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सकारातमक सोच      भारत की कहानी






             सोचि से साकार हो रहे हैं सपने...






        सोच में सकारातमकता हो और हौंसले प्के, तो हर राह आपके िलए आसान हो जाती है। भारत की कहानी में
        इस बार हम ऐसी ही दो प्रेरणाएं लेकर आए हैं। पहली िॉ. शारदा िसंह की, िजनहोंने जूर के रासते कई मिहलाओं

        को आतमिनभ्थर बनािा तो दूसरी ओर गुजरात तकनीकी िवशविवद्ालि के 5 दोसतों ने कोरोना काल में घडी
        जैसा हैंि सैनेराइजर  बैंि बना कर आपदा में अवसर खोज िलिा...




        जूट के बैग ने मदहलाओं                                 ्छात्रों ने बनाया घड़ी जैसा


        को ददखाई नई राह                                       हैंड सैदनटाइजर बैंड




















                तमननभयार भारत अनभरान नकस तरह आकार ले रहा है,        पदा कैसे नए-नए अवसर पैदा करतली है। इसकली नमसाल
        आ इसका उदाहरण हैं डॉ. शारदा नसंह। रे अपने संगठन  आ है ‘वोकल फॉर लोकल’ का आह्ान जो अब नारा नहीं,
        'अभरयुदर' से पड़ोस कली मनहलाओं को जोड़कर जूट के थैले, छोटे-  अनभरान बन गरा है। कोरोना काल कली चयुनौनतरों के बलीच गयुजरात
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        छोटे पसया बनाने का काम कर रहली हैं। रहां मनहलाएं पलास्ट्टक मकत   तकनलीकली नवशवनवद्ालर के पांच दोट्तों – साथयाक , कानतयाक, सागर,
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        जूट का प्ररोग कर न नसफ्क ईको फ्डलली उतपाद तरार कर रहली हैं,   करण पटेल और जागृत दवे नाम के रवाओं ने इसली मंत्र को साकार
                                                                                         यु
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        बस्लक प्रधानमत्रली नरेंद्र मोदली के पलास्ट्टक मकत भारत का सपना   करते हए घड़ली के आकार का ऐसा हैंड सैननटाइजर बैंड बनारा है जो
                                                                   यु
        साकार करने में भली रोगदान दे रहली हैं।  शारदा इस काम में छोटे-  अलग से हैंड सैननटाइजर को ढोने कली मजबूरली से छटकारा नदला रहली
                                                                                                 छु
        छोटे बच्चों को भली जोड़ रहली हैं जो इन उतपादों पर पेंनटगस कर उस  े  है। इन छात्रों के बनाए ट्वदेशली उपकरण कली नवशेषता रह है नक आप
        आकषयाक बनाते हैं। इस काम में संगठन कली दो अनर मनहलाए  ं  कहीं भली नकसली चलीज को छते हैं तो आपको नसफ्क अपने इस अनोख  े
                                                                                टू
        लक्मली और पूनम रलीढ़ कली हड्ली हैं, जो उतपाद बनाने के साथ-साथ   कलाई बैंड कली ऊपरली सतह पर हाथ घमाकर छना होगा। ऐसा करते हली
                                                                                       यु
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        लोगों को पलास्ट्टक के प्ररोग से बचने के नलए जागरूक भली कर   ट्प्र ननकलेगा और आपका हाथ सैननटाइज हो जाएगा। एक नदन में 30
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        रहली हैं। पवाांचल जहां करलीब 90 फलीसदली मनहलाएं घरों से बाहर नहीं   बार इस कलाई बैंड से हाथ सैननटाइज नकरा जा सकता है। इन रवाओं
                                                                                                         यु
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        ननकलतली, इस काम में उनह नदन के खालली 3-4 घंटों में काम देकर   को हैंड सैननटाइजर बैंड बनाने में नसफ्क दो महलीने का समर लगा है।
        आनथयाक रूप से भली सशकत बना रहली है। हाल हली में केंद्र सरकार न  े  रूजर फ्डलली और काफली सट्त इस हैंड बैंड का उपरोग हर तरह स  े
                                                                                   े
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        जूट के थैले को बढ़ावा देने के नलए अनाज में सौ फलीसदली और चलीनली   नकरा जा सकता है। रह उपकरण सानबत करता है नक देश के रवाओं
                                                                                                         यु
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        में 20 फलीसदली पनकग के नलए जूट को अननवार कर नदरा है। n  में अपार कौशल है, जरूरत है उसे अवसर देने कली। n
          36  न्यू इंडिया समाचार
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