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आिरण कथा      प्रधानमंत्री उज्िला योजना

                                                                                      आिरण कथा     प्रधानमंत्री उज्िला योजना
                                                                                    मुखपृषठ कथा   पंतप्रधान उज्िला योजना

                                           बचपन की एक कथा म  े या  आ्ती है। आप सब ने इसे सक ल में प ा होगा।
                                           म ंशी प्रेमचं  हमारे  ेश के बह ्त कव ान ले क थे। बह ्त मशहूर कहानी
                                             बचपन की एक कथा म  े या  आ्ती है। आप सब ने इसे सक ल में प ा होगा।
                                              बालप ीची  एक कथा मला आ व्ते  ्त  ही सवा्सनी ्ती शा  ्त वाचली असेल
                                             म ंशी प्रेमचं  हमारे  ेश के बह ्त कव ान ले क थे। बह ्त मशहूर कहानी
                                           ई गाह, उनहोंने      में कल ी थी। इस कहानी का म  य ककर ार एक  ोटा
                                              म नशी प्रेमचं  आप या  ेशा्तले अक्तशय  कव ान ले क हो्ते  अक्तशय
                                             ई गाह, उनहोंने      में कल ी थी। इस कहानी का म  य ककर ार एक  ोटा
                                           सा बालक हाकम  था। वह मेले में कम ाई न  ाकर अपनी  ा ी के कलए एक
                                              प्रकस  ई गाह ही कथा  यांनी       म ये कलकहली हो्ती  या कथे्तील
                                             सा बालक हाकम  था। वह मेले में कम ाई न  ाकर अपनी  ा ी के कलए एक
                                           कचमटा  री  कर ले आ्ता है, ्ताकक  ाना बना्ते समय  ा ी के हाथ जल न
                                              म  य पा  हमी  नावाचा एक  ोटा म लगा हो्ता  ्तो ज े्त कम ाई न  ा्ता
                                             कचमटा  री  कर ले आ्ता है, ्ताकक  ाना बना्ते समय  ा ी के हाथ जल न
                                              आप या आजीसा ी एक कचमटा  रे ी क न  े न ये्तो , जे ेक न
                                           जाए। म ंशी प्रेमचं  की कहानी म  े आज भी प्रेर ा  े्ती है। म  े लग्ता है कक
                                             जाए। म ंशी प्रेमचं  की कहानी म  े आज भी प्रेर ा  े्ती है। म  े लग्ता है कक
                                              सवयंपाक बनव्ताना आजीचा हा्त भाज ार नाही  म नशी प्रेमचं  यांची कथा
                                           अगर एक हाकम  कर सक्ता है ्तो  ेश का प्रधानमं ी  यों नह  कर सक्ता।
                                             अगर एक हाकम  कर सक्ता है ्तो  ेश का प्रधानमं ी  यों नह  कर सक्ता।
                                              मला आजही प्रेर ा  े्ते  मला वाट्ते की जर  एक हाकम  क  शक्तो ्तर
                                             नरें  मो ी, प्रधानमं ी   उ वला लाभाकथ्सयों से संवा  के   रान
                                               नरें  मो ी, प्रधानमं ी   उ वला लाभाकथ्सयों से संवा  के   रान
                                               ेशाचा पं्तप्रधान का क  शक्त नाही      नरें  मो ी, पं्तप्रधान   उ वला
                                              लाभा या शी संवा ा र यान
                ्यू  हलरे जब गैस नहीं थी िो दिन का आिा सम्य चूलहा जलानरे   समय से पहले पूरा सफर...
                    ्वषी जेवहया गैस नवहतया तेवहया नद्वसयातलया अधयापि ्वेळ चयूल ्ेट्वण्यात
                                                                      समय से पहले पूरा सफर...
                       हलरे जब गैस नहीं थी िो दिन का आिा सम्य चूलहा जलानरे
                           ं
                    आनि  स्व््याक  बन्वण्यात  जया्चया  .  ्या्वसयाळ्यात  मयातीच्या
                   और खाना बनानरे में बीि जािा था। बाररश के मौसम में      वेळेपूवथी संपूि्ष सफर ...
                       और खाना बनानरे में बीि जािा था। बाररश के मौसम में
             चुलीत ्यािी भरया्चे. लयाक यू डफयाटया देखील नभजया्चया , तो ्ेटया्चयाच नयाही.
