Page 4 - NIS Hindi 16-30 September, 2025
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�ंपाादक की कलम �े...
…ताविक कोई भी भारातीयु इंलाज
की सूुविवधाा सूे न हो ववि�त
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संादरे नमास्कारे। इसं 23 विसंतोंबरे को आयाुष्माान भोारेतो याोजीना के
7 �ष� पाूरेे हो रेहे हं औरे इसंी संंदभो� मां भोारेतो की
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संंस्कतो के माहाकवि� कालेीदासं द्वाारेा रेविचतो स्�ास्थ्या क्रूांवितो ही हमाारेी इसं बारे के अंक की
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कुमाारेसंभो�म् माहाकाव्या मां विले�ा है- आ�रेर्ण कथा बनी है।
“शरेीरेमााद्यंं �लेु धामा�संाधानम्।” अथा�त् शरेीरे ही इसंके अलेा�ा व्याक्ति�तोत्� की कड़ीी मां विबहारे के
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संभोी कायां औरे कतोव्यां की पावितो का प्रथमा संाधान पाहलेे दविलेतो माुख्यामा�ी भोोलेा पाासं�ान शास्�ी,
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है। जीब नागुरिरेक स्�स्थ हंगुे, तोभोी रेाष्ट्रो भोी संबले फ्लेगुविशपा मां क्रूजी भोारेतो विमाशन के एक संाले,
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औरे संक्षेमा बनगुा। याही संोच आजी भोारेतो की कद्रीया मावि�मांडले के विनर्ण�या, संंसंद के माानसंून
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स्�ास्थ्या क्रूांवितो का आधाारे बना है। याविन�सं�ले सं� मां हुए कामाकाजी का लेे�ा-जीो�ा संविहतो
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हर्ल्थकयारे का संपाना संाकारे हो रेहा ह। इसंमां प्रधाानमां�ी नरेंद्र माोदी के पा��ाड़ीे भोरे के काया�क्रूमां
आयाुष्माान भोारेतो याोजीना संबसंे अविधाक प्रभोा�ी को इसंमां शाविमाले विकयाा गुयाा है।
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विसंद्ध हुई है। आजी गुरेीब संे गुरेीब व्याक्ति�तो माुफ्तो संाथ ही, वि�ट्ठलेभोाई पाटले के कद्रीया
इलेाजी की संुवि�धाा का लेाभो उठा रेहा है। जीबविक वि�धाानसंभोा के पाहलेे विन�ा�विचतो भोारेतोीया स्पाीकरे
पाहलेे इलेाजी के �च� के कारेर्ण करेोड़ीं पारिरे�ारे बनने के 100 �ष पाूर्ण होने पारे विदर्ल्लेी वि�धाानसंभोा
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प्रवितो �ष गुरेीबी रेे�ा सं नीच चले जीातो थ। मां आयाोविजीतो काया�क्रूमा, पारेमाार्णु ऊजीा� के क्षेे� मां
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जीमाीन-जीायादाद बेचना पाड़ीतोा था। लेेविकन अब भोारेतो के प्रमा� स्तोभो बनने के लेक्ष्या पारे वि�शेष
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आयाुष्माान भोारेतो जीसंी याोजीना ने गुरेीब- रिरेपाोटड के संाथ पावि�का के इनसंाइड पाजी पारे मान
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माध्या�गुीया पारिरे�ारे को न क�ले संंबले विदयाा है, की बातो औरे बैक क�रे पारे प्रधाानमा�ी नरेंद्र माोदी
बक्तिर्ल्क आत्मावि�श्�ासं संे भोरे विदयाा है। के �ाद्यं तोले मां 10% कमाी के आह्वाान पारे वि�शेष
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संाथ ही, स्�ास्थ्या क्षे� मां ढांांचागुतो वि�कासं औरे संामाग्रेी को संमााविहतो विकयाा गुयाा है।
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विजीलेे स्तोरे तोक तोतोीयाक स्तोरे की स्�ास्थ्या संुवि�धाा
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की उपालेब्धातोा, माविडकले कॉलेेजी औरे संीटं का आपा अपाना संुझाा� हमां भोजीतोे रेहं।
वि�स्तोारे, टीकाकरेर्ण औरे संबसंे जीरूरेी विप्र�विट�
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हर्ल्थकयारे पारे फूोकसं, स्�ास्थ्या क्षेे� को न क�ले
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नई विदशा द रेहा ह, बक्तिर्ल्क वि�कविसंतो भोारेतो मा संभोी
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के विलेए हर्ल्थकयारे का आधाारे तोैयाारे करे रेहा है। (धाीरेेन्द्र ओझाा)
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