Page 2 - NIS Hindi 01-15 November 2022
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प्रकाश गुरपुरब




                                   श्री गुरूनानक दव जरी
                                                                          े










































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                                                                                        ैं
            वसख धमे्म के प्रथमे गुरु, श्ी गुरु नानक दवी जी भारि की समेृद्ध सि परंपरा के अववििीय प्रिीक ्हे। उनकी वशक्ाएं, ववीचार और
                                                             ु
                                                        े
              मेानवीिा की सवीा के प्रवि उनका संकल्प ्हेमेारे वलए प्ररणापंज ्हेै। श्ी गुरु नानक दवी जी की वशक्ा ्हेमेें सदवी मेानवी जावि स  े
                                                                                                 ै
                                                                              े
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             भेदभावी दूर करने के वलए प्रररि करिी ्हेै। प्रधानमेंत्ी नरद्र मेोदी की अगवीाई वीाली सरकार उनके ववीचारों वी वशक्ाओं के प्रवि
                                   े
                                समेवप्मि ्हेै। सबका साथ-सबका ववीकास का मेूलमेत् इसी का पररचायक ्हेै। प्रधानमेंत्ी नरद्र मेोदी न  े
                                                                        ं
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                                                                                            े
            9 नवींबर 2018 को श्ी करिारपुर साव्हेब गवलयारे का भी उद््घार्न वकया था ज्हेां श्ी  गुरु  नानक  दवी जी ने अपने जीवीन के
           अविमे वीर् वबिाए थे। य्हे गवलयारा भारि के गुरदासपुर मेें डेरा बाबा  नानक गुरुविारे को पावकस्िान के करिारपुर क्स्थि दरबार
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                    साव्हेब से जोड़िा ्हेै। 8 नवींबर को श्ी गुरु नानक दवी जी के प्रकाश गुरपुरब के अवीसर पर देशवीावसयों को बधाई… ...
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                                     श्री गुरु नानक देव जरी सिर््फ सिख धर््म करी, भारत करी हरी धरोहर नहीं, बल््कक पूररी र्ानवता
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                                      के सिए प्रणा-पुंज हैं। श्री गुरु नानक देव जरी एक गुरु होने के िाथ-िाथ एक सवचार हैं,
                                                                              कृ
                                      जरीवन का आधार हैं। हर्ारे िंस्कार, हर्ाररी िंस्कसत, हर्ारे र््क्य, हर्ाररी परवररश, हर्ाररी
                                                                                        ू
                                       िोच, हर्ारे सवचार, हर्ारे तक्फ, हर्ारे बोि, हर्ाररी वाणरी, ्ये िब श्री गुरु नानक देव जरी
                                                           जैिरी पुण््यात्र्ाअों द्ारा हरी गढ़री गई हैं। - नरेंद्र र्ादरी, प्धानर्ंत्री
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