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व्यक्ति�तत्वीं श्यामलााला गुप्त ‘पाार्षषद’






                                                             श्याामलााला गुुप्त ‘पाार्षषद’



                                                             ‘वि�जयाी वि�श्� वितरंंगुा प्याारंा’


                                                             सेे जन-जन मं भरंा जोश




                                                               जन्म : 9 सि�तंंबर 1896     मृृत्युु : 10 अगस्त 1977


                                                                                            े
            प्रख्र्यात कासिवा एवां गोंीतकाार �र्यामालेाले गोंुप्त 'पार्षोयदे' भीारतीर्य स्वातत्रीता सांग्राामा काे एका सानेानेी, पत्रीकाार,
                                                                        ं
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        सामााजसावाी एवां अध्र्यापका थे सिजन्होंनेे देेशभीब्धि�त गोंीत ‘सिवाजर्य सिवा�वा सितरगोंा प्र्यारा’ काी रचीनेा काी थी। र्यहो गोंीत
         ने सिसाफुफ लेोकासिप्रर्य होुआ बाब्धिल्का आजादेी काे मातवाालेे काे सिलेए प्रेरणीास्रोोत बाने गोंर्या। इसा रचीनेा काे सिलेए उने पर
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         अग्राजी होकामात द्वाारा 500 रुपर्ये काा जमाायनेा लेगोंार्या गोंर्या और जले भीी भीजा गोंर्या। आजादेी काे आदेोलेने मां
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          इतनेी सासिक्रर्यता रहोी सिका वाहो काई बाार जले गोंए। आजादेी काे बाादे उन्हों ‘पद्म श्रीी’ साे सिकार्या गोंर्या साम्माासिनेत...
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                 पनेी  लेखनेी  से  स्वातत्राता  संग्रााम  कोो  �ार  देेनेे  वााले   समयों कोे अन्यों स्वातत्राता सनेासिनेयोंं कोी तरह श्योंामलाल गुप्त ‘पार्षषदे’
                                                                           ं
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                 श्योंामलाल गुप्त कोा जन्म 9 सिसतंबर 1896 कोो कोानेपुर   कोो भीी 1921 मं सि�सिटश शासने नेे सिगरफ्तार कोर सिलयोंा थीा लसिकोने
        अ कोे नेरवाल मं कोौशल्योंा देेवाी और सिवाशेश्वार प्रसादे कोे घर   रिरहा होनेे कोे बादे भीी वाे भीारत कोी स्वातत्राता कोे सिलए कोाम कोरते रहे।
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        हुआ थीा। हम सभीी प्रसिसद्ध देेशभीक्ति�त गीत 'सिवाजयोंी सिवाश्वा सितरगा प्योंारा,   इसकोे बादे 1930, 1942 और 1944 मं उन्हं सिफर से सिगरफ्तार सिकोयोंा
        झंंडेा ऊंंचंा रहे हमारा' से परिरसिचंत हं। हम इसे हर गणीतत्रा सिदेवास और   गयोंा। छह साल मं उन्हं आठ बार राजनेीसितको बदेी बनेायोंा गयोंा। वाह
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        स्वातत्राता सिदेवास पर स्कोूल-कोॉलेज मं गाते रहे हं। इस गीत कोी रचंनेा   'नेमको सत्योंाग्राह' और 'भीारत छोड़ो आदेोलने' जसे प्रमुख आदेोलने
        सिकोसी और नेे नेहं बक्तिल्को श्योंामलाल गुप्त नेे कोी थीी सिजन्हं उनेकोे   मं भीी शासिमल हुए। व्योंक्ति�तगत अनेुष्ठाने कोे तौर पर उन्हंनेे भीारत कोो
                                                                             ू
