Page 17 - NIS Hindi 01-15 July,2023
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आवीरण क्था जीए्सटी के 6 वीर् ्ज









                                                                    एक राष्ट्-एक कर से पूरे दश
                                                                                                    े
                                                                    मेें टक्स की समेान दरें लागू
                                                                        ै
                                                                     ैं
                                                                    ह। 17 बड़ टक्स और 13 उपकर
                                                                              े
                                                                                ै
                                                                                              ैं
                                                                    अब इसी मेें शालमेल ह। कर
        3. टैक्स पर टैक्स नहीं ्चढ़रेगा
        जीएसटी के पहोले जो टैक्स व्यवस्र्ा लागू र्ी, उस्में न र्सफ्फ   व्यवस्ा मेें पारदलशथिता और
        एक वस्तु पर कई अलग-अलग टैक्स लगते र्े, बश्ल्क कई            जवाबदही सुलनलचित हुई ह।
                                                                             े
                                                                                                  ै
        ्मा्मलों ्में टैक्स के ऊपर टैक्स भी लग जाता र्ा। ऐसा इसर्लए
        होोता र्ा, क्योंर्क बहोुत सी वस्तुएं दो या दो से अर्िक तरहो की   सरल पंजीकरण और तेज
        श्णी ्में आ जाती र्ीं। अब ये र्दक्कत खत््म होो गई होै क्योंर्क   गतत से ररफड ने व्यवस्ाओ ं
          े
                                                                                 ं
        अब जीएसटी अंर्त्म रूप से उपभोक्ता को होी अदा करना होै।
                                                                                           ै
        बीच ्में अगर र्कसी को जीएसटी चुकाना पड़ा होै तो उसका पैसा    को सुगमे बनाया ह।
        इनपुट टैक्स क्ेर्डट र्सस्ट्म से स्मायोर्जत होो जाता होै।
        4. पूरी तरह ऑनलाइन तसस्टम
        जीएसटी के र्सस्ट्म ्में सारे सौदों की जानकारी ऑनलाइन
        अपडेट रखनी होोती होै। होर सौदे की रसीद, सप्लाई लेने वाले
        और सप्लाई देने वाले, दोनों के पास रहोती होै। दोनों
        अपनी-अपनी रसीदों की ्मदद से इनपुट टैक्स क्ेर्डट का लाभ
        ले सकते होैं। सौदों का र््मलान न होुआ तो ऑनलाइन होी गड़बड़ी
        पकड़ ्में आ जाएगी। होर स्टेज पर जीएसटी ज्मा करने की
            े
        र्जम््मदारी ऊपर वाले कारोबारी की होोने से टैक्स भुगतान की
        चेन नहोीं टूटेगी। क्योंर्क कोई भी कारोबारी अपने क्ेर्डट का
        नुकसान नहोीं करना चाहोेगा।
        5. टैक्स रेट पर मनमानी नहीं
        पहोले के टैक्स र्सस्ट्म ्में राज्य सरकारें अपने यहोां र्बकने
        वाले सा्मान पर अपनी ्मजवी से टैक्स वैट के रूप ्में लगाती र्ीं।
        अब पूरा भारत एक बाजार होो गया। अंतरराज्यीय नाके होटा
                          े
        र्दए गए। एंट्ी टैक्स खात््म के बाद शहोरों ्में एंट्ी सुग्म होो गई।
        र्वर्भन्न राज्य ्मनोरंजन के ना्म पर 35% से 110% तक टैक्स
        वसूल रहोे र्े। इस्में भारी क्मी होुई। जीएसटी की दर ्में र्कसी
        तरहो के बदलाव के र्लए जीएसटी काउंर्सल बनाई गई होै।         जीएसटी भारत क आर्थथिक पररदृश्य मे   ें
                                                                                   े
                                                                  मेील का पत्थर साबबत हुआ ह। इसने करों
                                                                                             ै
                                                                    की संख्ा, अनुपालन बोझ और आमे
        एसेसमेंट से जूझना पड़ता ्था। इसके अलावा टै्तस की दरें बहुत   आदमेी पर समेग्र कर बोझ मेें कमेी की ह  ै

                         ें
        ऊंची ्थीं। वैट और कद्री्य उत्पाद शुल्क की सामान््य दरें क्मशः   जबबक पारदलशथिता, अनुपालन और कर
        14.5% और 12.5% ्थीं। इतना ही नहीं, इन पर सीएसटी भी               संग्रह मेें काफी वृद्धि हुई ह। ै
        लगोता ्था और अंततः टै्तस दर अभधकतर वस्तुओं पर 31 प्रभतशत
        तक पहुंच जाती ्थी। ऐसे में करदाता के पास दो ही भवकल्प होते
                                                                          - नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी




                                                                                     न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 जुलाई 2023 15
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