Page 16 - NIS Hindi 16-31 March, 2023
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आवरण कथा मधयम वग्च






                                                 े
        नकतना लाभ हुआ है, इसके कई उदाहिर हैं। 2014 से पहल 1 जलीबली
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        िटा कली कलीमत 250 रुपरे ्ली जो आज 10 रुपरे से भली कम है। आज
        देश में एक नागरिक औसतन 20 जलीबली का उपरोग किता है। अगि            संववधान और भारत
        उस नहसाब को देखा जाए तो औसतन एक वरलकत का 5 हजाि रुपरे             क वतरंगे से हमें प्रेरणा
                                                                            े
                                                  या
        बचता है। भाितलीर जन औषनध केंद् आज पूिे देश में आकषर का            नमलती ह- गरीबों को
                                                                                     ै
                                                   न
        कािर बने हैं। मधरम वगजीर परिवाि अपने घि के बड-बुजुगगों के लए      न्ाय नमल, िन-िन को
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                                                                                      े
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                                            या
        दवा पि जहा एक से तलीन हजाि रुपए मानसक खच किता ्ा वहीं             आगे बढ़ने का अवसर
        जन औषनध केंद् पि बाजाि में 100 रुपरे में नमलने वालली दवाईरा  ं    नमल, ननम्न-मध्यम वगमा,
                                                                               े
        10-20 रुपरे में उपलबध हो िहली हैं। इन जन औषनध केंद् से आज
        20 हजाि किोड रुपरे मधरम वगया के बच हैं। मधरम वगया के घि का        मध्यम वगमा, उच्च-मध्यम
                                     े
        सपना पूिा किने के नलए शहिली इलाकों में होम लोन कली बडली वरवस्ा    वगमा को आगे बढ़ने में
                                                                                                  ं
        का ननमार हुआ। िेिा कानून बनाए जाने से मधरम वगया के मेहनत कली      कोई रुकावट न आए,
              या
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        कमाई अब एक नवशष वगया वषगों तक दबा कि नहीं िख सकता। िेिा ने        सरकार की अडचनें
        मधरम वगया को एक नरा नवशवास देने का काम नकरा है। हि मधरम           न आए।
                                                                                 ं
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        वगजीर परिवाि के मन में सुिनक्त भनवषर के नलए बच् को उच् नशक्ा
        देने का एक सपना िहता है। इसे धरान में िखते हुए हली मेनिकल,        - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
        इंजलीननररिंग, प्रोिेशनल कॉलज औि वहा सलीटों कली संखरा भली बढ़ाई
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                                      ं
        गई है। इस प्ररास ने मधरम वगया कली आकाक्ाओं को पूिा किने का
                                      ं
        नरा आधाि नदरा है। अब उसे रह नवशवास होने लगा है नक उनके
        बच्ों का उज्वल भनवषर सुननलशचत है।
                                                                                     ं
          जलीएसटली में बहुत तेजली से किाधान कम हुआ है, आर कि कम   समग्र सलोच के साथ आकाक्षाओं की ्पूहत्च
                                                                             या
                                                                                 े
        हुआ है। सहकािली बैंकों को रिजवया बैंक से जोडना, रह अपने आप   प्रबंधन औि आन्क क्त्र से जुडे नवशेषज्ों के अनुसाि देखा
                                                                                       े
        में मधरम वगजीर परिवािों के पैसों को सुिनक्त िखने कली गािंटली है।   जाए तो मधरम वगया को तलीन श्रनररों में िखा जा सकता है।
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        एमएसएमई सेकटि औि ककृनष क्त्र में जो सुधाि हुए हैं, इसका सलीधा   महतवाकांक्ली मधरम वगया, मधरम वगया औि उच् मधरम वगया रानली
        लाभ मधरम वगजीर मेहनतकश परिवािों को हो िहा है। इन सुधािों   भाितलीर आबादली का एक बडा भाग इसके अंतगयात आता है। वैसे तो
                                                                                 या
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        के कािर हजािों-किोड रुपरे के नवशष िंि का लाभ वरापारिरों,   आकाक्ली मधरम वगया आन्क रूप से कमजोि होता है औि दैननक
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                                                                                                      े
        लघ उद्नमरों को नमल िहा है। आम भाितलीर कली शलकत, उसकली   जलीवन में कािली अननलशचतताओं का सामना किता है लनकन वह
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                                                                                   ं
        ऊजा आतमननभयाि भाित अनभरान का एक बडा आधाि है। इस        बेहति जलीवन सति कली आकाक्ा िखता है। रह टलीवली, िेनिरो, नरूज
            या
        ताकत को बनाए िखने के नलए हि सति पि ननिंति काम जािली    पेपि के सा् सोशल मलीनिरा औि उच्-आर वगया के उपभोग पैटनया
        है। मधरम वगया आज चमतकाि किने कली ताकत िखता है। ईज      से बहुत प्रभानवत होता है।
                                                                                े
        ऑि नलनवंग के नलए हुई सामानजक रोजना वालली पहल से सबसे     शहिली औि ग्ामलीर क्त्रों में इस वगया को सिकािली रोजनाओं का
                                                                                                 ं
        बडा लाभ नकसली को होना है तो मधरम वगया के परिवािों को होना   लाभ हुआ है। इन रोजनाओं में िारिेकट बेनननिट ट्रासिि (मसलन,
        है। ससते इंटिनेट रा ससते समाट्डिोन कली बात हो रा निि उडान   पलीएम नकसान रोजना), नवत्लीर समावेशन (जैम नट्रननटली), एलपलीजली
                                                                                                           या
                                                                                      े
        रोजना के तहत हवाई जहाज कली नटकटों कली कलीमतें नरूनतम हो   सलबसिली, नकिारतली आवास, बड पैमाने पि शौचालरों का ननमार,
        जाने कली, िाजमागया हों, सूचना के अनर मागया हों, रह सभली चलीजें   माइक्ो-हेल् इंशरोिेंस औि माइक्ो-पेंशन रोजनाएं शानमल हैं। इस
                                                                                             े
                                                                                 े
        मधरम वगया कली ताकत को बढ़ाने वालली हैं। जलीएसटली से उपभोकताओं   वगया को सनवयास सेकटि नवशष रूप से शहिली क्त्रों में अस्ारली िोजगाि
        के कई प्रकाि के दैननक खचगों में कमली आई है। दैननक उपरोग कली   के नवसताि से भली लाभ हुआ है। जबनक उच् मधरम वगया को आमतौि
                                                                             ं
        चलीजों से लकि िेसटोिेंट में खाना खाने जैसली अनर गनतनवनधरों तक   पि नवत्लीर संपनत्रा, बैंक में जमा औि अचल संपनत् िखने वालों
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                                                                                                     े
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        पहुच आसान हुई है।                                      से पहचाना जाता है। इस वगया में िॉकटि, वकलील, पेशवि, चाट्डि  ्ड

        14 न्यू इंडि्ा समाचार   16-31 माच्च 2023
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