Page 31 - NIS Hindi 16-30,April 2023
P. 31

राष्टट्र  श्ीअन्न




                           श्ीअन्न यािी...                                   पोर्ण ष्य्तत और
                                                                                       ु
                                                                             पष्या्ष्वरण द्मत् है श्ीअन्न


                                                                             n स््वदेशी ग्लूटेन मेुक्त अनाज।
           कमे िानी मेें ज्यादा                          पजससे जुड़ा है गां्व
                                                                                         ू
           िसल की िैदा्वार।                              और गरीब।            n सभी आयु समेहों के पलए समेग्र िोषणयुक्त
                                                                               आहार।
         केपमेकल मेुक्त खेती                            देश के आपद्वासी
            का बड़ा आधार।                                समेाज का सत्कार।     n आ्वश्यक प्वटापमेन, खपनज, प्रोटीन और
            क्लाइमेेट चेंज की                         देश के करोड़ों लोगों के   िाइबर से भरिूर।
          चुनौपतयों मेें मेददगार।                     िोषण का कण्तधार।
                                                                             n खेती के पलये न्यूनतमे जल की
                भारत मेें समेग्र प्वकास          देश के छोटे पकसानों की
                                                   ृ
                     का मेाध्यमे ।               समेपद्ध का द्ार।              आ्वश्यकता।


          श्ीअन्न पर काम करने ्वाले 500

          से ज्ष्यादा स््टा्ट्डअप बने


          n  पिछले कुछ ्वषयों मेें ही देश मेें श्ीअन्न िर कामे करने ्वाले 500 से
            ज्यादा स्टाट्टअि भी बने हैं। बड़ी संख्या मेें पकसान उत्िादक संगठन
            (एििीओ) इस पदशा मेें आगे आ रहे हैं।                सम्मेलन के मुख्ष्य आकर््षण

          n  स््वयं सहायता समेहों के जररए मेपहलाएं भी पमेलेट्स के उत्िाद बना   n स्मेारक पसक्के और डाक पटकट के प्वमेोचन के सा्थ-सा्थ बुक
                         ू
            रहीं हैं। गां्व से पनकलकर यह उत्िाद मेॉल और सुिरमेाककेट्स तक   ऑि पमेलेट स्टैंडर्स्त का प्वमेोचन।
                                                                                                      ै
            िहुंच रहे हैं। देश मेें एक िूरी सप्लाई चेन प्वकपसत हो रही है।   n आईसीएआर के भारतीय पमेलेट अनुसंधान संस््थान को ्वष्श््वक
                                                                 उत्कृ्टटता कद् के रूि मेें घोपषत पकया।
                                                                          ें
          n  यु्वाओं को रोजगार पमेल रहा है। छोटे पकसानों को भी बड़ी मेदद
            पमेल रही है।                                       n प्रपतपनपधयों ए्वं प्रपतभापगयों के पलए कई तकनीकी सत् ्व
                                                                 रिेता-प्वरिेता की बैठकें।
          n  देश ने िरूड प्रोसेपसंग सेक्टर को बूस्ट करने के पलए िीएलआई
            योजना भी शुरू की है।                               n प्वपभन्न देशों के कृपष मेंत्ी, ्वैज्ापनक, िोषण और स््वास््थ्य प्वशेषज्,
                                                                 स्टाट्टअि क्षेत् के पदग्गज और अन्य पहतधारकाें ने पलया भाग।



        हमारे ्यहां 12-13 राज््यों में प्मुखता से नमलेट्स की खेती होती   करोड़ ्छोटे नकसाि सीधे जुड़े हुए हैं। इिमें से ज््यादातर के पास
                                                                                                       ु
            े
        है लनकि इिमें घरेलू खपत प्नत व््यक््तत, प्नत माह 2-3 नकलो   बहुत कम जमीि है और इन्हें जलवा्यु पररवत्यि की चिौनत्यों
        से ज््यादा िहीं थी। आज ्यह बढ़कर 14 नकलो प्नत माह हो गई   का भी सबसे ज््यादा सामिा करिा पड़ता है। भारत का नमलेट
        है। नमलेट्स फूि उत्पादों की नबरिी भी करीब 30 प्नतशत बढ़ी   नमशि, श्ीअन्न के नलए शुरू हुआ। ्यह अनभ्याि देश के इि
        है। अब जगह-जगह नमलेट कैफे िजर आिे लगे हैं। नमलेट्स   नकसािों के नलए वरदाि सानबत होिे जा रहा है।” आजादी

        से जुड़ी रनसपीज के सोशल मीनि्या चिल बि रहे हैं। देश के   के  बाद  पहली  बार  नमलेट्स  पैदा  करिे  वाले  नकसािों  की
                                      ै
                े
        19 नजलों में नमलेट्स को ‘एक नजला, एक उत्पाद’ ्योजिा  के   नकसी सरकार िे इतिे बड़े स्तर पर सुध ली है। जब नमलेट्स-
        तहत भी च्यनित नक्या ग्या है। का्य्यरिम में प्धािमंत्ी िरेंद्   श्ीअन्न का बाजार बढ़ेगा तो इिकी आ्य भी बढ़ेगी। इसस  े
        मोदी िे कहा, “श्ीअन्न उगािे वाले ज््यादातर नकसाि ्छोटे   ग्ामीण  अथ्यव््यवस्था  को  भी  बहुत  लाभ  नमलेगा।  भारती्य
        और सीमांत नकसाि हैं। कु्छ लोग ्यह जािकर जरूर चौंक    दूतावासों से लेकर कई देश और भारत के 75 लाख से ज््यादा
                                                                                            ु
                                                                                    े
        जाएंगे नक भारत में नमलेट्स की पैदावार से करीब-करीब ढाई   नकसाि भी वचु्यअली इस सम्मलि में जड़े। l


                                                                                    न््ययू इंडि्या समाचार   16-30 अप्रैल 2023 29
   26   27   28   29   30   31   32   33   34   35   36