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आ्वरेण कथा  वर्ष्त





                     जी-20 की अध््यक्ता
                                                                      आज परे खव्चव की भी भारत
                                                                              ्द
                           रै
        जी-20 ऐसे देशों का समूह ह र्जनका आर््थथिक साम्थ््यथि र्व्चव की 85   से अपेषिाएं ब्हुत बढ़ी ्हुई ्हैं।
                                   रै
        प्र्तशत जीिीपी का प्र्तर्नर्ित्व करता ह। जी-20 उन 19 देश और
                ू
                            रै
        ्यूरोर्प्यन ्यर्न्यन का समूह ह, जो र्व्चव के 75 प्र्तशत व््यापार का   दुखनया भर के ए्तसपट्ड,
        प्र्तर्नर्ित्व करते हैं, र्जसमें र्व्चव की दो-र्तहाई जनसंख््या समार्हत   खवखभन्न अंतरराष्टट्रीय संस्थाएं
                                                    रै
          रै
        ह। भारत अब अध््यक् के रूप में जी-20 समूह का नेतृत्व कर रहा ह।   ये क्ह र्ही ्हैं खक भारत का
                                                  रै
        आजादी के अमृतकाल में देश के सामने ्ये बड़ा अवसर आ्या ह जो हर
                               रै
        भारतवासी के र्लए गवथि की बात ह।                               समय आ गया ्है- India’s
                                                                      time has arrived.
                    भारत प्र्थमे की सोच पर

                      आ्धाररत डवदेश नीडत

                                   ें
                               ं
                          ें
        n  भारत के र्लए र्वदेश म प्िानमत्री नररि मोदी एक ब्रांि एंबेस्िर बन
           चुके ह। अब तक कुल र्मलाकर लगभग 60 से अर्िक र्वदेश ्यात्राए  ं  - नरेंद्र महोदी, प्रधानमंत्ी
               ैं
           की ह। दशों की संख््या की बात कर तो ्यह 100 से अर्िक हो जाती ह।
                                                      रै
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           इनम कई दशों की ्यात्राएं कई बार कर चुके ह। ्यह पवथिवर्तथि्यों की
                                         ैं
           तुलना म दोगुना से भी अर्िक हरै। इससे शा्यद ही कोई इनकार कर
                ें
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                                          ें
                 रै
           सकता ह र्क उनकी अद्भुत क्मता ने ही दर्न्या म अपने सकमक्ों के
           सा्थ तालमेल र्बठाकर भारत के वरैब््चवक कद को बढ़ा र्द्या हरै।
        n  बात चाहे र्नवेश की हो ्या सांस्कृर्तक आदान-प्दान की, भारती्य
                                               ें
                                            े
           उत्पादों का र्न्याथित हो ्या र्फर र्वज्ान-तकनीक के क्त्र म ्योगदान की,
           बहुआ्यामी राजनर््यक संदभथि म भारत एक अलग मुकाम बना चुका हरै।
                               ें
           अनेक क्ेत्री्य और अंतरराष्ट्ी्य समहों म प्र्तर्नर्ित्व करने के
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                                     ें
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           अलावा, ्यह स्युक्त राष्ट् सुरक्ा पररषद का अस््थाई सदस््य और
                    ं
                              ू
           र्व्चव स्वास््थ््य संगठन (ि्ध्क्यएचओ) की एक्जीक््यूर््टव बोि्ट का
                    रै
           अध््यक् रहा ह। इसके अलावा एससीओ (शंघाई कोऑपरेशन
                                               ं
           ऑगवेनाइजेशन) का अध््यक् और र्ब्रक्स (ब्राज़ील, रूस, इर्ि्या, चीन
                                           ें
           और साउ्थ अफ्ीका) का भी सदस््य हरै। हाल ही म बने क्वाि का भी
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           एक महत्वपणथि र्हस्सा ह। रै
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                                                   े
        n  भारत के जापान, ऑस्ट्र्ल्या, र्व्यतनाम, र्द र्फलीपींस आर्द दशों के
                                           ैं
                         ें
           सा्थ भी हाल के वषतों म संबि और भी गहरे हुए ह। भारत की ‘पड़ोसी
                            ं
           प््थम’ की नीर्त म अफगार्नस्तान, बांग्लादेश, भ्टान और मालदीव
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           जसे दशों के सा्थ संबि को नई मजबूती र्मली हरै और श्ीलंका-नेपाल
             रै
           के सा्थ संबिों को नए आ्याम र्मले ह। ैं
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         44  न््ययू इंडि्या समाचार   16-31 मई 2023
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