Page 11 - NIS Hindi August 01-15, 2024
P. 11

व्�क्ति�ित्�  प्रफुुल्ल चांद्र र े



                                         आचायाष प्रफाुल्ल चंद्र रे



                                         र�ाया� निवज्ञाा� मृं अंनिवस्मृरणीया याोगदा�


                                                                                                   ु
                                         प्रयिसद्ध भाारतंी� वैज्ञाायिनके और यिशक्षेके आचाा�� प्रफुुल्लो चांद्र रे आधायिनके
                                         भाारतंी� रसा�यिनके शोधाकेतंा�ओं मं से एके थे। देश मं रसा�न केे क्षेेत्र मं
                                                              े
                                         यिके�ा ग�ा उनकेा उल्लोखीनी� केाम सदैव अंयिवस्मरर्णी� रहुगा। उन्हुंने र्जाीवन
                                                                                             े
                                         रक्षेके दवाओं केे माध्�म से अंमूल्� यिर्जांदयिग�ं केी रक्षेा केे यिलोए प्र�ास यिके�ा।
                                                    �
                                                 ं
                                                                        े
                                         अंपना सपूर्ण र्जाीवन मानवतंा केी सवा केो समयिप�तं केर यिद�ा। रसा�न शास्त्र
                                         केी दयिन�ा मं उन्हुं आदर से दखीा र्जाातंा हुै। उन्हुं भाारतं केे रसा�न शास्त्र केा
                                              ु
                                                                  े
                                         यिपतंा भाी केहुा र्जाातंा हुै। वहु एके रसा�नशास्त्री हुी नहुं थे बक्तिल्के एके स्वतंंत्रतंा
                                         सनानी केे रूप मं भाी पहुचाान रखीतंे हुं। वहु एके समार्जासवी केे साथ-साथ
                                                                                         े
                                           े
                                         प्रेरर्णादा�ी व्�क्ति�तंत्व केे भाी थे धानी�...
                                         र्जान्म : 2 अगीस्त 1861, मृत्�ु : 16 जने 1944
                                                                      ू


