Page 24 - NIS Hindi 16-31 Aug 2022
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आवरण किा  नवदनवा्षदचत राष्ट्रपदत
















































                       हाड़्पर,  ओनरशा  के  ्मयूररंज  नजल  षे   थी, जयो झारिर का राजय्पाल बििषे तक जारी रहा। इसके
                                                                          ं
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                     के िगर रायरंग्पुर का एक छयोटा सा गांव।    बाद वयो केंरि ्पर बशक िहीं जाती थीं लषेनकि उिका धयाि
                     यहां स करीब ढाई नकलयो्मीटर अंदर एक        का नसलनसला िलता रहा, यही उिकी ्मािनसक शसकत
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          ्पसकूल  है।  शया्म,  लक््मण,  नश्पि  उच्             की बड़ी वजह है। सुबह तड़के जगिा और सैर, ययोग कयो
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        रिाथन्मक आवासीय नवद्ालय। करी यहां एक घर था।            नियन्मत जीविशैली का नहससा बिाकर िुद कयो ्मािनसक
                                                                                      षे
        तब ि तयो ्पककी दीवारें थीं और ि ्पककी छत। ि्परैल-      रू्प स सशकत रििा, यही दश की 15वीं राषट्र्पनत रिौ्पदी
                                                                    षे
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        फूस स बिा घर और बांस का छयोटा सा दरवाजा। लषेनकि        ्म्मु्भ के सफर की कहािी है।
                                                                                  षे
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        ्महज 4 वष्भ अकटटूबर, 2009 स 2013 के बीि दयो बटे और       रिौ्पदी ्म्मु्भ बि्पि स ही दृढ़ निशियी रही हैं। उ्हें ्पढ़ािषे
                                                                              षे
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        ्पनत की ्मौत िषे एक ्मनहला कयो गहरा सद्मा ्पहुंिाया। ऐस  षे  वाल नशक्क बासुदव बहरा कहत हैं नक वयो अ्पिी कक्ा ्में
                                                                                          षे
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        ्में इस घर ्में करी सन्नाटा िहीं ्पसर, सयो उ्होंिषे इस घर कयो   टॉ्पर थीं और उ्हें ह्मषेशा सबस अनिक िंबर न्मलत थ।
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        एक आवासीय नवद्ालय के नलए दाि कर नदया। ्पनत और          तब निय्म था नक सबस अनिक िंबर वाला ही कक्ा का
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        दयो बटों की याद ्में वहां एक आवासीय नवद्ालय बिाया      ्मॉनिटर हयोिा िानहए। लषेनकि उिकी कक्ा ्में लड़नकयों
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        गया, जहां अब लगरग 75 छात्र ्पढ़ रह हैं। इस सकूल ्में    की संखया क्म थी, इसनलए नशक्क कयो आशंका थी नक
                                                                                                            ु
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        दयोिों बटों और ्पनत की रिनत्मा हैं, नजिकी ्पुणय नतनथ ्पर   वह ्पूरी कक्ा कयो कैस संराल ्पाएंगी। लषेनकि रिौ्पदी ्म्मु्भ
                                                                                                   षे
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        वह यहां जरूर आती हैं।                                  िहीं ्मािीं और वह कक्ा की ्मॉनिटर बिीं। बहरा बतात हैं
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          एक के बाद एक करके दयो बटे और ्पनत की ्मौत स  षे      नक रिौ्पदी 7वीं के बाद ही ्पढ़ाई के नलए रुविषेशवर िली
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        सद्मषे ्में आ गईं, लषेनकि तरी आधयात्म का सहारा नलया    गई थीं। तब व अ्पिषे गांव उ्परबड़ा स रुविषेशवर जाकर
                                                                           षे
        और िुद कयो स्माज के का्म ्में जुटाए रिा। रायरंग्पुर    ्पढ़िषे वाली इकलौती लड़की थीं।
        के ब्रह्मकु्मारी संसथाि ्में वह ह्मषेशा स्मय ्पर ्पहुंिती   रिौ्पदी बि्पि स ही दृढ़ संकल्प और एकाग् राव वाली
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          22  न्यू इंडि्ा समाचार   16-31 अगस्त 2022
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