Page 56 - NIS Hindi 16-31 August 2025
P. 56

रेाष्ट्र पुण्र्यसिंतसिंथा परे अटेला जुी कीो नमन


































                                        ं
                                 ं
                                                      ं
                                                  ं
        उनका �ा�या... संरेकारें आएगुी, जीाएगुी, पााविटेटयाा बीनगुी,   पहुलाी बं� क्षिकीसेी ने क्षिहु�देी मेंं से�याुक्त �ंष्ट्री मेंं अंपनी बंत कीहुी। उन्हुंन  े
        विबीगुड़ेगुी मागुरे याे देश रेहना चाविहए...आजी भोी मात्री की तोरेह हमा   भांं�त कीी क्षिवा�ंसेत कीो क्षिवाश्वा पटेला प� �खुं। उन्हुंने सेंमेंंन्या भांं�तीया कीी
                                             ं
             ं
                                                                                �
        संबीके मान मां गुूंजीतोा रेहतोा है।                  भांंर्षं कीो से�याुक्त �ंष्ट्री कीे मेंच तकी पहुचंयां।
                                                                                       ु
                                                                                       �
                                                                �ंजैनीक्षितकी जैीवान मेंं हुोने कीे बंदे भांी, वाो सेंक्षिहुत्या औ� अंक्षिभांव्याब्धिक्त
        मेंजैबूत �हुनं क्षिकीतनं जैरु�ी हुै। आपंतकींला कीे सेमेंया उन्हुंने देमेंनकीं�ी   सेे जैड़ेे �हुे। वाो एकी ऐसेे कीक्षिवा औ� लाखुकी थेे, क्षिजैनकीे शु�दे हु� क्षिवाप�ीत
                                                                                       े
                                                                 ु
                                             े
                                                                                       ृ
            े
          �
                                           �
                                                  े
        कींग्रासे से�कीं� कीं जैमेंकी� क्षिवा�ोध क्षिकीयां, यांतनंए झोंलाी। जैला जैंकी�   ब्धिस्थेक्षित मेंं व्याब्धिक्त कीो आशुं औ� नवा सेजैन कीी प्रेे�णां देते थेे। वाो हु� उम्र
                                                                                                  े
        भांी से�क्षिवाधंन कीे क्षिहुत कीं से�कील्प देोहु�ंयां। एनडेीए कीी स्थेंपनं कीे सेंथे   कीे भांं�तीया कीे क्षिप्रेया थेे। हु� वाग� कीे अंपने थेे। अंटेला जैी कीभांी लाीकी प�
        उन्हुंने ग�बधन कीी �ंजैनीक्षित कीो नए क्षिसे�े सेे परि�भांंक्षिर्षत क्षिकीयां। वाो अंनकी   नहुं चलाे। उन्हुंने सेंमेंंक्षिजैकी औ� �ंजैनीक्षितकी जैीवान मेंं नए �ंस्ते बनंए
                 �
                                                       े
        देलां कीो सेंथे लांए औ� एनडेीए कीो क्षिवाकींसे, देशु कीी प्रेगक्षित औ� क्षत्रोीया   औ� तया क्षिकीए। “आ�क्षिधयां मेंं भांी देीयाे जैलांने” कीी क्षमेंतं उनमेंं थेी। प�ी
                                        े
                                                      े
                                                                                                            ू
            �
        आकींक्षंओं कीं प्रेक्षितक्षिनक्षिध बनंयां।           बबंकीी सेे वाे जैो कीुछ भांी बोलाते थेे, सेीधं जैनमेंंनसे कीे हृदेया मेंं उत�
                                                               े
           पीएमें पदे प� �हुते हुुए उन्हुंने क्षिवापक्ष कीी आलाोचनंओं कीं जैवांब   जैंतं थें। अंपनी बंत कीो कीैसेे �खुनं हुै, क्षिकीतनं कीहुनं हुै औ� क्षिकीतनं
                                                                        े
              े
           े
        हुमेंशुं बहुत�ीन त�ीकीे सेे क्षिदेयां। वाो ज्यांदेंत� सेमेंया क्षिवापक्षी देला मेंं �हुे,   अंनकीहुं छोड़े देनं हुै, इंसेमेंं उन्हुं मेंहुं�त हुंक्षिसेला थेी।
        लाक्षिकीन नीक्षितयां कीं क्षिवा�ोध तकीं औ� शु�दें सेे क्षिकीयां। एकी सेमेंया उन्हु  ं  वाे कीहुते थेे-
          े
            े
          �
        कींग्रासे ने गद्दें� तकी कीहु क्षिदेयां थें, उसेकीे बंदे भांी उन्हुंने कीभांी अंसे�सेदेीया   “हे प्रभांु! मुंुझेे इतनी ऊंचांई कभांी मुंत दीनं।
