में काशी स ये
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मोदी न लाल खकल की प्राचीर स खवरासत पर पहल भारत रत्न बन डॉ. भगवान दास को
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गवदू का जो संकलप खल्ा है, वह साकार हो उनकी ज्ंती 12 जनवरी पर कृतज्ञ राष्ट्र की
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रहा है। नए भारत में नई सोच का उद् हो रहा ओर स नमन है। आतमखनभदूर हो रह भारत की
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है। भारत को खवकखसत राष्ट्र बनान के कृत खवखशष्ट पहचान बनी जी20 की अध्षिता
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संकलप में सांसकृखतक खवरासत एक महतवपर दू और उस कड़ी में हो रह का्दूक्रम भी इस अंक
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अध्ा् है, खजस खदशा में प्र्त्नशील भारत न ये में शाखमल हैं। प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी न महाराष्ट्र
एक नई शुरुआत की है। सांसकृखतक खवरासत और गोवा को जो खवकास की सौगातें दी हैं उस ये
की समृखधि राष्ट्र की प्रार वा्ु बनी है ््ोंखक भी अंक में शाखमल खक्ा ग्ा है। ्ोजनाओं
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सांसकृखतक वैभव खकसी भी राष्ट्र की सफलता में उजाला स हो रहा दश रोशन और प्रधानमंत्ी
का पररचा्क होता है। फसल बीमा ्ोजना की उपलक्ध्ां भी
वषदू 2023 की शुरुआत नए भारत की इस अंक में हैं। साथ ही, अमृत महोतसव की
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समृखधि के साथ हो रही है। सांसकृखतक खवरासत शृंिला में महाना्कों की वीर गाथा, थल सना
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पर गवदू करता भारत, अपन अद् भुत गौरवशाली खदवस और राष्ट्री् ्ुवा खदवस के रूप में मनाए
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इखतहास के साथ वतदूमान में नए आ्ाम जान वाल सवामी खववकानंद जी की ज्ंती को
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जोड़त हुए सुनहर भखवष्् की पटकथा खलि भी इस अंक में रिा ग्ा है।
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रहा है। सही अथथों में खवकास और खवरासत आप अपना सुझाव हमें भजत रहें।
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हिदी, अग्जी व अन्य 11 भाषाओं म उपलब्ध
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पहरिका पढ़/डाउनलोड कर।
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https://newindiasamachar.pib.gov.in/news.aspx
(सत्येन्द्र प्रकाि)