Page 11 - NIS Hindi 01-15 Aug 2025
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व्यक्ति�तंत्वां दिवांक्रमा साराभााई


















                             भाार� को अं�रिरक्ष �क
                             भाार� को अं�रिरक्ष �क


                                ले जाने �ाले नायाक
                                 ले जाने �ाले नायाक

         अहमदोाबादो का प्रजिसद्ध कापड़ोा मिमल मामिलका औरी समाजासवेी अबालाल सारीाभााई का घरी 12 अगस्त 1919 काो एका बच्चेे ने जान्म मिलयोा।
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                                                                       े
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           घरी परी भाारीत का चीोटी का बश्विद्धजाीवेी औरी वेैज्ञााविनकां काी बैठाका जामा कारीती थीी। एका दिदोन गुरुदोवे रीवेंद्रनाथी ठााकारी भाी आंए। काहते ह  ं
                                                                                े
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         गुरुदोवे काो उन दिदोनं माथीा दोखकारी भाविवेष्यवेाणी कारीने काा शुौका थीा। बच्चेे काो उनका सामने लायोा गयोा। चीौड़ोा ललाट दोख गुरुदोवे बोल,
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        “योे बच्चेा एका दिदोन बहुत बड़ो कााम कारीगा।” आंगे चीलकारी उनकाी वेाणी सची साविबत हुई। इस बच्चेे काा नाम थीा, विवेक्रम सारीाभााई। जिजान्होंन  े
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                            जिसफ बड़ोा कााम ही नहं विकायोा, बल्कि� भाारीत काी अंतरिरीक्ष योात्रा काी नंवे भाी रीखी…
                                      जन्मे : 12 अगस्ता 1919   मेृत्याु : 31 लि�संंबर 1971
                चीपने से ही ति�क्रमें साराभाई ति�ज्ञााने केी बारीकेी और मेंशीने   टेक्नोोलॉजोी से उनेकेा �ास्�ा ने था, लतिकेने उन्हंनेे अहमेंदेाबादे टेक्सटाइल
                                                                                      े
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                केी देतिनेयाा केी ओर आकेतिष�� होनेे लगे थ। मेंा सरलादे�ी   इडीस्ट्रीजो रिरसची एसोतिसएशने(अति�रा) जोसी संस्था खड़ी केर देी। इस
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         ब नेे मेंांटेसरी स्केूल खोला। बालके ति�क्रमें केी प्रारतिभके     संस्था नेे भार� मेंं �स्त्रा उद्योगे केे आधातिनेकेीकेरण मेंं अहमें भतिमेंकेा तिनेभाई।
                                                                                                    ू
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        तिशक्षा-देीक्षा याहं हुई। बादे मेंं 1937 मेंं ति�टने मेंं केल्किम्�जो केे संट जोॉन्स   भौति�केी अनेुसंधााने प्रयाोगेशाला (हैदेराबादे), ति�क्रमें साराभाई अ�रिरक्ष केंद्र
                                                                    ं
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        केॉलजो मेंं देातिखला ले तिलयाा। �हा से �ष� 1940 मेंं प्राकेृति�के ति�ज्ञााने मेंं   (ति�रुअने�पुरमें), र्फास्ट �ीडीर टेस्ट रिरएक्टर (के�पक्केमें), परिर��ी ऊजोा  �
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        ट्राइपोस केरकेे तिनेकेले। याह ति��ीया ति�श्� याुद्ध केा समेंया था। इसतिलए ति�क्रमें   साइक्लोट्रॉने परिरयाोजोनेा (केोलकेा�ा), भार�ीया इलेक्ट्रॉतिनेक्स तिनेगेमें तिल.
                                                                               े
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        भार� लौट आए और बगेलुरु ल्किस्थ� भार�ीया ति�ज्ञााने संस्थाने से जोुड़ गेए।   (हदेराबादे), भार�ीया यारतिनेयामें तिनेगेमें तिलतिमेंटडी (जोादेूगेोड़ा, झाारखंडी)
