Page 23 - NIS Hindi 01-15 November 2022
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आिरण कथा कनेक््टटििंग इंवडया




                                                                   भारिकीय रेलवीे

                                                                    भाप इंजन से




                                                                 वंदेभारत ट्न तक
                                                                                            े



                                                                n  भारत में पहला रेल भाप इंटजन 1 नवंबर 1950 में टचतरंजन रेल
                                                                  कारखाने में बना ्था लेटकन अब हम ऐसी स्वदेशी वंदेभारत
                                                                  ट्न बना और दौड़ा रहे हैं जो महज 52 सेकेंड में 0 से 100
                                                                   े
                                                                                                    े
                                                                  टकलोमीिर प्रटतघंिा की स्पीड पकड़ लेती है। ्यह ट्न हाल ही
                                                                  में गांिी नगर-मुंबई और ऊना-नई टदल्ली के बीच पिरी पर
                                                                  दौड़ी है। इसी तरह मुंबई-अहमदाबाद के बीच 508 टकलोमीिर
                                                                  की हाईस्पीड रेल (320-350टकमी/घंिा) कॉररडोर के प्रोजेक्ि
             रेलवीे की सुरवक्ि कनेक््टर्ववीर्ी बढ़े और समेयबद्धिा
               मेें सुधार ्हेो, इसके वलए बजर् मेें वीवद्ध की गई ्हेै।   पर भी तेजी से काम चल रहा है, जबटक 7 अन््य कॉररडोर
                                         ृ
          देश मेें अब कोई मेानवी रव्हेि रेल क्ॉवसंग न्हेीं ्हेै। 100 र्ीसदी   की टडिेल प्रोजेक्ि ररपोि्ट तै्यार करने का काम चल रहा है।
                    ट्रेनों मेें बायो र्ॉयलेर् लगाए गए ्हेैं।     सुरक्ा के टलए अब स्वदेशी तकनीक ‘कवच’ टसस्िम को
                                                                  रेलवे नेिवक्क में जोड़ा जा रहा है।

                                                                n  रेल ्याटरि्यों का सम्य बचे इसटलए 1 अक्िटूबर, 2022 से ही 500
               1520वकमेी             2531 वकमेी                   मेल एक्सप्रेस रेलगाटड़्यों की गटत 10 टमनि से 70 टमनि तक
                                         ्म
       प्रविवीर् थी 2009-14 िक रेलवी  े  प्रविवीर् ्हेै 2014-21 िक रेलवी  े  तेज की गई है। रेलगाटड़्यों की सम्यबद्ता भी 75 फीसदी से
             ्म
          लाइन दो्हेरीकरण, नई लाइन   लाइन दो्हेरीकरण, नई लाइन
           और गेज पररवीि्मन की गवि।   और गेज पररवीि्मन की गवि।    बढ़कर 84 फीसदी हो गई है।
                                                    ृ
           रेल ववीद्ुिीकरण के कामे मेें 2014 के बाद 10 गुना वीवद्ध   n  भारती्य रेल अब वो सुटविाएं, वो माहौल भी देने का प्र्यास कर
          ्हेुई ्हेै िो भारिीय रेल को 2030 िक पूरी िर्हे ग्ीन रेलवीे मेें   रही है जो कभी ए्यरपोि्ट और हवाई ्यारिा में ही टमला करती
                                                                                           े
                  पररवीवि्मि करने का लक्षय रखा गया ्हेै।          ्थी। अगस्त, 2023 तक 75 वेंदभारत ट्न चलेंगी।


        अलगो-अलगो चिणों में है र्ा परिर्ोजना कली मंजूिली हो चुकली है।   को पलीएम गोनतशस्क्त नेशनल मास्टि प्लान से मदद नमल िहली है।
        देश के पहले िनपि रिांनजट िेल कॉरििोि का काम भली तेजली से चल   ऐसली परिर्ोजनाओं पि देश तेजली से काम कि िहा है औि पलीएम
                   ै
        िहा है। पर्ायाविण नहतैषली वाहन स्क्ैनपगो पॉनलसली, स्वच््छ ईंधन कली   गोनतशस्क्त कली प्रेिणा से बन िहली ऐसली परिर्ोजनाएं हजािों र्ुवाओं
                                    ं
        पॉनलसली को सिकाि अमल में ला िहली है।                 को िोजगोाि भली दगोली औि आत्मननभयाि भाित के संकल्प कली नसनद्ध
                                                                          ें
          भाित में सड़कों का नेटवक्फ लगोभगो 62.18 लाख नकमली है जो   को भली गोनत दगोली।
                                                                       ें
        लंबाई के नहसाब से नवश्व का दूसिा सबसे बड़ा नेटवक्फ है। िाष्रिलीर्   भविष्टय कपी सोच के साथ इंफ्ास्ट्र्टचर का वनमेापिण
        िाजमागोया इस सड़क नेटवक्फ का केवल 2.2 प्रनतशत है नजस पि   भाित  अब  केवल  अपनली  तत्कानलक  जरूितों  के  नलहाज  स  े
        40 प्रनतशत के किलीब र्ातार्ात चलता है। ऐसे में 21वीं सदली में   इंफ्ास्रिक्चि नहीं बना िहा, बस्ल्क उसके पली्छछे एक सनवचारित
                                                                                                       ु
        नसफ्फ िेल, िोि, पोट्ड, एर्िपोट्ड तक सलीनमत नहीं िहा जा सकता।   दली्घयाकानलक आवश्र्कताओं का अहसास भली है। देश म 28 िाष्रिलीर्
                                                                                                     ें
        बस्ल्क रिांसपोट्ड के र्े साधन एक-दूसिे से कनेक्ट भली हों औि एक   िाजमागोया को इमिजसली लनिंगो िोि कम िन-वे बनार्ा जा िहा है।
                                                                           ें
                                                                               ैं
        दूसिे को सहर्ोगो भली किें, ऐसली मल्टली मॉिल कनेस्क्टनवटली पि नर्ा   र्ानली इन िाजमागोषों पि आपात स्स्थनत म हवाई जहाज को आसानली
                                                                                          ें
        भाित ध्र्ान दे िहा है। तानक जलीवन कली सुगोमता को सुननस्श्चत   से उतािा जा सकता है। जब हवाई जहाज उतिगोा तब िेलवे फाटक
                                                                                               े
        किते हुए नए भाित कली ओि अग्सि हों औि नवकनसत भाित का   कली तिह र्ातार्ात को कु्छ दि के नलए िोक नदर्ा जाएगोा औि हवाई
                                                                                  े
        सपना साकाि नकर्ा जा सके। इस मल्टली मॉिल कनेस्क्टनवटली   जहाज को उतािकि रिैनफक बहाल कि नदर्ा जाएगोा। इसम पांच
                                                                                                         ें


                                                                                 न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 नवंबर 2022  21
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