Page 49 - NIS Hindi 16-31 July 2022
P. 49
राष्ट् अमृत महोतसव
तीर-भालों से अंग्जों का सामिा
े
करिे वाले योद्ा यू नतरोत नसंह
जनम : 1802, मृत्यु : 17 जुलाई 1835
भाितलीर ट्वतंत्रता संग्ाम के ऐसे कई रोधिा हैं, नजनहोंने भाित को नब्नटश
शासन से मुकत किने के नलए खुशली-खुशली अपना जलीवन समनपयात कि
नदरा। ऐसे हली एक रोधिा थे म्ालर के पस्शचम खासली नहलस के खासली
े
े
जनजानत के िाजा रू नतिोत नसंह, नजनहोंने 10 साल तक अंग्जों के नखलाफ
लडाई लडली। भाित के प्रथम ट्वतंत्रता संग्ाम से पहले हली नतिोत नसंह न े
बहुत कम उम्र में हली नब्नटश शासकों के नखलाफ मोचाया संभाल नलरा था।
िाषरि के नलए अपना सवयाट्व नरौ्छावि किने वाले नतिोत नसंह एक ऐस े
वरस्कत थे, नजनके सववोच्च बनलदान ने न केवल म्ालर औि पववोत्ति में,
ू
े
े
ु
बस्लक पिे देश में ट्वतंत्रता सेनाननरों कली एक पिली पलीढली को प्ररित नकरा। थे जो अंग्जों कली बंदूक औि रधि कली िणनलीनत के नखलाफ असिदाि नहीं
े
ू
ू
दिअसल, अंग्ेज ढाका को मैदानली इलाके से जोडने के नलए म्ालर होत े थे। बावजूद इसके, नतिोत नसंह के नेतृतव में खासली समुदार के लडाकों
े
े
हुए असम तक एक सडक बनाना चाहते थे। नतिोत नसंह अंग्ज अनधकािली ने अंग्जों का िट कि सामना नकरा। आधुननक हनथरािों के अभाव में
े
ू
िनवि ट्कॉट कली इस रोजना को कतई पिा नहीं होने देना चाहते थे। नतिोत नसंह कली सेना को आनखिकाि हाि का सामना किना पडा औि उनह ें
े
ें
ऐसे में दोनों पक्ष के बलीच टकिाव बढ गरा औि नतिोत नसंह कली सेना न े नगिफताि कि नलरा गरा। उनह ढाका कली जेल में बंद कि नदरा। जेल में
े
ु
े
ै
2 अप्रल 1829 को अंग्जों के नखलाफ हमला बोल नदरा। अंग्ेजों के हली 17 जुलाई 1835 को उनकली मृतर हो गई। कहते हैं नक अंग्जों ने जहि
ु
नखलाफ लडाई में नतिोत नसंह ने वलीिता औि बेहतिलीन रधि कौशल का देकि नतिोत नसंह को माि नदरा था। ट्वतंत्रता संग्ाम कली लौ को जलीनवत
ू
परिचर नदरा। आंगल-खासली रधि (1829-33) में नतिोत नसंह औि उनके िखने वाले नतिोत नसंह ने पववोत्ति औि अनर सभली के एकलीकिण के नलए
ु
े
े
ु
वफादाि अनरानररों ने औपननवनशक ताकतों से बचने के नलए ्छापामाि भली लगाताि काम नकरा। खासली जनजानत औि म्ालर के लोग आज भली
ू
े
िणनलीनत का इट्तमाल नकरा। इस लडाई में रू नतिोत नसंह ने पिंपिागत अपने प्रनसधि क्रांनतकािली नतिोत नसंह के बनलदान को कृतज्तापवयाक बड े
े
शट्त्रों से आधुननक हनथरािों का मुकाबला नकरा था। असल में उनके गवया के साथ राद किते हैं। उनकली पुणरनतनथ पि म्ालर में हि साल
पास नसफ्फ पािंपरिक रधि के सामान जैसे तलीि, भाला, तलवाि आनद हली अवकाश िहता है।
ु
ें
ु
खटकतली थली। ऐसे में अंग्जों ने 1908 में उनह आनखिकाि नगिफताि उनह ‘िामानुज नवजरम’ औि ‘माधव नवजरम’ सनहत उनकली पट्तकों
े
ें
कि नलरा औि 6 वषया कली सजा दली। जेल में उनके साथ क्ठोि औि के नलए भली जाना जाता है। उनहोंने अपने अनतम कु्छ वषया प्पािापट्ली में
ं
अमानवलीर वरवहाि नकरा जाता, लनकन वे अनिग बने िहे। जेल में बंद नबताए, जहां उनहोंने अपने नमत्रों कली सहारता से देशबंधु नचत्तिंजन दास
े
ु
िहने के दौिान भली सब्मणरम नशव शांत िहने वाले वरस्कत में से नहीं थे। को भाित माता के नलए एक मनदि कली आधािनशला िखने में सहारता
ं
ु
ऐसे में उनहोंने मानसक पनत्रका ज्ानभानु के माधरम से जेल से भली अपना कली। दभायागर से, उनके पास इस अनभरान को आगे बढने का समर नहीं
ु
ट्वतंत्रता स्षया जािली िखा। दभायागरवश, सब्मणरम नशव को जेल में हली था। 23 जुलाई 1925 को बढते कुष्ठ िोग औि कमजोिली के कािण
ं
ु
ु
ें
कुष्ठ िोग हो गरा नजसके कािण रिहा होने के बाद उनह अपनली रात्राओं उनका ननधन हो गरा। 1 अगट्त, 2021 को, तनमलनाि के धमयापिली
ु
औि भाषणों को कम किना पडा। हालानक, उनकली देशभस्कत के कािण नजले के प्पािापट्ली में दस साल पहले बनाए गए ट्मािक परिसि में
ं
ें
ु
लोग उनकली ओि आकनषयात होते िहे औि भाषणों के कािण उनह कई ट्वतंत्रता सेनानली सब्मणरम नशव के सममान में एक नए पट्तकालर
ु
बाि जेल कली सजा भली हुई। इतना हली नहीं, नशव ने ततकाललीन कलकत्ता, भवन खोले जाने कली ्ोषणा कली गई। साथ हली नप्छले साल हली उनके
ं
मद्ास, तूतलीकोरिन औि नतरुनेलवेलली में श्नमक आंदोलनों को भली अपना सपने को साकाि किते हुए, उसली परिसि में भाित माता कली काट्र कली
समथयान नदरा था। सब्मणरम नशव एक प्रखरात लेखक भली थे, औि एक प्रनतमा का अनाविण भली नकरा गरा। n
ु
नयू इंनिया समाचार 16-31 जुलाई 2022 4747
नयू इंनिया समाचार 16-31 जुलाई 2022