Page 64 - NIS Hindi 01-15 August,2023
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आरएनआई DELHIN/2020/78812, वदल्लमी ्पोस्र्ल लाइसेंस नंबर-
            आर.एन.आई
       DELHIN/2020/78812                                                DL (S)-1/3550/2023-25 डब्ल््योमू्पमी्पमी संख््योा- U (S)-98/2023-25, posting at
          1-15 अिस्ते 2023                                              BPC, Market Road, New Delhi - 110001 on 26-30 advance Fortnightly
                                                                        (�काशन वतव्थ- 21 जुलाई 2023, क�ल ्पृष्टठ-64)



              अिृत काि के पंच प्राण








                                                टवकटसत भारत का ्ल�य

                                             अि दे्श िड़े संकल््प लेकर ही चलेगा।
                                              वो िड़ा संकल््प है बवकबसत भारत।
                                             अि उससे क�छ कम नहीं होना चाबहए।







                                                         1

           गु्लामेी के हर अंश से मेुस्क्त                                          नागररकों मेें कत्वव्य की भावना

        हमारी आदत और                                                                          नागररकों में कत्षव्य
        मन के बकसी भी                                                                            की भावना होनी
        कोने में गुलामी का          2                                         5               चाबहए बजससे भारत
        एक भी अं्श अभी                                                                       का नागररक होने के
        भी है तो उसे िचने                        2047                                         नाते �िानमं�ी और
        नहीं देना है।                                                                          मुख्यमं�ी भी िाहर
                                               का भारत                                               नहीं होता।



            अपनी टवरासत पर गव्व                                                         एकता और एक्जुिता

         यही बवरासत है बजसने कभी            3                         4               दे्शवाबसयों में एकता की भावना,
        भारत को स्वबण्षम काल बदया                                                     न कोई अ्पना है न कोई ्पराया
         था। इसबलए इस बवरासत के                                                        का भाव और ‘एक भारत �ेष्ठ
         �बत हमें गव्ष होना चाबहए।                                                     भारत’ का स्पना होना चाबहए।






         आजवादी िे 75 ्वषर् पूरे हयोने पर देश ने अपने गलए 'पांच प्वाि' िवा ग्वजन रखवा
         है। इन पांच प्वािों में ग्विवास िे बड़े लक्षयोों िवा सांिल्प और ितेर्व्योों िी प्ेरिवा

         है। इसमें िुलवामी िी मवानगसितेवा िे त्योवाि िवा आ�वान है, अपनी ग्वरवासते पर
          ि्वर् िवा बयोध है। आज भवारते िे आदशर्, आयोवाम, सांिल्प, लक्षयो, पथ और
          प्तेीि अपने हैं। आने ्ववाले 25 सवाल िे गलए हमें उन 'पांच प्वाि' पर अपनी
         शश्क्ते, सांिल्प और सवामथ्योर् ियो िेंगद्रते िरनवा हयोिवा। - नरेंद्र मयोदी, प्धवानमांत्ी




      रवाजेश  मल्हयोत्वा
           62  न्ययू इंटडया समेाचार   16-31 अगस्त 2022
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