Page 27 - NIS Hindi 01-15,April 2023
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आवरण कथा बजट वेबबनार










                                       ैं
                                            ु
          जब हम ट ू हरज्म की बात करते ह, तो कछ लोगों को
                                                 े
          लगता ह कक एक फसी सा शब्द ह, समाज क उच्च
                  ै
                            ैं
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          आय र्ग्व से और उन्हीं लोगों को री-प्जेंट करता ह।
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                                                                       अमल की ्यात्ा…...
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                                  े
          लककन िारत क संदि्व में दखें तो ट ू हरज्म का दायरा
                                              ं
          बहुत बड़ा ह। सद्दयों से हमारे यहां यात्राए होती रही
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         ह, ये हमारे सांकिकतक-सामाजजक जीर्न का हहस्ा
           ैं
                        कृ
                                                             n इस वर्ष्च के बज्ट मेें प्किस्पधजी भावना और र्नौिी के मेाध्यमे स  े
                                                                                             यु
               ै
          रहा ह और र्ो िी जब संसाधन नहीं थे। तब िी कष्          भारि मेें कई स््थानों की पहर्ान की गई है और गांिव्य स््थ्लों के
                                                                                    ें
              उठाकर लोग यात्राओं पर लनकल पड़ते थे।              समेग् कवकास पर भी ध्यान ककद्रि ककया जा रहा है। इसमेें कवकभन्न
                                                                कहिधारकों को शाकमे्ल ककया जाएगा।
                     - नरेंद्र मोिी, प्रधानमंत्री
                                                             n कवदेश मेें रहने वा्ले वो ्लोग कजनमेें खर््च करने की क्षमेिा ज्यादा
                                                                होिी है, उन्हें ज्यादा से ज्यादा सख्या मेें भारि ्लाने के क्लए कवशेर्ष
                                                                                      ां
        उपलब््धध्यां जो बिी आधार                                रणनीकि बनाने की आवश्यकिा है।
                                                             n भारि मेें कवकभन्न प्कार के पक्षी हैं। बहयुि से पय्च्टक पकक्षयों को
                                                                देखने के क्लए मेहीनों रूकिे हैं। हमेें ऐसे पय्च्टकों को भी ्लकक्षि
                              से ज्यािा श्रद्धालु ्काशी दव्ववनाथ
                             7 करोड़  धाम में िशदून ्के दलए दपछले वषदू आए।   n पेशेवर ्टूररस््ट गाइड की कमेी को दूर करने के क्लए स््थानीय
                                                                        ां
                                                                कर नीकिया बनानी होंगी।
                              जबद्क पुनदनदूमादू्ण से पहले यहां प्रदत
                              वषदू महज 70-80 लाि श्रद्धालु ही
                                                                    े
                                                                कॉ्लजों मेें सक्ट्डकर्के्ट कोस्च, प्कियोकगिा हो िाकक अच्छटे यवा
                              िशदून ्के दलए आते थे।
                                                                इसमेें आए। ां                           यु
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        n  जब याकत्रयों के क्लए मे्लभूि सयुकवधाओं को बढ़ाया जािा है िो   n कडकज्ट्ल ्टूररस््ट गाइड के क्लए िकनीक का प्योग हो। कवशेर्ष
           पय्च्टन मेें कई गना वृकधि हो सकिी है।                पय्च्टन स््थ्लों पर गाइड की कवकशष््ट पोशाक भी होनी र्ाकहए।
                       यु
        n इस सा्ल जनवरी मेें 8 ्लाख कवदेशी पय्च्टक भारि आए जबकक   n पूववोत्तर के क्लए स्कू्लों और कॉ्लजों की यात्राओं को बढ़ावा देने
                                                                                       े
           कपछ्ले सा्ल जनवरी मेें केव्ल 2 ्लाख कवदेशी पय्च्टक ही भारि   पर भी जोर कदया जाए िाकक अकधक से अकधक ्लोग जागरूक हों
           आए ्थे।
                                                                और पय्च्टकों के क्लए बयुकनयादी ढाांर्े और सयुकवधाओं का कवकास
        n  गजराि मेें पावागढ़ िी्थ्च क्षेत्र के पनकन्चमेा्चण के पह्ले 2 से 5 हजार   हो सके।
                                  यु
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           ्लोग आिे ्थे ्लेककन जीणवोधिार, इफ्ास्रिट्र्र और सयुकवधाए बढ़ने
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           से अब औसिन करीब-करीब 80 हजार ्लोग आिे हैं।        n ‘वेकडंग डटेक्स््टनेशस’ के सा्थ-सा्थ ‘स्पोट्स्च डटेक्स््टनेशस’ को
                                                                बढ़ावा कदया जाएगा। प्धानमेांत्री मेाेदी ने ऐसे 50 पय्च्टन स््थ्लों को
        n  दयुकनया की सबसे ऊंर्ी प्किमेा ‘स््टच्यू ऑर् यूकन्टी’ बनने के एक   कवककसि करने पर जोर कदया जहा दयुकनया का हर पय्च्टक भारि
                                  ै
                                                                                        ां
           सा्ल के भीिर ही 27 ्लाख ्लोग उसे देखने पहयुांर्े।    की यात्रा पर आने के क्लए बाध्य हो जाए।
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        n  अहमेदाबाद के काकररया िा्लाब मेें ्लोग जािे नहीं ्थे ्लेककन   n सययुट्ि राष्रि मेें सूर्ीबधि सभी भार्षाओं मेें पय्च्टन स््थ्लों के क्लए
                                                                  ां
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           पनकव्चकास के बाद शल्क देकर भी रोजाना 10 हजार ्लोग पहयुांर्   ऐप कवककसि ककया जाएगा।
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           रहे हैं।
                                    ां
        n  केंद्र सरकार ने बॉड्डर ककनारे बसे गाव के क्लए वाइब्ें्ट बॉड्डर   1700 िॉलर
           कव्लेज योजना शरू की है। ऐसे मेें होमे स््टटे, छो्टटे हो्ट्ल, छो्टटे   दविेशी पयदूट्क औसतन भारत में िचदू ्करते हैं।
                       यु
                ें
           रेस््टोर्ट सकहि अनेक व्यवसाय के क्लए ्लोगों को ज्यादा से
           ज्यादा मेदद हमे सबको कमे्लकर करना है।                 अमेरर्का में    ऑस्ट्रटेदलया म ें
                                                                2500 िॉलर       5 हजार िॉलर
                                                               हर राज्य ्को इस सोच ्के साथ अपनी पयदूटन नीदत में
                          15 लाख  से ज्यािा श्रद्धालु पुनदनदूमादू्ण ्के बाि   बिलाव ्करने ्की जरूरत है।
                           ्किारघाटी िशदून ्के दलए आने लगोे जबद्क
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                           इससे पहले यहां प्रदत वषदू महज 4 से 5 लाि
                           श्रद्धालु ही आते थे।
                                                                                     न््ययू इंनि्या समाचार   1-15 अप्रैल 2023 25
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