Page 4 - NIS Hindi 01-15 March, 2025
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संंपाादाक की कलमा संे...
नए भाारत की े वि�कीास चक्र में बढ़ीी
नारी र्शक्ति� कीी भाागेीदारी
साादर नमस्काार। साशुक्तीकारण काे सााथ अंहिभीन्न रूप साे जुड़ीी �ुई �ै। इसा
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म�त्वपणि साबधा काी प�चान कारते �एं, कांद्र सारकाार न े
अंंतरराष्ट्रीीय महि�लाा हिदवसा-2025 काी आप साभीी काो
शुभीकाामनाएंं। य� हिनहिविवाहिदत सात्य �ै हिका जब महि�लााएं ं बीते एंका दशुका मं नारी शुल्किक्त काो अंपने एंजंडेे मं
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सामृद्ध �ोती �ं तो दहिनया सामृद्ध �ोती �ै। ऐसाे मं महि�लााओं सावोपरिर रखाा �ै। इन प्रायासां काा �ी परिरणाम �ै हिका नारी
काो साशुक्त बनाना न काेवला एंका नहितका अंहिनवायिता �ै, शुल्किक्त आज नएं भीारत काी पथ प्रादशुिका बनकार उभीरी
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बल्कि�का साामाहिजका हिवकाासा काे हिलाएं एंका रणनीहितका �ं। अंंतरराष्ट्रीीय महि�लाा हिदवसा काे अंवसार पर य�ी
आवश्यकाता भीी �ै। इसा दल्किष्�काोण काे सााथ भीारत �मारी आवरण काथा बनी �ै।
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सारकाार ने दशु काे भीीतर महि�लाा साशुक्तीकारण काो इसाकाे अंलाावा व्यल्किक्तत्व काी काड़ीी मं अंशुोका चक्र
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प्रााथहिमकाता दी �ै। वर्षि 2014 साे महि�लााओं काे साम्मान साे साम्माहिनत मेजर सादीप उन्नीकाृष्णन, कांद्रीय
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साशुक्तीकारण काे हिलाएं हिवहिभीन्न योजनाओं काी शुुरुआत महित्रामडेला काे हिनणिय, छाात्रां काा मनोबला बढ़ान वालाी
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कार �र चरण मं उनकाे हिलाएं हिवशुर्ष नीहितया और योजनाएं ं परीक्षेा पे चचाि, सांसाद मं राष्ट्रीपहित काे अंहिभीभीार्षण काे
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बनाई गई �ं ताहिका न काेवला नारी शुल्किक्त काा हिवकाासा �ो, धान्यवाद प्रास्ताव पर प्राधाानमत्राी नरंद्र मोदी काा जवाब
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बल्कि�का नारी शुल्किक्त काे नतृत्व मं हिवकाासा नएं भीारत काी इसामं शुाहिमला �ै। सााथ �ी, प्राधाानमत्राी नरंद्र मोदी काे
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आधाारहिशुलाा बने। अंमेरिरकाा और फ्राांसा काी यात्राा साहि�त पखावाड़ीे भीर काे
नएं भीारत काे हिवकाासा चक्र मं महि�लााओं काी उनकाे अंन्य काायिक्रम इसामं शुाहिमला �ं। पहित्राकाा काे
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भीागीदारी हिनरंतर रूप साे बढ़ र�ी �ै। नारी जब काोई इनसााइडे पेज पर 12 माचि काो दांडेी माचि काी वर्षिगाठ
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हिजम्मदारी साभीालाती �ै तो साका�प काो हिसाहिद्ध तका ला े पर हिवशुर्ष साामग्रीी और बका कावर पर 3 माचि काो मनाएं
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जाने काे हिलाएं व� जी-जान साे ज� जाती �ं। ऐसाे मं जाने वालाे हिवश्व वन्यजीव हिदवसा काो सामाहि�त हिकाया
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अंब अंमृत कााला मं नारी शुल्किक्त काा अंभ्युदय गया �ै।
साहिनल्किश्चत �ो, इसाकाे हिलाएं साशुक्तीकारण काी इसा यात्राा
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काो तेज गहित साे आगे बढ़ाना साभीी काा दाहियत्व �ै। कांद्र
सारकाार काी साोच �ै हिका नारी शुल्किक्त काे प्राहित साम्मान काे आप अंपना साुझााव �मं भीेजते र�ं।
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दल्किष्�काोण काा उद्देेश्य काेवला एंका प्रातीका न �ो, बल्कि�का
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�र क्षेत्रा मं महि�लााओं काी भीागीदारी और नतृत्व
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साहिनल्किश्चत �ो, ताहिका व� भीारत काी सामहिद्ध काी यात्राा
मं साहिक्रय रूप साे भीागीदार बन साकां। (धीरीेन्द्र ओझाा)
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भीारत काी हिवकाासा यात्राा, दशु काी महि�लााओं काे
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हिं�दीी, अंग्रेजीी व अंन्य 11 भााषााओंं में उपलब्ध पहिं�काा पढ़ें/डााउनलोडा कारें।
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