Page 27 - NIS - Hindi, 01-15 January 2023
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आवरर कथा      शवकास और शवरासत


                                            400 वरषों की परंपरा




                             आतमननभ्षर सेना के प्रतीक



                                         थे लनचत बरफुकन






                                                                      भारत िष्य के अमर शूरिीर

                                                                      लवचत बरफुकन


                                                                      लमचत बरफुकन असम के अहोम साम्ाजय की राही सेना के
                                                                      प्रमसद् सेनापमत थे मजनहोंने मुगलों को हराकर औरंगजेब
                                                                      के अधीन मुगलों की लगातार बढ़ती मह्िाकांक्ाओं को
                                                                      सफलतापूिनिक रोक मिया था। जनिरी 1662 में औरंगजेब
                                                                      के सूबेिार मीर जुमला ने बहमपुरि घाटी पर आक्मण कर
                                                                      मनचले असम को कबजे में ले मलया। तब राजय के मंमरियों ने
             भारत का इवतहास, वसफ्क गुलामी का इवतहास नहीं है।          मघलाझारी घाट में एक समझौता मकया लेमकन मुगलों का
             भारत का इवतहास योद्ाओं का इवतहास है, विजय का             अ्याचार बढ़ता रहा। लमचत बरफुकन ने 1671 में लड़ी गई
             इवतहास है। ऐसे ही एक महान योद्ा हुए अहोम सेनापवत         सरायघाट की लड़ाई में असममया सैमनकों को प्रेररत मकया
             लवचत बरफुकन वजनहोंने मुगलों की विशाल सेना को             और मुगलों को एक करारी अपमानजनक हार सिीकार
             सीवमत संसाधनों, िीरता, देशभशकत और युद् कौशल              करने को बाधय मकया। उनका एक-एक युिा अपनी माटी का
             के बल पर हराने का महान काय्य कर वदखाया था। राष्ट्र       मसपाही था। लमचत बरफुकन और उनकी सेना की िीरतापूणनि
                                                                               े
             ने 24 निंबर को लवचत बरफुकन की 400िीं जयंती               लड़ाई हमारे िर के इमतहास में प्रमतरोध की सबसे प्रेरक
             मनाई तो प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने 25 निंबर को उनकी     सैनय उपलसबधयों में से एक है।
             जयंती के उपलक्य में िष्य भर चलने िाले उतसि के
             समापन समारोह को वकया संबोवधत…...


                          ित में जब भली कोई मुशशकल दौि आरा, कोई   भावना से भिा हुआ है।” आज भाित उपननवेशवाद कली बेनड़रों को
                          चुनौतली  खड़ली  हुई  तो  उसका  मुकाबला  किने   तोड़ता हुआ आगे बढ़ िहा है एवं अपनली नविासत का जश्न मना

             भा के नलए कोई न कोई नवभूनत अवतरित हुई है।            िहा है औि अपने वलीिों को गवया के सा् राद कि िहा है। प्रधानमंत्रली
             हमािली आधराशतमक औि सांसकृनतक पहचान को बचाने के नलए   मोदली ने कहा, “वलीि लनचत बिफुकन का जलीवन हमें देश के सामने
             हि कालखंि में संत औि मनलीषली आए। लनचत एक ऐसे हली रोद्धा   उपशस्त कई वतयामान चुनौनतरों का िटकि सामना किने कली
             ्े नजन्होंने जान कली बाजली लगाकि अपनली जन्मभूनम कली िक्ा कली।   प्रेिणा देता है। वलीि लनचत का जलीवन हमें प्रेिणा देता है नक हम
             असम में जब भली वलीिगा्ाओं कली चचाया होतली है तो सिारघाट के   वरशकतगत सवा्षों को नहीं, देशनहत को सवणोच्च प्रा्नमकता दें।”
             रुद्ध कली चचाया जरूि होतली है नजसके महानारक लनचत बिफुकन   भाित ने हमेशा अपनली समृनद्ध औि सांसकृनतक नविासत को महतव
             ्े। प्रधानमंत्रली निद् मोदली ने नई नदललली के नवज्ान भवन में लनचत   नदरा है। हमने हमेशा अपने आधराशतमक औि सांसकृनतक नसद्धांतों
                          ें
             बिफुकन कली 400वीं जरंतली समािोह में कहा, “हमें वलीि लनचत   कली िक्ा कली है। रहली हमें एक अद ्भुत सभरता बनाता है। लनचत

             कली 400वीं जरंतली मनाने का सौभागर उस कालखंि में नमला है,   बिफुकन कली शौर गा्ा जरादा से जरादा लोगों तक पहुंचाने के
                                                                                या
             जब देश अपनली आजादली का अमृत महोतसव मना िहा है। आज    नलए असम सिकाि ने कुछ हली नदन पहले एक संग्रहालर बनाने
             देश गुलामली कली माननसकता को छोड़ अपनली नविासत पि गवया कली   का एेलान नकरा है। n


                                                                                     न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 जनवरी 2023  25
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