                   दम  टी के चूलहरे में पानी रर जािा था। काठ (लक ी)
                                                                             करो वां कने शन
                       दम  टी के चूलहरे में पानी रर जािा था। काठ (लक ी)
             ्या्वसयाळ्याच्या नद्वसयामध्े मुले जे्वयूही शकत नवहती, उ्याशी रयाहया्ची.     करो वां कने शन
                            ं
             प री रीग जािा था, वो जलिा री नहीं था। बच्चरे  बाररश
         प री रीग जािा था, वो जलिा री नहीं था। बच्चरे  बाररश                     कोटी जोि ी
             मी मयाझ्या मुलयांनया आनि क ु टुंबयालया ्वेळ देऊ शकत नवहते. मयारि जेवहया  गैस
            के मौसम में खाना री नहीं खा पािरे थरे, रूखरे रहिरे थरे। म  अपनरे बच्चों और
        के मौसम में खाना री नहीं खा पािरे थरे, रूखरे रहिरे थरे। म  अपनरे बच्चों और           ाना पकाना पहले मेरे
                                                                                              ाना पकाना पहले मेरे
             दीदीने  ्ेऊन  गैस  जोडिी  नदली  तेवहया्यासयून  ्या्वसयाळ्यात  रियास  सहन
                                                                                            जेव  बनव े पूव
            पररवार को सम्य नहीं िरे पािी थी। लरेदकन, जब गैस िीिी नरे आकर गैस
        पररवार को सम्य नहीं िरे पािी थी। लरेदकन, जब गैस िीिी नरे आकर गैस                    कलए बह ्त मेहन्त का
             करया्वया लयागत नयाही. आतया क ु टुंबयाबरोबरच मुलयांनया देखील ्वेळ देऊ शकते.
                                                                                             कलए बह ्त मेहन्त का
                                                                                            मा यासा ी अक्तशय
            कनरे्शन दिलवा्या िब सरे बाररश के मौसम में पररेशानी नहीं उठानी प ी।
        कनरे्शन दिलवा्या िब सरे बाररश के मौसम में पररेशानी नहीं उठानी प ी।                  काम था। लेककन अब
                            ं
             ” ओडीशयाच्या  म्यूरभज ्ेथील  सुनषमतयाच्या चेहऱ्या्वर समयाधयानयाची ही
                                                                                             काम था। लेककन अब
                                                                                            मेहन्तीचे काम हो्ते  मा
            अब पररवार के साथ बच्चरे को री सम्य िरे पािी हूं।” ओदडशा के म्यूररंज
                                              ं
             एकमे्व  कहयािी  नयाही.    जममयू-कशमीरच्या    अनतनयाग  इथली  अजुपिमन
        अब पररवार के साथ बच्चरे को री सम्य िरे पािी हूं।” ओदडशा के म्यूररंज                 कसलेंिर और सटोव
                                                                                             कसलेंिर और सटोव
                                                                                            आ्ता  कसलेंिर आक
            की सुसष्मिा के चरेहररे पर सुकून की कहानी इकलौिी नहीं है। जममू-कशमीर
             आरया सयागते , “आतया आमचया ्वेळ ्वयाचतो. ्यू्वषी चयूल ्ेट्वया्चो तेवहया मुले
                   ं
                                                                                             कमलने के बा  मेरी
        की सुसष्मिा के चरेहररे पर सुकून की कहानी इकलौिी नहीं है। जममू-कशमीर                 कमलने के बा  मेरी
                                                                                            सटो ह कम ा यानं्तर
             न्वसत्वयाज्वळ  जया्ची. कया्म धोकया  असया्चया. धुरयामुळे कयाळी ्डलेली
            के अनंिनाग की अजुयामन आरा कहिी ह , “अब हमारा टाइम बचिा है,
                                                                                             मेहन्त बचेगी।
                                                                                            मा ी मेहन्त वाचेल
        के अनंिनाग की अजुयामन आरा कहिी ह , “अब हमारा टाइम बचिा है,                          मेहन्त बचेगी।
               ं
             भयाडी स्वच्छ करण्यात आमचया खयू् ्वेळ जया्चया. जे एखयादे मयूल आजयारी
            पहलरे चूलहा जलािरे थरे िो बच्चरे आग की िरफ जािरे थरे, खिरा रहिा था।
        पहलरे चूलहा जलािरे थरे िो बच्चरे आग की िरफ जािरे थरे, खिरा रहिा था।     आएशा शे ,  औरंगाबा , महारा
                                                                                    आएशा शे , औरंगाबा , महारा
