Page 33 - NIS Hindi 1-15 June 2023
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ष्टट्र
                                                                                          रा
                                                                                             री
                                                                                                   कड़वा पाटरीिार समाज
                                                                                         राष्टट्ररीर्र्  गुजराते को सौगातेें
























                                        कड़वा पेािीिार समाज सेवा की 100वीं वर्यागां्ठ


                      पेािीिार समाज : भारि और गुजराि



                                को समझने का एक माध््यम




             नकसरी भरी रयाष्ट्र करी ्ययात्या उसकरी समयाज करी ्ययात्या कया एक दप्गण हैोर्तया हैै। कड़वया पयाटरीदयार समयाज कया सैकड़ों सयाल
             कया इनर्तहैयास और भनवष््य के नलए नवजि, ्ये एक र्तरहै से भयारर्त और गुजरयार्त को जयाििे और देखिे कया मयाध््यम भरी
             हैै। सैकड़ों व्ष्ग के नवदेशरी आक्रयांर्तयाओं के अत््ययाचयार के बयावजूद इस समयाज के पूव्गजों िे अपिरी पहैचयाि नमटिे िहैीं
               दरी, अपिरी आस्टथया को खंनिर्त िहैीं हैोिे नद्यया। दुनि्यया भर में आज अपिरी सर्लर्तया कया परचम लहैरया रहैे कड़वया
                   पयाटरीदयार समयाज के सेवया करी100वीं व्ष्गगयांठ को प्रधयािमंत्री िरेंद्र मोदरी िे 11 मई को नक्यया संबोनधर्त…...

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                   ड़िा पा्टीदार समाज के लोगो आज दि-विदि म अपनी     लोगो ्छाए हुए ह। इन सबके साथ ही इस समाज ने पीढ़ी-दर-
                                                       ें
                                                                               ैं
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             क सफलता का परचम लहरा रहे हैं। िो जहां भी हैं, अपन  े  पीढ़ी, साल-दर-साल अपनी परंपराओं का मान-सम्मान बढ़ाया
                                                                            ं
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            श्म और साम्थ्यया से आगोे बढ़ रहे ह। व्टबर हो, प्लाईिुड हो,   है। प्िानमत्री नरद्र मोदी ने कहा, “आपने अपने पररिार के
                                            ं
                                                                                 ें
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            हाड्टिेयर, माबयाल, वबष्ल्डंगो म्टररयल, हर स्त्टर म इस समाज के   सदस्य के रूप म मुझे सनातनी िताब्दी महोत्सि का वहस्सा
                                                                   बनाया, म इसके वलए आप सभी का आभारी हं। सनातन वसफ्क
                                                                                                      ू
                                                                           ैं
                बीिे वषषों में कच््छ क्य हुआ क्यर््यकल्प           एक िब्द नहीं है, ये वनत्य नूतन है, पररितयानिील है, इसम बीत  े
                                                                                                              ें
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                एक समेय था, जब कच््छ दि के सबसे धप्छड़ धजलों मेें स  े  हुए कल से, खुद को और बेहतर बनाने की एक अंतवनयावहत चेष््टा
                                  े
                एक था। पानी की धकल्लत, भूखमेरी, पिुओं की मेौत, पलायन,   है और इसवलए सनातन अजर-अमर है।” प्िानमत्री मोदी ने श्ी
                                                                                                       ं
                बदहाली, यही कच््छ की पहचान थी। धकसी अफसर का
                ट्रासफर कच््छ होता था तो उसे पधनिमेेंट पोस्स्टंग मेाना जाता था   अवखल भारतीय कच््छ कड़िा पा्टीदार समाज को आगोे ले जान  े
                  ं
                                                                                                 े
                लधकन बीते वर्षषों मेें कच््छ का कायाकल्प हुआ है। कच््छ के पानी   िाले और नारायण रामजी वलम्बानी से प्रणा लेने िाले लोगोों के
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                                                                                              ं
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                संकट को हल करने के धलए धजस तरह कामे धकया गया, धजस   साथ अपने व्यष््ततगोत संबिों को रेखावकत वकया। उन्होंने बताया
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                                              े
                तरह कच््छ को धवश्व का बड़ा टूररस्ट डस्स्टनिन बनाया गया,   वक िे इस समाज के कायशों और अवभयानों से खुद को अपडे्ट
                वो सबके प्रयास का एक बेहतरीन उदाहरण है। आज कच््छ,   रखते ह। प्िानमत्री मोदी ने कहा, “चाहे कच््छ म आए भूकंप
                                                                                                        ें
                                                                                ं
                                                                         ैं
                दि के सबसे तेजी से धवकधसत होते धजलों मेें से एक है। कच््छ
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                                                                       ु
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                की कनस्क्टधवटी सुधर रही है, वहां बड़-बड़ उद्ोग आ रहे ह।   का मष्श्कल दौर हो या उसके बाद राहत-बचाि और पुनवनयामायाण
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                धजस कच््छ मेें कभी खेती के बारे मेें सोचना मेुस्श्कल था, आज   के लंबे प्यास हों, ये समाज की ताकत ही थी, वजससे मुझे हमिा
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                                          ैं
                वहां से कृधर्ष उत्पाद एक्सपोट्ट हो रहे ह, दधनया मेें जा रहे ह। ैं  एक आत्मविश्िास वमलता था।” l
 30 न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 जयून 2023                                                न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 जन 2023  31
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