Page 47 - NIS Hindi 16-31 July 2022
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राष्ट् अमृत महोतसव
कलपिा ित्त : लिका बिकर
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अग्जों से लििे वाली क्ांनतकारी
जनम : 27 जुलाई 1913, मृत्यु : 8 फरिरी, 1995
देश को अंग्जों से आजादली नदलाने के नलए बंगाल के
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क्रांनतकारिरों के साथ कंधे से कंधा नमलाकि स्षया किन े
वालों में एक नाम कलपना दत्त का भली है। वह वेश बदलकि
क्रांनतकारिरों को गोला-बारूद स्लाई कितली थीं। उनहोंन े
ननशाना लगाने का भली प्रनशक्षण नलरा था औि वह काितूस
बनाना भली जानतली थीं। इतना हली नहीं, जरूित पडने पि
क्रांनतकािली जरूितों को पिा किने के नलए वह लडके का
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वेश धािण कि एक जगह से दूसिे जगह जातली थीं। कलपना
दत्त का जनम पवती बंगाल (अब बांगलादेश) के चटगांव के
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श्लीपि गांव में 27 जुलाई 1913 को हुआ था। उनहें बचपन स े
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हली साहसली कहानली सुनने का शौक था। हाईट्ककूल में पढाई के चटगाि रस्त्ागार लूट
साथ-साथ उनहोंने क्रांनतकारिरों कली जलीवनली औि कहाननरों मामल में जमलती थती आितीिन
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को भली पढा। इन कहाननरों का उनके मस्ट्तषक पि जबिदट्त
प्रभाव था। कोलकाता में कॉलेज कली पढाई के दौिान कलपना कारािास की सिा ।
कली मुलाकात बलीना दास, प्रलीनतलता वद्ददाि औि ‘माट्टि दा’
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के नाम से जाने जाने वाले सूरया सेन से हुई। वह सूरया सेन के
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संग्ठन ‘इनिरन रिपस्बलकन आमती’ में शानमल हो गईं। सूरया पनलस कलपना दत्त के पली्छे पड गई औि आनखिकाि 19 मई
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सेन के नेतृतव में उनके दल ने 1930 में चटगांव शट्त्रागाि 1933 को उनहें नगिफताि कि नलरा गरा। चटगांव शट्त्रागाि
लूट नलरा। इस ्टना के बाद कलपना दत्त भली अंग्जों कली लूट के मामले कली सुनवाई एक बाि नफि से शुरू कली गई। इस
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नजि में आ गई। ऐसे में उनहें अपनली पढाई ्छोडनली पडली लनकन दौिान सूरया सेन को फांसली कली सजा दली गई औि कलपना दत्त
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वह सूरया सेन के संपक्फ में बनली िहीं। इसली बलीच, 19 नसतंबि को आजलीवन कािावास कली सजा सुनाई गई। हालानक, महातमा
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1931 में सूरया सेन ने उनहें प्रलीनतलता वद्ददाि के साथ नमल कि गांधली औि िवींद्नाथ टैगोि कली कोनशशों के बाद कलपना दत्त को
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चटगांव में रिोपलीर कलब पि हमला किने का काम सौंपा। 1939 में जेल से रिहा कि नदरा गरा। जेल से बाहि आने के बाद
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हमलां से पहले इलाके कली ननगिानली किते समर अंग्जों न े अपनली पढाई पिली कि उनहोंने 1940 में कलकत्ता नवशवनवद्यालर
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कलपना दत्त को पकड नलरा। हालानक, अनभरोग सानबत नहीं से स्ातक कली उपानध प्रा्त कली। 1979 में उनहें वलीि मनहला
होने के बाद उनहें जमानत पि रिहा कि नदरा गरा। इसके बाद कली उपानध दली गई। उनहोंने बंगालली में अपनली आतमकथा नलखली,
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वह सूरया सेन के साथ नमलकि दो साल तक भनमगत होकि नजसका अंग्ेजली में अनुवाद 'चटगांव आमयािली ििसया: िनमननसेंस'
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आंदोलन चलातली िहीं। 16 फिविली 1933 को पनलस ने सूरया के नाम से नकरा गरा है। अंग्जों से ननििता औि साहस के
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सेन को एक जगह ्छापा माि कि पकड नलरा, लनकन नकसली साथ स्षया किने वालली कलपना दत्त का 8 फिविली, 1995 को
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तिह कलपना दत्त बचने में कामराब हो गईं। इसके बाद, ननधन हो गरा।
न्यू इंडि्ा समाचार 16-31 जुलाई 2022 45
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नयू इंनिया समाचार 16-31 जुलाई 2022