                                                                              ू
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        याहा उन्हंनेे नेोबेल पुरस्केार प्राप्� डीॉ. चींद्रशेखर �केट रमेंने केी तिनेगेरानेी   भी उन्हं केी देने हं। 1966 मेंं  ति�मेंाने हादेसे मेंं डीॉ. होमेंी जोहांगेीर भाभा केे
        मेंं केॉल्किस्मेंके तिकेरणं केा अध्यायाने शुरू तिकेयाा। ति�श्�याुद्ध केी समेंाल्किप्� पर   तिनेधाने केे बादे देेश केे ति�ज्ञााने जोगे� मेंं जोो खालीपने आ गेयाा था उसे साराभाई
                                                                              े
        साराभाई देोबारा केति�जो गेए और केॉल्किस्मेंके तिकेरण भौति�केी मेंं पीएचीडीी   नेे अपनेी केुशल�ा और ने�ृत्� क्षमें�ा से ने तिसर्फफ भरा, बल्कि�के अ�रिरक्ष केे
                                                                                                       ं
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        केी तिडीग्राी हातिसल केी। �ष� 1947 मेंं स्�देेश लौट आए। इसी साल उन्हंने  े  साथ देेश केे परमेंाणु केाया�क्रमें केो भी नेयाा आयाामें तिदेयाा।
        अहमेंदेाबादे मेंं 'भौति�के अनेुसंधााने प्रयाोगेशाला' (पीआरएल) केी स्थापनेा   तिमेंसाइलमेंने केे �ौर पर पहचीानेे जोानेे �ाले प�� राष्ट्रपति� डीॉ. एपीजो  े
                                                                                              ू
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        केी। उस समेंया उनेकेी उम्र केे�ल 28 �ष� थी। रूसी स्पु�तिनेके प्रक्षेपण केे   अ�देुल केलामें केी प्रति�भा तिनेखारनेे मेंं भी साराभाई केा ही हाथ था। 1947
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                                                                                           ं
        बादे 1957 मेंं उन्हंनेे अ�रिरक्ष केाया�क्रमें केे ति�केास और भार� केे तिह� मेंं   और 1971 केे बीची साराभाई केे राष्ट्रीया और अ�रराष्ट्रीया ति�ज्ञााने पतित्राकेाओं
                                                                                                       ं
        उसकेे उपयाोगे पर सबकेा ध्यााने खंचीा। साराभाई केे प्रयाासं से 1962 मेंं   मेंं उनेकेे 85 से ज्याादेा शोधा पत्रा प्रकेातिश� हुए। उन्हं 1962 मेंं शाति� स्�रुप
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        भार�ीया राष्ट्रीया अ�रिरक्ष अनेसधााने सतिमेंति� (INCOSPAR) केी स्थापनेा   भटनेागेर पदेके प्रदेाने तिकेयाा गेयाा था। 1966 मेंं साराभाई केो पद्म भूषण
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        केी गेई। 15 अगेस्� 1969 केो इसे पनेगे�तिठा� केर भार�ीया अ�रिरक्ष अनेुसंधााने   और 1972 मेंं पद्म ति�भूषण (मेंरणोपरां�) से सम्मेंातिने� तिकेयाा गेयाा।
        सगेठाने (इसरो) केे �ौर पर स्थातिप� तिकेयाा गेयाा। नेासा केे साथ उनेकेे संपके  फ  केेरल केे केो�लमें केे एके होटल मेंं 31 तिदेसंबर 1971 केो नेंदे मेंं ही ति�क्रमें
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        नेे 1975 मेंं सटलाइट इंस्ट्रक्शनेल टी�ी एक्सपेरिरमेंंट केा मेंागे� प्रशस्� तिकेयाा,   साराभाई केी मेंृत्याु हो गेई। उस समेंया भी उनेकेे सीनेे पर एके तिके�ाब पड़ी
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        तिजोसनेे भार� मेंं केेबल टी�ी केी शुरुआ� केी।        हुई थी। 17 जोने�री 2019 केो पीएमें मेंोदेी नेे अहमेंदेाबादे मेंं साराभाई केी
           साराभाई केो संस्थानें केो गेढ़नेे मेंं भी मेंहार� हातिसल थी। टेक्सटाइल   प्रति�मेंा केा अनेा�रण उनेकेे परिर�ार केी उपल्किस्थति� मेंं तिकेयाा था। n
                                                                                    न्यूू इंंडि�यूा समााचाार | 1-15 अगस्त 2025  9
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