        उपनेाम ‘पार्षषदे’ कोे नेाम से भीी जानेा जाता है।     आजादेी सिमलनेे तको जते योंा छाते कोा इस्तमाल नेहं सिकोयोंा।
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          'सिवाजयोंी सिवाश्वा सितरगा प्योंारा, झंंडेा ऊंंचंा रहे हमारा' गीत कोी उत्पसित्ता   राजनेीसितको भीागीदेारी कोे अलावाा श्योंामलाल गुप्त एको समाजसवाी
        कोी कोहानेी बेहदे सिदेलचंस्प है। साल 1923 कोी बात है। उस समयों   भीी थीे। उन्हंनेे कोॉलेज, अनेाथीालयों, बासिलकोा सिवाद्यालयों ससिहत कोई
        तको ऐसा कोोई झंंडेा गीत नेहं थीा जो जनेमानेस कोो प्रेरिरत कोर सकोे।   संगठनें कोी स्थीापनेा एवां सचंालने सिकोयोंा। इसकोे अलावाा उन्हंनेे
                                                                                  ं
        श्योंामलाल गुप्त कोी देेशभीक्ति�त और कोाव्यों प्रसितभीा देोनें से गणीेश शकोर   मसिहला सिश�ा, देहेज प्रथीा कोा सिवारो� और सिवा�वाा सिवावााह मं भीी ससि�यों
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        सिवाद्याथीी प्रभीासिवात थीे। उन्हंनेे श्योंामलाल गुप्त से झंंडेा गीत सिलखनेे कोो   योंोगदेाने सिदेयोंा। गुप्त, रामचंरिरतमानेस से बेहदे प्रेरिरत थीे। अ�सर देूसरं
        कोहा। ऐसा गीत सिजसमं शक्ति�तशाली श�दे हं और जो देेशवाासिसयोंं कोी   कोे साथी इस सिवार्षयों पर चंचंा कोरते थीे। रामायोंणी पर उनेकोे प्रवाचंने
                                                                                  ष
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        सामसिहको चंेतनेा कोो जगाए। आसिखरकोार जब गीत अक्तिस्तत्वा मं आयोंा   देूर-देूर तको मशहूर थीे। उन्हंनेे नेरवाल, कोानेपुर और फतेहपुर मं
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        तो गणीेश शकोर सिवाद्याथीी कोो योंह बहुत पसदे आयोंा। महात्मा गां�ी नेे   रामलीला कोा आयोंोजने सिकोयोंा। उन्हंनेे 'ससिचंवा' नेामको मासिसको पत्रा
        जब योंह रचंनेा सनेी तो उन्हंनेे इसे छोटा कोरनेे कोी सलाह देी। साथी   कोा सपादेने भीी सिकोयोंा।
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        ही इसमं कोुछ श�दे बदेलनेे कोी भीी सलाह देी थीी।        उन्हं 1973 मं 'पद्मश्रीी' से सम्मासिनेत सिकोयोंा गयोंा। 81 वार्षष कोी
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          सासिहक्तित्योंको रचंनेा कोे आलावाा उन्हंनेे आजादेी कोे सिलए एको सनेानेी   आयोंु मं श्योंामलाल गुप्त कोा 10 अगस्त 1977 कोो सिने�ने हो गयोंा।
        कोे रूप मं भीी कोाम सिकोयोंा। सिश�को कोे रूप मं कोाम कोरनेे कोे देौराने   उनेकोी मृत्योंु कोे देो देशको बादे 4 माचंष 1997 कोो भीारत कोे तत्कोालीने
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        उनेकोी  मलाकोात  गणीेश  शकोर  सिवाद्याथीी  से  हुई  सिजसकोे  बादे  उन्हं   राष्ट्रापसित शकोर देयोंाल शमा नेे उनेकोे सम्माने मं एको डेाको सिटकोट जारी
                                                                     ं
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        फतेहपुर कोे स्वातत्राता असिभीयोंाने कोा नेेतृत्वा कोरनेे कोा मौकोा सिमला। उस   सिकोयोंा थीा।  n
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         6  न्यूू इंंडि�यूा समााचाार   16-30 डिसतंंबर, 2024
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