Page 33 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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              पंढरपुर से चारधाम और राम मद्दर से लेकर रामायण
                    सद्क्कट तक द्वरासत को सहेजने का प्रयास



            n पंढरपुर पालकी माग्द का             सोमनाथ में भी द्वकास के बड़े काम द्कए   हमारे शासत्ों में कहा
              आधुद्नकीकरण हो रहा है तो िारधाम    गए हैं।                            गया है द्क मनुष्य जनम
              ्यात्रा के द्लए भी नए हाइवरे बन रहरे हैं।   n महद्र्द वालमीद्क नरे रामा्यण में भगवान
              पूररे दश में प्रसाद ्योजना के तहत तीथ्द   राम सरे जुड़े द्जन सथलों का द्जक्र द्क्या   में सबसे दुल्भर संतों
                  रे
              सथानों और प्य्दटन सथलों का द्वकास   है, रामा्यण सद्क्फट के रूप में उनका भी   का सतसंग है। संतों की
              द्क्या जा रहा है।                                                     कृपा अनुरमूद्त हो गई,
                                                 द्वकास द्क्या जा रहा है।
            n अ्योध्या में भव्य राममंद्दर भी बन रहा   n इन आ् वरगों में बाबा साहब अंबडकर   तो ईशवर की अनुरमूद्त
                                                                        रे
              है, काशी द्वशवनाथ धाम पररसर भी     के पंि तीथगों का द्वकास भी हुआ है।  अपने आप हो जाती है।
              अपनरे नए सवरूप में उपकसथत है, और
                                                                                    आज देह की इस पद्वत्
                                                                                             मू
                                                                                    ती््भ-रमूद्म पर आकर
                    जल रमूर्ण रवन और गैलरी का उदघाटन

           प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी नरे मुंबई में राजभवन में जल भूरण भवन का उदघाटन द्क्या जो 1885 सरे   मुझे ऐसी ही अनुरमूद्त
           महाराषट्र के राज्यपाल का आद्धकाररक द्नवास रहा है। इस भवन का जीवनकाल पूरा होनरे पर   हो रही है।
           इसरे धवसत कर एक न्या भवन बना्या ग्या द्जसमें पुरानरे भवन की सभी द्वद्शषट द्वशरेरताओं को   - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी
           संरद्क्त द्क्या ग्या है। प्रधानमंत्री नरे मुंबई में क्रांद्तकारर्यों के एक गैलरी का भी उदघाटन द्क्या।
           दरअसल, 2016 में, राजभवन में एक बंकर द्मला था द्जसका उप्योग अंग्रेज पहलरे हद्थ्यार
           और गोला-बारूद के गुपत भंडारण के रूप में करतरे थ। बंकर को 2019 में पुनद्न्दद्म्दत द्क्या ग्या
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           और महाराषट्र के सवतंत्रता सनाद्न्यों और क्रांद्तकारर्यों के ्योगदान को ्यादगार बनानरे के द्लए
           बंकर को अपनी तरह के एक संग्हाल्य के रूप में द्वकद्सत द्क्या ग्या।



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        देश ने शत प्रनतशत लक्रों को पिा किने का संकलप नलरा है।”   भनमका िहली। आजादली कली लड़ाई में वलीि साविकि को जब सजा
                                                              ू
        असल में आज देश में गिलीबों के नलए जो रोजनाएं चलाई जा िहली   हुई थली, तब वो हथकनड़रों को नचपलली जैसा बजाते हुए तुकािाम
        है, उनहें नबजलली, पानली, मकान औि इलाज जैसली जलीवन जलीने कली   के अभंग गारा किते थे।”
        मौनलक जरूितों से जोड़ा जा िहा है, सिकाि उनहें सौ प्रनतशत   अपने महािाषरि दौिे में प्रधानमत्रली निेंद् मोदली ने तुकािाम महािाज
                                                                                    ं
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        लोगों तक पहंचाने का लक्र लेकि चल िहली है। इसली तिह देश   के  मनदि  का  लोकापयाण  के  अलावा  जल  भूषण  भवन  औि
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        ने परायाविण, जल-सिक्ण औि ननदरों को बचाने जैसे अनभरान   क्ांनतकारिरों कली गैलिली का उदघाटन नकरा एवं मंबई समाचाि
                                                                                                    ु
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        शुरू नकए हैं औि ट्वट्थ भाित का संकलप नलरा है। सिकाि इन   के नविशताबदली महोतसव में भली भाग नलरा।
        संकलपों को भली शत प्रनतशत पिा किने के नलए ककृत संकस्लपत   200 िषषों से लगािार प्रकावशि हो रहा है मुंबई समाचार
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        है। देश इस समर प्राककृनतक खेतली को भली मनहम के रूप में आग  े  प्रधानमत्रली निेंद् मोदली ने मंबई के बांद्ा कुलाया कॉमपलकस में मंबई
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        बढ़ा िहा है जो वािकिली संतों के आदशषों से जुड़ा हुआ है। केंद्   समाचाि के नविशताबदली महोतसव में भली भाग नलरा। सापतानहक के
        सिकाि का अंतरोदर का रह संकलप वािकिली संत तुकािाम स  े  रूप में मंबई समाचाि कली छपाई 1 जुलाई, 1822 को फिदुनजली
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        प्रभानवत है नजनकली ट्तुनत किते हुए प्रधानमत्रली निेंद् मोदली कहत  े  मिजबानजली विािा शुरू कली गई थली जो 1832 में दैननक बन गरा।
        हैं, “उनके आदशया अनेक लोगों को प्रोतसानहत किते हैं। वे हमें   रह समाचािपत्र 200 वषषों से लगाताि प्रकानशत हो िहा है। इस
        दूसिों कली सेवा किने औि एक करुणामरली समाज का नवकास   अन्ठली उपलस्बध का उतसव मनाने के नलए इस अवसि पि एक
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        किने के नलए प्ररित किते हैं। छत्रपनत नशवाजली महािाज जैस  े  िाक नटकट भली जािली नकरा गरा। n
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        िाषरिनारक के जलीवन में भली तुकािाम जली जैसे संतों कली बड़ली अहम


                                                                                    न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 जुलाई 2022 31
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