             ्डले ते द्वयाखयान्यात घेऊन जयाण्यात ्यूिपि नद्वस जया्चया. ्यामुळे आमही
                                                                                आएशा शे ,  औरंगाबा , महारा
            िुएं सरे कालरे बियान साफ करनरे में हमारा बहुि टाइम जािा था। अगर कोई
        िुएं सरे कालरे बियान साफ करनरे में हमारा बहुि टाइम जािा था। अगर कोई                     कस्तंबर
                                                                                                  सपट बर
             एक्वेळचे जे्वि  बन्वयू  शकत  नवहतो.  आतया  उजज्वलया गैस  आमच्या
                                                                                                  कस्तंबर
            बच्चा बीमार प िा था िो असपिाल लरे जानरे में सारा दिन चला जािा था।
        बच्चा बीमार प िा था िो असपिाल लरे जानरे में सारा दिन चला जािा था।
             घरयात आलया आहे , त्यामुळे आमहयालया खयू् सो्ीचे झयाले आहे. रमजयानच्या
            इससरे हम एक टाइम का खाना नहीं पका पािरे थरे। अब जबदक उज्वला
                                                                                 कोटी जोि ी
             मनहन्यात तर खयू्च जयासत. आतया आमही सकयाळीच उठयून 15 नमननटे ,
                                                                             करो वां कने शन
        इससरे हम एक टाइम का खाना नहीं पका पािरे थरे। अब जबदक उज्वला          करो वां कने शन
            गैस हमाररे घर में आई है िो इससरे हमें बहुि सहुदल्यिें दमल गई है। रमजान
             अध्यापि तयासयात जे्वि बन्वतो , खयाऊ शकतो आनि मुलयांनया भर्वयू देखील
        गैस हमाररे घर में आई है िो इससरे हमें बहुि सहुदल्यिें दमल गई है। रमजान
            के महीनरे में िो बहुि ही ज्यािा। अब हम सुबह ही उठकर 15 दमनट, आिा
             शकतो. ्यू्वषी लयाकडे आियून ठे्वया्वी लयागत होती. आनि कधी-कधी तीन
                                                                                     आ्ता िो या्त धूर जा ार
        के महीनरे में िो बहुि ही ज्यािा। अब हम सुबह ही उठकर 15 दमनट, आिा             आं ों में अब ध आं नह
            घंटे में ही खाना बना लरेिरे ह , खा री सकिरे ह  और बच्चों को दखला री सकिरे
                                                                                      आं ों में अब ध आं नह
                                                                                     लगेगा। कसलेंिर के कलए
                            ं
             ्वयाजल्या्यासयूनच  स्व््याक  करया्वया लयागत  होतया.  मुलयांनया धुरयाचया  रियास
                                                                                     नाही  कसलेंिरसा ी
        घंटे में ही खाना बना लरेिरे ह , खा री सकिरे ह  और बच्चों को दखला री सकिरे    धनयवा  मो ी जी
            ह । पहलरे लकद ्यां लाकर रखनी प िी थी और करी-करी िीन बजरे सरे ही
             वहया्चया. , खोकलया ्या्चया आनि खोकल्यामुळे झो् ्यूिपि वहया्ची नयाही.
                                                                                      लगेगा। कसलेंिर के कलए
                                                                                     धनयवा  मो ी जी
            खाना बनाना प िा था। बच्चों को लक ी का िुआं लगिा था, खांसिरे थरे
        ह । पहलरे लकद ्यां लाकर रखनी प िी थी और करी-करी िीन बजरे सरे ही              ्तक ीरन,  क  ली
             मयारि  आतया धुरया्यासयून  सुटकया झयाली  ,  ्वेळेची  बचत  झयाली  ,  त्यामुळे  मी
                                                                                      धनयवा  मो ी जी
                                                                                     ्तक ीरन,  क  ली
            और खांसी सरे नींि सरे पहलरे ही उठ जािरे थरे। लरेदकन अब िुएं सरे बच गए,
        खाना बनाना प िा था। बच्चों को लक ी का िुआं लगिा था, खांसिरे थरे                 अगस्त
             नशलयाईचे कयाम देखील नशकले आनि आतया त्यातयून देखील उत्नन नमळते
                                                                                      ्तक ीरन,  क  ली
                                                                                         गसट
            सम्य बचा िो म नरे दसलाई का काम री सीखा और अब उससरे री आमिनी
             , ज्यातयून नसलेंडर सहज खरेदी करू शकतो.
