Page 31 - NIS Hindi 01-15 March 2022
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        आज का बदिता भारत एकज्ट प्यास कर रहा है। ‘सबका साथ, सबका
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        लवकास, सबका लवशवास और सबका प्यास’ क़ो अपना मिमंत्र मानन  े
        वािी केंद्र सरकार के प्यासों का ही नतीजा है लक आज भारत में पकके
                                                        ु
        घर, उज्विा मुफत कनेकशन, 5 िाख रुपए तक मुफत उपचार सलवधा
        या मुफत लबजिी कनेकशन, जनधन बैंक खाते, सवच् भारत अलभयान
                                     ं
        जैसी य़ोजनाओं ने दलितों, लप्ड़ों और वलचत तबके क़ो मजबूत लकया है।
        बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर हैदराबाद में इस प्लतमा के सथालपत ह़ोन  े
        पर प्धानमत्री नरेंद्र म़ोदी ने प्सन्नता वयकत की और कहा, ‘‘जगदगरु
                ं
                                                           ु
        श्ी रामानुजाचायति जी की इस भवय लवशाि मलतति के जररए भारत मानवीय
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        ऊजाति और प्रणाओं क़ो मतति रूप दे रहा है। रामानुजाचायति जी की ये प्लतमा   गृि मंत्ी अहम्त शाि भी पिुंचे
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                                                        ै
        उनके ज्ान, वैरागय और आदशमों की प्तीक है।'’ स्टरैचय ऑफ इकवलि्टी
                                                ू
        का उदघा्टन रामानुजाचायति की 1000वीं जयंती समाऱोह के तहत लकया   सटरैचयू ऑफ इकिैहलटी
                                                                       केनद्रीय गृि एिं सिकारर्ता मंत्ी अहम्त
        गया ज़ो 12 लदवसीय श्ी रामानुज सहस्ाशबद समाऱोह का लहससा था।    शाि िे 8 फरिरी करो िैदराबाद में सटरैचयू
        िामानुजाराय्च ने पदया समानिा के पिराि को बिािा                 ऑफ इकिेहलटी पर मिाि सं्त श्री
        रामानुजाचायति लहंदू भशकत परंपरा से आते हैं लजनहोंने आसथा, जालत और   रामािुजाचाय्ग करो श्रद्धा सुमि अहप्ग्त हकये।
        पंथ सलहत जीवन के सभी पहिुओं में समानता के लवचार क़ो बढावा लदया   केनद्रीय गृि एिं सिकारर्ता मंत्ी िे श्री
                                                                       रामािुजाचाय्ग जनम सिस्ाबदी समाररोि करो
        था। उनहोंने राषट्ीयता, लिंग, नसि, जालत या पंथ की परवाह लकए लबना   भी संबरोहि्त हकया और किा हक हकसी भी
        हर इंसान की भावना के साथ ि़ोगों के उतथान के लिए अथक प्यास      म्त या संप्दाय के अिुयायी िों, उनिें एक
        लकया। उनका जनम 1017 ईसवी में हुआ था और व़ो 1137 ईसवी तक        बार यिां इसीहलए आिा चाहिए कयोंहक
        जीलवत रहे थे। तलमिनाडु के श्ीपेरंबुदुर में एक ब्राह्मण पररवार में उनका   अं्त्तरोगतिा सिा्ति िम्ग की शरण में िी

        जनम हुआ था और व़ो वरदराज सवामी के भकत थे। उनहोंने द्ैत-अद्त    सबके उद्धार का मूल िै।
                                                           ै
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        क़ो समालहत करते हुये लवलशष्टाद्त लसद्धात लदया था। इस लसद्धात के
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        अनुयालययों के माथे पर द़ो सीधी िकीरों वािा ्टीका िगा ह़ोता है और   बहुि खास है िामानुजाराय्च की यह प्रपिमा
                                                                                            यु
        व़ो अपने कंधे पर हमेशा शंख चक्र प्तीक रखते हैं।              216 फमी्ट ऊंरमी ्ि प्हत्मा ‘पंरधात' से बनमी िरै हजस्में