                                                                                              े
                                                                                                       े
                                                                 ै
        शु�दें कीं इंस्तेमेंंला नहुं क्षिकीयां।                 गारां को गालाे न लागां सकूं, इतनी रुखुंई कभांी मुंत दीनं”
                                                                     े
           उन मेंं से�ं कीी लांलासें नहुं थेी। 1996 मेंं उन्हुंने जैोड़े-तोड़े कीी   अंपने देशुवांक्षिसेयां सेे इंतनी सेहुजैतं औ� से�लातं सेे जैुड़ेे �हुने कीी याहु
        �ंजैनीक्षित न चुनकी�, इंस्तीर्फं देने कीं �ंस्तं चुन क्षिलायां। �ंजैनीक्षितकी   कींमेंनं हुी उनकीो सेंमेंंक्षिजैकी जैीवान कीे एकी अंलाग पंयादेंन प� खुड़ें की�ती
                               े
        र्षड्यंत्रों कीे कीं�णा 1999 मेंं उन्हुं क्षिसेर्फफ एकी वाोटे कीे अंत� कीे कीं�णा पदे   हुै। अंपने पुरुर्षंथे कीो, अंपनी कीतव्याक्षिनष्�ं कीो �ंष्ट्री कीे क्षिलाए सेमेंक्षिपत की�नं
                                                                         �
                                                                                   �
            �
                                                                                                        �
                                             �
        सेे इंस्तीर्फं देनं पड़ें। कीई लाोगं ने उनसेे इंसे त�हु कीी अंनक्षितकी �ंजैनीक्षित   उनकीे व्याब्धिक्तत्वा कीी मेंहुंनतं कीो प्रेक्षितक्षिब�क्षिबत की�तं हुै। देशु कीे सेंधनं,
                                                                                                    े
                                               ै
                 े
                                                     ु
                             े
                 े
                                                                       ू
            ु
                                                  े
        कीो चनौती देने कीे क्षिलाए कीहुं, लाक्षिकीन पीएमें अंटेला क्षिबहुं�ी वांजैपयाी शुक्षिचतं   से�सेंधनं प� प�ं भां�ोसें की�ते हुुए, हुमेंं अंटेला जैी कीे सेपनं कीो प�ं की�नं
                                                                                                        ू
                                                                                        ु
                              ु
                                                 े
        कीी �ंजैनीक्षित प� चलाे। अंगलाे चनंवा मेंं उन्हुंने मेंजैबूत जैनंदेशु कीे सेंथे   हुै, उनकीे सेपनं कीं भांं�त बनंनं हुै। मेंझोंे क्षिवाश्वांसे हुै, भांं�त �त्न अंटेला
        वांपसेी कीी।                                         क्षिबहुं�ी वांजैपेयाी जैी कीे क्षिसेखुंए क्षिसेद्धं�त ऐसेे हुी, हुमेंं भांं�त कीो नवा प्रेगक्षित
                                                                                          े
                                                                                                  ं
                                                                                              े
                                          ृ
                                        �
           हुमें सेब जैंनते हुं, अंटेला जैी कीो भांं�तीया सेस्कीक्षित सेे भांी बहुुत लागंवा   औ� सेमेंृक्षिद्ध कीे पथे प� प्रेशुस्त की�नं कीी प्रे�णां देते �हुगे।
                                                       े
        थें। भांं�त कीे क्षिवादेशु में�त्रोी बनने कीे बंदे जैब से�याुक्त �ंष्ट्री से�घा मेंं भांंर्षणा देने   (अटाला र्जाी के पिनधन औरा र्जाया�ती के अवसरा पेरा प्रधंनमुं�त्राी
                    े
                                        ू
        कीं अंवासे� आयां, तो उन्हुंने अंपनी क्षिहु�देी सेे प�े देशु कीो खुदे सेे जैोड़ें।   नरांद्र मुंोदीी द्वांरां पिलाखुे गाए दीो ब्लाॉगा कं स�पेंपिदीत अ�शु)
                                                ु
                                          े
         54  न्यूू इंंडि�यूा समााचाार | 16-31 अगस्त 2025
   51   52   53   54   55   56   57   58   59   60