Page 61 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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रेाष्ट्ररीय  सौरेाष्ट्र तकमल संगमम्

























            वर्षों बाद जब अपिे घरो आए र्ो सौरोाष्टट्र कवी




                    िरोर्वी परो नदखवी अपिेपि कवी लहरो




            अवतवथ सत्कार का सुख वास्तव मेें बहुत अनूठा होता है लेवकन िब कोई अपना ही अपननों से वर्षषों बाद घर
            आकर वमेलता है तो ्यह सुख और उल्लास अपने चरमे पर होता है। ्यही उत्साह और अपनापन सौराष्ट्र की
            धरती पर वदखी िब बड़ी संख््या मेें तवमेलनाडु से आए लोग सौराष्ट्र-तवमेल संगमेम् मेें एक-दूसरे से वमेले।
          सौराष्ट्र की धरती पर तवमेलनाडु से आए अपने लोगनों का वदल खोल कर स्वागत वक्या। प्रधानमेंत्ी नरेंद्र मेोदी ने
                            भी सौराष्ट्र-तवमेल संगमेम् मेें शावमेल हुए लोगनों को वक्या संबोवधत…...


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                 िाष्ट्  औि  तनमलनािु  के  बलीच  सां्ककृनतक  संबंधों   का भिपि आनंद नलर्ा। सौिाष्ट् से तनमलनाि तक देश को जोड़न  े
                                                                                 ू
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                 को बढ़ावा देने औि एक भाित श्ष््ठ भाित को नर्ा   वाले सिदाि पटेल कली ्कटैच्र् ऑि र्ूननटली के दशयान नकए। अतलीत कली
        आर्ाम देने के नलए 17 से 26 अप्रैल के बलीच गुजिात में सौिाष्ट्-  अनमोल ्कमृनतर्ां, वतयामान का अपनत्व औि अनुभव औि भनवष्र्
        तनमल संगमम् कार्क्रम का आर्ोजन नकर्ा गर्ा। इस अवनध के   के नलए संकल्प औि प्रेिणाएं, सौिाष्ट्-तनमल संगमम् म सभली का
                                                                                                      ें
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        दौिान गुजिात के पूिे सौिाष्ट् क्षेत्र में नवनभन्न ्कथानों पि सां्ककृनतक   एक साथ दशयान किने का मौका नमला। पलीएम मोदली ने कहा सौिाष्ट्
        कार्क्रमों का आर्ोजन नकर्ा गर्ा। साथ में दोनों कली सं्ककृनत को   तनमल संगमम् का आर्ोजन केवल गुजिात औि तनमलनाि का
                                                                                                          ु
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        एक-दूसिे को समझने का मौका नमले इसके नलए तनमल से आए   संगम नहीं है। र्ह देवली मलीनाक्षली औि देवली पावयातली के रूप म एक
        लोगों को सौिाष्ट् के अलग-अलग क्षेत्रों का भ्रमण भली किार्ा गर्ा।  शस्क्त कली उपासना, भगवान सोमनाथ औि भगवान िामनाथ के रूप
                                                                                         ु
          प्रधानमत्रली निद् मोदली भली 26 अप्रल को सौिाष्ट्-तनमल संगमम् म  ें  म एक नशव कली भावना, नाग्चवि औि संदिे्चवि कली धितली का संगम,
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        पहंचे औि लोगों को संबोनधत नकर्ा। पलीएम मोदली ने कहा नक हृदर्   श्लीकृष्ण औि श्ली िंगनाथ कली धितली, नमयादा औि वैगई, िानिर्ा औि
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        से सौिाष्ट् का हि जन तनमलनाि से आए अपने भाई औि बहनों के   कोलाट् टम, विारिका औि मदिई जैसली पनवत्र पुरिर्ों कली पिंपिा का
                                                                            ं
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        ्कवागत म पलक नब्छाए है। वषया 2010 म गुजिात के मुख्र्मत्रली के   भली संगम है। प्रधानमत्रली मोदली ने कहा सा्ककृनतक नविासत को लेकि
                                                                                          ं
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        तौि निद् मोदली कली पहल पि मदिई म ऐसे हली भव्र् सौिाष्ट् संगम का   िाष्ट् ननमायाण के नलए आगे बढ़ना है। तनमलनाि म बसे सौिाष्ट्
                                                                                                    ें
        आर्ोजन किार्ा गर्ा था नजसम सौिाष्ट् के 50 हजाि से अनधक लोग   मूल के लोगों ने औि तनमलगम के लोगों ने इसे जलीकि नदखार्ा है।
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        शानमल हुए थे। उसली तिह का स्ेह सौिाष्ट्-तनमल संगमम् म सौिाष्ट्   आप सबने तनमल को अपनार्ा, लनकन साथ हली सौिाष्ट् कली भाषा,
                                                   ें
        कली धितली पि नदखा। बड़ली संख्र्ा म तनमलनाि से अपने पवयाजों कली   खानपान औि िलीनत-रिवाजों को भली र्ाद िखा। र्हली भाित कली वो
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        धितली पि आए लोगों को अपने घि कली तिह हली अनुभव हुआ।  अमि पिंपिा है, जो सबको साथ लेकि समावेश के साथ आगे बढ़तली
          सौिाष्ट्-तनमल संगमम् म तनमलनाि से आए लोगों ने पर्टन   है, सबको ्कवलीकाि किके आगे बढ़तली है। l
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