Page 2 - NIS Hindi 16-31 July,2023
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डॉ. ए. पी. ज. अब््दल कलामे : 27 जुलाई (पुण्यनतिनि)
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                           युवाओं मेें िई सोच





                                     के प्ररेरणास्ोति








                   “सपने वो नहीीं हीोते हीैं जो नींद मेें देखे जाते हीैं, सपने वो हीोते हीैं जो आपको सोने नहीीं देते हीैं।” इन
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                 शब्दों से युवाओं को नया सोचने और करने की प्रणा देने वाले ‘ममेसाइल मेैन’ डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल
                कलामे का देश के मलए योगदान भुलाया नहीीं जा सकता। तममेलनाडु राज्य के रामेेश्वरम् मेें एक तममेल
                मेुस््ललमे पररवार मेें अब्दुल कलामे का जन्मे 15 अक््टटूबर 1931 को हीुआ था। एक ्टीचर, वैज्ामनक और
                                                                               े
                  राष्टट्रपमत के रूप मेें डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलामे ने अपनी पूरी मजंदगी मेहीनत और लोगों की सेवा मेें
                लगा दी। भारत के 11वें राष्टट्रपमत ‘भारत रत्न’ कलामे ने हीमेेशा अपने दमेदार भाषणों के मेाध्यमे से युवा
                                                                                          े
                पीढ़ी को प्ररत करने का प्यास मकया। आज भी लाखों युवाओं के मलए उनके मवचार प्रणा के स्ोत हीैं।
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                    27 जुलाई को डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलामे की पुण्यमतमथ हीै, उनको राष्टट्र का शत-शत नमेन…...


















                                                                               अलग ढंग से सोचने का साहस

                                                                                 करो, आविष्कार का साहस
                                                                               करो, अज्ात पथ पर चलने का
                                                                                  साहस करो, असंभि को

                                                                                 खोजने का साहस करो और
                                                                                  समस््याओं को जीतो और
                                                                                सफल बनो। ्ये िो महान गुण
                                                                               हैं, वजनकी विशा में तुम अिश््य
                                                                                        काम करो।

                                                                               -डॉ. ए. पी. जे. अब्िुल कलाम
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