Page 23 - NIS Hindi 01-15 December,2022
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आवरण कथा     तमशन लाइफ- कॉप-27





        स्तवस्त्थ जीविशैली अपि्य कर


        n  भोजन में बाजरेे, देसरी जड़री-बूशटयां औरे
          औिधरीय पौधरों को पोिण औरे सेिि के शलए
          िाशमल करेें।

        n  प्राकृशिक या जैशिक उत्पादरों का सेिन करेें।
          सामुदाशयक स्िरे परे जैि शिशिधिा संरेक्षण
        n
          िुरू करेें।

        n  औिधरीय पौधे जैसे नरीम, िुलसरी, शगलोय, पुदरीना,
          करेरी पत्ा, अश्िगंधा आशद घरे के बगरीचे में
          लगाएं।

        n  प्राकृशिक या जैशिक खेिरी करेें।
          प्रदूिण के प्रभाि को कम करेने के शलए पौधे
        n
          लगाएं।

        n  जंगलरी जानिरेरों करी खाल, िाथरी के दांि औरे
          फरे से बने उत्पादरों, स्मृशि शचन्िरों को खरेरीदने
          से बचें।

        n  सामुदाशयक भोजन, कपड़ा बैंक औरे पिु
          आश्रय बनाए औरे स्ियंसेिा करेें।

          अपने आिासरीय क्षेत्, शिद्ालय, कायामालय में
        n
          ग्रीन क्लब िुरू करेें या उनसे जुड़ें।
                                                 राष्टट्री्य हाइड्ोजन लमेशन के मेाध््यमे से, भारत एक प्या्तवरण
        ई-कचरे को घ्ट्यकर                        अनुकूल ऊजा्त स्रोत की ओर अग्रसर हो चुका है। इससे भारत
          उपकरेणरों को िटाने के बजाय इलेक्ट्ररॉशनक
                                                                    े
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        n                                        और दोलन्या के कई दोशों को नेट जीरो के अपने लक्ष्य को
          उपकरेणरों करी मरेम्मि करेें औरे उपयोग करेें।  हालसल करने मेें मेदोदो लमेलेगी। भारत इस बात का एक प्मेुख
        n   शनकटिम ई-रेरीसाइष्क्लंग इकाइयरों में   उदोाहरण बन चुका है लक कैसे प्गलत और प्कृलत साथ-साथ
          गैजेट्स जमा करेाएं।                    चल सकती है। अब जबलक भारत दोलन्या की पांचवीं सबसे
                                                                                  ु
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        n   ररेचाजजेबल शलशथयम सेल का प्रयोग करेें। पेन   बिी अथ्तव््यवस्तथा बन चुका है, हमेारा वन क्त्र भी बढ़ रहा है
          ड्ाइि/िाड्ट ड्ाइि परे क्लाउड स्टोरेेज को   और वन््यजीवों की संख््या भी बढ़ रही है।
          प्राथशमकिा दें।                        - नरेंद्र मेोदोी, प्धानमेत्री
                                                                     ं

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                                           ें
          160 किोड़ से ज्र्ादा एलईिली बल्ब अपने घिों म लगा नलए। इसका   हो िहा है। आज भाित नवश्व म नवलीकिणलीर् ऊजाया कली चौथली सबस  े
          प्रभाव र्े है नक 100 नमनलर्न टन से ज्र्ादा काबयान िाइऑक्साइि   बड़ली क्षमता है तो पवन ऊजाया म भली चौथे नंबि औि सौि ऊजाया म  ें
                                                                                     ें
                                                                   ें
          का उत्पादन  कम हुआ। आज भाित म सालाना प्रनत व्र्क्क्त काबयान   पांचव नंबि पि है। आज भाित प्रगनत भली कि िहा है, साथ हली प्रकृनत
                                     ें
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          फुटनप्रट किलीब-किलीब िढ़ टन हली है, जबनक दुननर्ा का औसत 4   के साथ कैसे जलीना है इसका उत्म उदाहिण पेश कि िहा है। आज
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          टन प्रनत वषया का है। नफि भली, भाित जलवार्ु परिवतयान जैसली वक्श्वक   भाित नवश्व कली पांचवली बड़ली अथयाव्र्वस्था भली बना है, हमािा वन
                                                    ै
          समस्र्ा के समाधान के नलए सबसे आगे आकि काम कि िहा है।   क्षत्र भली बढ़ िहा है, वन्र्जलीवों कली संख्र्ा म भली हमािे र्हां लगाताि
                                                                े
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          भाित ने उज्जवला र्ोजना शुरू कली तानक कोर्ले औि लकड़ली के   वनधि हो िहली है। भाित अब दुननर्ा के साथ अपनली भागलीदािली को औि
                                                                ृ
          धुएं से मुक्क्त नमले। हि नजले म 75 अमृत सिोवि बनाने पि काम   ज्र्ादा बढ़ाना चाहता है। वन सन, वन वल्ि्ड, वन नग्ि जैसे
                                ें
                                                                                 न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 डिसंबर 2022  21
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