        रािि की पिपिधिा को िेलुगु संसकृपि ने पकया सि्ि               सोना, रांदमी, तांबा, पमीतल और जसता शाह्मल िरै और ्ि
                                                                             रै
                                                                                                 यु
                 कृ
        तेिुगु संसकलत का लवसतार सलदयों पुराना है, अनेक महान राजा और रानी   दयुहन्ा ्में बठमी अवसथा ्में सबसे ऊंरमी धात कमी प्हत्माओं
                                                                     ्में से एक िरै। हजस सति पर ्ि ्महत्च बनमी िरै उसकमी
                                                                                             ू
        इसके धवजवाहक रहे हैं। सातवाहन हों, काकालतया हों या लवजयनगर   ऊंराई 54 फमी्ट िरै और इस सति को भद् वेदमी के ना्म
                              कृ
        साम्राजय, सभी ने तेिुगु संसकलत की पताका क़ो बुिंद लकया है। महान   से जाना जाता िरै। इस पररसर ्में एक वरैहदक हडहज्टल
        कलवयों ने तेिुगू संसकलत क़ो समृद्ध लकया है। लप्िे साि तेिंगाना में शसथत   पसतकाल् और अनसंधान केंद्, प्ारमीन भारतमी् ग्थ,
                       कृ
                                                                       यु
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                                                                                                   यु
        13वीं शताबदी के काकालतया रूद्रेशवर -रामापपा मंलदर क़ो यूनेसक़ो लवशव   एक हथए्टर, एक शरैहक्क दमीघा्च िरै, जो रा्मानजारा््च के
        धऱोहर सथि घ़ोलषत लकया गया है। लवशव पयति्टन संगठन ने प़ोचमपरिी   का्षों कमी जानकारमी देते िैं। प्हत्मा कमी पररकलपना श्मी
                                                                          यु
        क़ो भारत के सबसे बेहतरीन पयति्टन गांव का दजाति लदया है। प़ोचमपरिी   रा्मानजारा््च आश््म के हरन्ना जमी्र सवा्ममी ने कमी थमी।
        की मलहिाओं का हुनर प़ोचमपरिी सालड़यों के रूप में लवशव लवखयात   हैदिाबाद का नया आकर्च्ण
        है। इतना ही नहीं तेिुगु लफरम उद़्ोग का तेिुगु भाषी क्ेत्रों में ही नहीं,   िरैदराबाद आने वाले प््च्टकों का हलए रा्मानज्म
                                                                                                    यु
        पूरे लवशव में चचाति रही है। यही कारण है लक प्धानमंत्री ने कहा, ‘‘इसकी   कमी प्हत्मा एक न्ा आकष्चण िोगमी। ्दाहद् ्महदर के
                                                                                                    ं
        रचनातमकता लसरवर सक्रीन से िेकर ओ्टी्टी पिे्टफॉमति तक ्ाई हुई है।   अलावा ्ि प्हत्मा हव्णयु भकतों और अन् प््च्टकों को
        भारत के बाहर भी खूब प्शंसा ह़ो रही है। तेिुगु भाषी ि़ोगों का अपनी किा   आक्फहषत करेगमी। इस वजि से िरैदराबाद ्में प््च्टकों
                कृ                                                   कमी तादाद भमी बढ़ेगमी।  प्धान्मंत्मी नरेंद् ्मोदमी ‘हवशवकसेन
        और संसकलत के प्लत समपतिण सभी के लिए प्ेरणा है।'’   n
                                                                     इस््ट ्ज्ञ' कमी ‘पूणा्चियुहत' ्में भमी शाह्मल ियुए।





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                                                                                    न्यू इडिया समाचार | 1-15 माच्च 2022  29
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