        और खांसी सरे नींि सरे पहलरे ही उठ जािरे थरे। लरेदकन अब िुएं सरे बच गए,           अगस्त
                ्छत्तीसगडच्या    रया््ुर  ्ेथील    मीनया ननमपिलयाकर  नहच्या  घरयातील
            होिी है दजससरे दसलेंडर आसानी सरे खरीि लरेिरे ह ।”
                                                                                पकहली जोि ी
        सम्य बचा िो म नरे दसलाई का काम री सीखा और अब उससरे री आमिनी           पहला कने शन
             खचपि कमी झयालया आहे आनि आजयूबयाजयूचे ्वयातया्वरि देखील बदलले आहे.
               छत्तीसग  के रा्यपुर की मीना दनमयालाकर के घर का खचया कम हुआ है
        होिी है दजससरे दसलेंडर आसानी सरे खरीि लरेिरे ह ।”                      पहला कने शन
                                        लॅ
             तयानमळनयाडयूच्या  रुतरमया  नहच्यासयाठी  गसच्या  शेगडी्वर    इडली-डोसया
            और आस-प ोस का माहौल री बिल ग्या है। िदमलनाडु की रुिरमा के
           छत्तीसग  के रा्यपुर की मीना दनमयालाकर के घर का खचया कम हुआ है             आं ों में चू हे का ध आं लग्ता
                                                                                     िो या्त च लीचा धूर जायचा ,
             बन्विे सो्े झयाले आहे.  नबहयारची गीतया दे्वी, जयूली, रजजो दे्वी ्या देखील
            दलए गैस चूलहरे पर इडली-डोसा बनाना आसान हो ग्या है। दबहार की गीिा
        और आस-प ोस का माहौल री बिल ग्या है। िदमलनाडु की रुिरमा के                    था, लक ी लाने की क  क्त
                                                                                     लाकि  गो ा क न आ  याचे
             लयाकडे गोळया करिे आनि धुरयामुळे डोळे जळजळिे , डोक े दुखी आनि मुलयांनया
                                                                                      आं ों में चू हे का ध आं लग्ता
            िरेवी, जूली, रज्जो िरेवी री लक ी जुटानरे की मुसशकलों और िुएं सरे आंखों में
        दलए गैस चूलहरे पर इडली-डोसा बनाना आसान हो ग्या है। दबहार की गीिा             अलग। उ वला ने मेरी और
                                                                                     काम वेग     उ वलाने मा े
             शयाळेत ्याठ्वया्लया उशीर होिे ्या्यासयून मुक्ती नमळयाली आहे. आ्ुष्यालया
                                                                                      था, लक ी लाने की क  क्त
            जलन, दसर में ििया और बच्चों को सकूल ररेजनरे में होनरे वाली िरेरी सरे मुस्ि
                                                                                     आक  मा या क ट  बाचे आय  यच
               ं
             अधयारयाकडयून प्रकयाशयाच्या नदशेने घेऊन जयाियाऱ्या अशया ्शोगयाथया देशयातील
        िरेवी, जूली, रज्जो िरेवी री लक ी जुटानरे की मुसशकलों और िुएं सरे आंखों में   पररवार की कजं गी ब ल  ी।
                                                                                      अलग। उ वला ने मेरी और
            दमल गई है। जीवन को अंिकार सरे उजालरे की ओर लरे जानरे वाली ऐसी ही
                                                                                     ब लून टाकले
             प्रत्ेक कयानयाको्ऱ्यात आढळयून ्ेतील , ज्यातयून सयामयान् लोकयांचे जी्वन
        जलन, दसर में ििया और बच्चों को सकूल ररेजनरे में होनरे वाली िरेरी सरे मुस्ि   ग   िी  ेवी, बकलया, उ र प्र ेश
                                                                                      पररवार की कजं गी ब ल  ी।
            सफलिा की कहादन्यां िरेश के हर कोनरे-कोनरे में मौजूि है, दजससरे आम
                                                                                        मई
        दमल गई है। जीवन को अंिकार सरे उजालरे की ओर लरे जानरे वाली ऐसी ही              ग   िी  ेवी, बकलया, उ र प्र ेश
                                                                                      ग   िी  ेवी, बकलया, उ र प्र ेश
                                                                                        मई
        सफलिा की कहादन्यां िरेश के हर कोनरे-कोनरे में मौजूि है, दजससरे आम                मई
                                                                                                   न्यू इंडिया समाचार
                                                                                                   न्यू इंडिया समाचार  19 19
                                                                                                     न्यू इंडिया समाचार  19
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