Page 2 - NIS Kannada September 2020 16-30
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CªÀÄÆ®å PëÀtUÀ¼ÀÄ
vÀªÀÄä ¤ªÁ¸ÀzÀ°è भोर भयो, बिन शोर,
मन मोर, भयो विभोर,
£À«°UÉ DºÁgÀ ¤ÃqÀÄwÛgÀĪÀ
रग-रग ह रगा, नीला भूरा श्ाम सुहाना,
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«rAiÉÆÃªÀ£ÀÄß मनमोहक, मोर ननराला।
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रग ह, पर राग नहीं,
¥ÀæzsÁ¤ £ÀgÉÃAzÀæ ªÉÆÃ¢
विराग का विश्ास यही,
CªÀgÀÄ ºÀAaPÉÆArzÁÝgÉ. न चाह, न िाह, न आह,
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CªÀgÀÄ §gÉzÀ »A¢AiÀÄ गँजे घर-घर आज भी गान,
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नजये तो मुरली क साथ
PÀ«vÉAiÀÄ£ÀÆß «ÃrAiÉÆzÉÆA¢UÉ जाये तो मुरलीधर क ताज।
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ºÀAaPÉÆArzÁÝgÉ जीिात्ा ही शशिात्ा,
अंतम्मन की अनंत धारा
मन मंदिर में उनजयारा सारा,
¥ÀæzsÁ¤AiÀĪÀgÀ ¨É¼ÀV£À ZÀlĪÀnPÉUÀ¼À£ÀÄß £ÉÆÃqÀ®Ä बिन िाि-वििाि, सिाि
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F PÀÆåDgï PÉÆÃqï ¸ÁÌå£ï ªÀiÁr
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बिन सुर-स्वर, सिश
https://www.youtube.com/
watch?v=axbpbQTIiZo मोर चहकता मौन महकता।