Page 43 - NIS Hindi 16-30 September,2022
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आवीरे्ण कथा नए भारेत की ्संकल्प यात्ा


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             िुष्स्लि िसहलञाओं को सिल                                            अब 26 िप्तञाह
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             गई तीि तलञाक िे आजोञादी                                             िञातृत्व अवकञाश



             जुलाई, 2019                                                          देश में गभ्षव्ती मर्हलाओं की सेह्त

             मुल्स्लम मतहलाओं ्को ए्क साथ िीन                                     और बच्ों के सही देखभाल के र्लए
             िला्क (िला्क-ए-तबद्ि) देने ्को                                       12 हफ््त का अवकाश ्था, जो कम
                                                                                        े
             अपराध बनाने ्का तवधे्त््क पाररि हुआ।                                 पड़्ता ्था। कुपोर्ण से बच्ों का और
             साल 2017 में सुप्ीम कोट्ट ने शायरा बानो केस में                      मर्हलाओं का स्वास्र्य प्भार्व्त हो्ता
             फैसला दे्ते हुए ्तुरं्त एक सा्थ ्तीन ्तलाक देने                      ्था। बच्ों की सही देखभाल और
             को असंवैधार्नक ब्ताया। अलग-अलग धमषों वाले                            लालन पालन हो इसर्लए सरकार ने
             5 जजों की बेंच ने ्तीन-दो से फैसला सुनाया ्था।                       2017 में प्सूर््त प्सुर्वधा अर्धर्नयम,
             कोट्ट ने सरकार से इस र्दशा में ्छह महीने के                          1961 में संशोधन करके 55 साल से

                                          े
             अंदर कानून लाने को कहा ्था। इसके मद्नजर                              अर्धक पुराने कानून में बदलाव के
             सरकार ने  मुस्स्लम मर्हला र्ववाह अर्धकार   तुश्ष्ट्टकरर् के िाम पर देश   सा्थ मा्तृत्व अवकाश 12 सप््ताह से
                                                    की करोड़नों माताओं-बहिनों
             संरक्ण र्वधेयक संसद के दोनों सदनों से पारर्त   को उिके अनधकार से ्वनचत   बढ़ाकर 26 सप््ताह र्कया। इस कदम
                                                                     ं
             कराया। 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई   रखिे का पाप नकया गया।    के सा्थ मा्तृत्व अवकाश के मामले
             2019 को राज्यसभा में यह र्वधेयक पारर्त हुआ।  मुझे इस बात का ग्व्ष है नक   में कनाडा और नावदे जैसे सबसे
                                                    मुश्स्लम मनहलाओं को उिका
             महर्व- लाखों मुस्स्लम मर्हलाओं के र्लए यह   हक देिे का गौर्व हमारी   अर्धक मा्तृत्व अवकाश देने वाले

             राह्त भरा कदम ्था। ्तीन ्तलाक के मामलों में   सरकार को प्राप्त हुआ है।  देशों की सूची में भार्त शार्मल हो
             कमी आई।                                -िरेंद्र मोदी, प्रधािमंत्री   गया है।




          35    बेटिी ब्चञाओ, बेटिी पढ़ञाओ: हर तरफ सदखञा िुधञार




                   पूरे जी्वि चक् में घ्टते बाल नलंग अिुपात,                  अिर सदखञा
                  लड़नकयनों ए्वं मनहलाओं के सश्ततीकरर् से                  937
                                                                                          1020 मनहलाएं 1000 पुरूर्नों
                   संबंनधत मुद्नों पर ध्याि देिे के नलए जि्वरी,                        n  के मुकाबले ताजा िेशिल
                  2015 में बे्टी बचाओ, बे्टी पढ़ाओ योजिा              हो गया है 2020-     र्नमली हेल्थ स्ववे के अिुसार
                                                                                           ै
                की शुरुआत की गई। बेन्टयनों को महत््व देिे की   2021 में बढ़कर राष्टट्रीय

                 नदशा में शुरू इस योजिा िे जि अनभयाि का          स्तर पर ज्वम के समय   n  माध्यनमक नशक्ा में लड़नकयनों
                                                                 नलंगािुपात।  2014-
                  रूप नलया, ्वाहिनों के पीछ भी ‘बे्टी बचाओ,         2015 में 918 था      का िामांकि 2014-2015 में
                                        ़े
                                                                                         75.51% से बढ़कर 2020-
              बे्टी पढ़ाओ’ नलखा नमलिे लगा। 405 नजले पर                                    2021 में 79.46% हो गया।
                 न्वशेर् र्ोकस। बेन्टयनों की आनथ्षक सुरक्ा के
                नलए सुक्वया समृनद्ध योजिा शुरू, 3.03 करोड़         संस्थागत प्रस्व के प्रनतशत में भी सुधार हुआ।
              खाते खुले। योजिा में परंपरागत ब्याज से ज्यादा        2014-2015 में 87% संस्थागत प्रस्व था जो
                        ब्याज दर नमलता है, ्वो भी ्ट्तस फ्ी।         2020-2021 में बढ़कर 94.8% हो गया।
                                                 ै




                                                                                     न््ययू इंडि्या समाचार   16-30 डसतंबर 2022  41
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