                                                                                             ि
                                                                                             ू
                                    ं
                                ं
                                         े
               सीायन शास्त्रीी और स्वतत्रीता सीग्रैामं सीनानी आचाायि प्र�ुल्�   उन्‍हांने वषाि 1895 मंं ल्किस्थर यौनिगक मं�यरसी नाइट्राइटी की खुो�
                                                                                                            े
                                         ं
                                                                                े
                                                                                           े
               चाद्री रे का �न्‍मं 2 अगस्त 1861 को बीगा� के खु�ंना नि��  े  की और अमंोनिनयमं नाइट्रटी, हााइर्पोोनाइट्रटी और आगेनिनक नाइट्रटी
                ं
                  ं
                                                                                                        ं
         र मंं हाआ था �ो अबी बीाग्�ादेेश मंं हाै। शरूआती र्पोढ़ााई अर्पोने   र्पोर शोधा निकया। उन्‍हां इसी र्पोर देेश-निवदेेश सीे बीड़ी बीधााइया निमं�ं
                                          ं
                              ं
          ं
        गाव मंं करने के बीादे वे क�कत्तीा आ गए �हाा उन्‍हांने स्क�ी र्पोढ़ााई   �निकन उनका सीर्पोना तो यंवाओं के नि�ए बीड़ी इंड्रस्टीी बीनाने का था।
                                         ं
                                                               े
                                                  ू
        की। कॉ�� की र्पोढ़ााई के देौरान निवज्ञान के प्रनित गहारी निदे�चास्र्पोी   ‘सीादेा �ीवन उच्चा निवचाार’ सीे र्पोरिरर्पोणि बीहाआयामंी व्यल्कि�तत्व वा�े
                                                                                            ं
                                                                                       ू
                े
                                                                    ं
        �गी। उच्चा निशक्षेा के नि�ए इंग्�ंड गए, �हाा उनका रुझेान रसीायन   प्र�ुल्� चाद्री रे का रसीायन के अ�ावा इनितहाासी सीे भाी गहारा �गाव
                                        ं
                                                                                        े
                                                                                                       ं
        शास्त्री की ओर बीढ़ाने �गा। एनिडनबीगि निवश्वनिवद्योा�य सीे निशक्षेा प्राप्त   था। उन्‍हांने ‘दे निहास्ट्री ऑ� निहान्‍देू कमंेस्ट्री’ एक दें�िभा र्पोस्तक भाी
                                                                     ं
                                                      े
        करने के बीादे उन्‍हांने कई वषां तक क�कत्तीा के प्रेसीीडंसीी कॉ��   नि�खुी हाै। देनिनया भार मंं उनकी प्रनितष्ठा थी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय
        और नि�र क�कत्तीा निवश्वनिवद्योा�य मंं कामं निकया।    स्तर र्पोर उन्‍हां कई सीम्मंान निदेए गए। निब्रानिटीश सीरकार ने उन्‍हां भाारतीय
           रसीायनिनक उद्योोग स्थानिर्पोत करने के नि�ए र्पोहाचाान रखुने वा�  े  सीाम्रााज्य का सीाथी (CIE) की शाहाी उर्पोानिधा सीे सीम्मंानिनत निकया था।
                     ं
                                                                     ं
        आचाायि प्र�ुल्� चाद्री रे चााहाते थे निक बीगा�ी उद्योमं की देनिनया मंं आएं।   उनकी �यती के अवसीर र्पोर 2 अगस्त, 1961 को भाारतीय डाक
                                              ं
                                  ं
        निवज्ञान सीे उन्‍हां इतना �गाव था निक अर्पोने कमंरे मंं हाी प्रयोगशा�ा   निवभााग ने एक डाक निटीकटी �ारी निकया था। 16 �ून 1944 को 82
                                          ं
        बीना डा�ी थी। इतना हाी नहां, उन्‍हांने खुंदे बीगा� कनिमंक� एंड   वषाि की उम्रा मंं क�कता मंं उनका निनधान हाो गया। सीा� 2024 मं  ं
                                                े
                                                                             ु
            ि
        �ामंास्यंनिटीक� व�सीि (1901) नामंक कनिमंक� �मंि की स्थार्पोना   देेश आचाायि प्र�ुल्� कमंार रे की 163वं �न्‍मं सीमंारोहा मंना रहाा हाै।
                                      े
                                                                       ू
        कर एक निमंसीा� कायमं की। यहा देेश की र्पोहा�ी देवा कर्पोनी मंानी   22 अ�टीबीर 2020 को वचाअ� कायिक्रामं के �रिरए बीगा�
                                                                                                          ं
                                                 ं
                                                                                      ंि
                                                                                                            ं
                                                                        ं
                                                                    ू
                                       क
        �ाती हाै। इतना हाी नहां, वहा एक सीच्चाे तकवादेी थे। �ानित व्यवस्था   मंं देंगा र्पो�ा र्पोडा� का उद्घााटीन करने के देौरान प्रधाानमंंत्रीी नरद्री
                                                                  ि
                 क
                                                                     ं
        व अन्‍य तकहाीन सीामंानि�क व्यवस्था के निखु�ा� थे। उन्‍हांने अर्पोनी   मंोदेी ने बीगा� की कई मंहाान हाल्किस्तयं को यादे निकया था नि�सीमं  ं
           ं
        मंृत्य तक सीमंा� सीधाार के इसी कायि को �ारी रखुा। वे आ�ीवन   आचाायि प्र�ुल्� चाद्री रे का भाी नामं शानिमं� था। उन्‍हांने कहाा था निक
                                                                          ं
                       ं
                                                                                              ू
                                                                                                 ं
        निकराए के घार मंं रहाे। आचाायि प्र�ुल्� के मंन मंं आ�ादेी की �ौ   नि�न्‍हांने निवज्ञान के क्षेत्री मंं भाारत का र्पोरचामं र्पोरी देनिनया मंं �हाराया
                                                                            े
           े
                           ं
                                                                                                        ं
                                                      ं
                                                                                 ं
        हामंशा ��ती रहाती थी। बीगा� के 1922 के अका� मंं उन्‍हांने चादेा   ऐसीे �गदेीश चाद्री बीोसी, सीत्यद्री नाथ बीोसी, आचाायि प्र�ुल्� चाद्री रे को
                                                                        ं
        एकत्री कर �ोगं की मंदेदे की। कहाा �ाता हाै निक उनके व्यल्कि�तत्व   आ� �बी निवज्ञान का यग हार र्पो� यादे करता हाै, मंं भाी आ� उन
                                                                              ं
                                                                                  ं
                                                                 ं
        और सीादेगी सीे मंहाात्मंा गांधाी भाी बीहात प्रभाानिवत थे।  मंहाानभाावं को नमंन करता हा।  n
                                                                                  ू
                                  ं
                                                                                   न्यूू इंंडि�यूा समााचाार   1-15 अगस्त, 2024  9
   6   7   8   9   10   11   12   13   14   15   16