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राष्टट्  आत्मजनभ्षर भारत: सफलता के 3 वर््ष





        देशों के नलए एक सुिक्ा कवच का काम नकर्ा।
           भाित को लेकि पहले एक माइंिसेट र्े भली था नक भाित उत्पादन
                                                                                                     े
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        के क्त्र में बेहति नहीं कि सकता, इसनलए उसे नसि्क सेवा क्त्र पि   21वीीं सदी को भारत की सदी बनाने क सपने
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                                                                              े
        ध्र्ान देना चानहए। नए नेतृत्व में भाित सेवा क्त्र संवाि िहा है तो   को पूरा करने क लिए हमेें यह सुलनलचित करते
                                           े
        उत्पादन क्त्र को भली समृद्ध कि िहा है। दुननर्ा में कोई भली देश नसि्क   हुए आगे बढ़ना ह कक दश आत्मलनभ्भर हो जाए।
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                                                                                     े
                                                                               ै
        सेवा र्ा उत्पादन क्त्र का नवकास किके आगे नहीं बढ़ सकता। र्हली   भूमेंडिीकत दुलनया मेें आत्मलनभ्भरता क मेायने
                      े
                                                                       ृ
                                                                                                     े
        वजह है नक आत्मननभयाि भाित अनभर्ान के तहत भाित ने अपने   बदि गए ह। जब भारत आत्मलनभ्भरता की
                                                                            ैं
                                                      े
        उद्नमर्ों के नलए स्टपेस, नििेंस, ड्ोन, माइननंग, कोल, अनेक क्त्रों   बात करता ह, तो वीह आत्मकद्रित व्यवीस्ा की
                                                                                          ें
                                                                           ै
        को िोला है नजसके कािण िोजगाि कली संभावनाओं में नई गनत आई   वीकाित नहीं करता ह। भारत की प्रगकत मेें
                                                                                      ै
        है। परिणामस्टवरूप, भाित ननवेश के नलए एक आकषयाक गंतव्र् भली   हमेेशा कवीश्व की प्रगकत समेाहहत रही ह। ै
        बन गर्ा है।
           आत्मननभयाि  भाित  के  पांच  स्टतंभ  के  रूप  में  अथयाव्र्वस्टथा,   - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी
        बुननर्ादली  ढांचा,  प्रणालली,  उत्साहली  आबादली  औि  मांग  को  सामने
        ििा गर्ा है। अथयाव्र्वस्टथा जहां लंबली ्छलांग सुननष््चचत कितली है
        तो बुननर्ादली ढांचे को भाित कली पहचान के तरौि पि सामने ििा
        गर्ा है। प्रणालली को 21वीं सदली कली प्ररौद्ोनगकली से जोड़ने, उत्साहली
        आबादली  को  आत्मननभयाि  भाित  कली  ऊजाया  तो  मांग  औि  पूनतया  कली
        ताकत का पूिा उपर्ोग पूिली क्मता से किने पि बल नदर्ा जा
        िहा  है।  इन  नचष्न्हत  स्टतंभों  पि  नकए  गए  सुधाि  का  असि  अब
        साि-साि नदिने लगा है।
                                                                   े
                                                             रक्ा क्त्र में  उच्चतम स्तर र्र नि्या्षत
        750 अरब डॉलर से अनधिक का नि्या्षत                    भाित अपने िक्ा उपकिणों के उत्पादन में आत्मननभयािता कली तिि
        आत्मननभयाि होते भाित ने आजादली के 75वें वषया में 750 अिब िॉलि   अग्सि होने के साथ हली बड़े ननर्ायातक के रूप में उभि िहा है। भाित

        का ननर्ायात किके उच्चतम स्टति को पार्ा है। नवत् वषया 2020-21 में   ने नवत् वषया 2022-23 में 15,920 किोड़ रुपर्े का िक्ा ननर्ायात
        र्ह आंकड़ा 500 अिब िॉलि था। नप्छले नरौ वषथों में ऐसे आधाि   किके अपने उच्चतम स्टति का एक नर्ा रिकॉि्ड बनार्ा है। र्ह
        तैर्ाि किने पि सिकाि ने ध्र्ान कनद्त नकर्ा है जो अगले कई वषथों   नप्छले वषया कली तुलना में 3,000 किोड़ रुपर्े अनधक औि 2016-
                                 ें
        तक अथयाव्र्वस्टथा के ननबायाध औि लगाताि जािली िहने वाले नवकास   17 के मुकाबले 10 गुना से ज्र्ादा है। इस उपलष्ब्ध पि पलीएम
        के नलए आव्चर्क हो। भाित को आत्मननभयाि बनाने के नलए सिकाि   निद् मोदली ने कहा, “उत्कृष्ट! र्ह भाित कली प्रनतभा औि ‘मेक इन
                                                               ें
        का प्रर्ास दिवाजे बंद किने का नहीं है बष्ल्क उन्हें इस लक्षर् के   इंनिर्ा’ के प्रनत उत्साह कली स्टपष्ट अनभव्र्ष्क्त है। इससे र्ह भली पता
        साथ औि िोलने के बािे में है जहां प्रनतस्टपधती औि तुलनात्मक लाभ   चलता है नक नप्छले कु्छ वषथों में इस क्त्र में नकए गए सुधाि अच््छ  े
                                                                                          े
                                            ें
        अंतििाष्ट्रलीर् व्र्ापाि को तर् किें। प्रधानमंत्रली निद् मोदली ने 750   परिणाम दे िहे हैं। हमािली सिकाि भाित को िक्ा उत्पादन कद् बनाने
                                                                                                       ें
        अिब िॉलि ननर्ायात कली उपलष्ब्ध पि कहा है, “र्हली वह भावना है   के प्रर्ासों का समथयान कितली िहेगली।”
        जो आने वाले वक्त में भाित को आत्मननभयाि बनाएगली।”       किलीब आ्ठ वषया पहले एक आर्ातक देश कली पहचान ििने
           केंद्लीर्  वानणज्र्  एवं  उद्ोग  मंत्रली  पलीर्ूष  गोर्ल  कहते  हैं  नक   वाला भाित अब ड्ोननर्ि-228, 155एमएम एटलीएजली, ब्रह्ोज औि
        भाित कली मजबूत वृहद अथयाव्र्वस्टथा, मजबूत नवदेशली मुद्ा भंिाि,   आकाश नमसाइल, ििाि, नसमुलेटि, नपनाका िॉकेट औि लॉन्चि,
        अपेक्ाकृत कम मुद्ास्टिलीनत औि प्रधानमंत्रली के नेतृत्व में उद्मशलीलता   बॉिली आमयाि सनहत कई उपकिण ननर्ायात कि िहा है। दुननर्ा में
        कली भावना न केवल आर्ानतत वस्टतुओं में कमली लाने में बष्ल्क   एसलीएल-तेजस,  लाइट  कॉम्बैट  हेललीकॉप्टि,  एर्िक्राफ्ट  कैरिर्ि
        लागत प्रभावली अथयाव्र्वस्टथा को प्राप्त किने औि अंतििाष्ट्रलीर् बाजाि   औि एमआिओ कली मांग बढ़ली है। भाित अभली 85 से अनधक देशों को
        में प्रनतस्टपधाया किने के नलए घिेलू इकोनसस्टटम को एक साथ लाई है।   िक्ा ननर्ायात कि िहा है।




                                                                                     न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 मई 2023  25
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