Page 61 - NIS Hindi 01-15 October, 2025
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व्याक्ति��त्� वि�जीयाा�ाजीे विसु�विधायाा
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‘वात्सल्यमतितीि’
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तिन�ाथयके नतीा व
के ु र्श� प्रर्शासेके
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जन्म : 12 अंक्टीबेर 1919 मृत्योु : 25 जनवरी 2001
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राष्ट् र भाविक्त, �रलता और मीान�ता केी वित्री�णी राजमीाता वि�जयााराजे वि�ंविधायाा केा �पणव जी�न
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वि�चारधाारा, वि�द्धांत और जन��ा के प्रवित �मीर्पिपत रहैा। राज�ी पटिर�ार �े आंने के बाद भाी उन्हैंने
अपने आंप केो मीान�केल्यााण और राष्ट् र ��ा के जिलए आंहूंत विकेयाा। पद और �त्ता के मीोहै �े दूर
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राष्ट् र ��के के रूप मीं जी�न जीकेर उन्हैंने राजनीवित मीं उच्च आंदशव स्थाविपत विकेए। आंपातकेाल के
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�मीया लोकेतत्री पुनस्थावविपत केरने के जिलए अनके याातनाएं �हैं, लविकेन विनरतर �घोर्षवरत रहैं। �है
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के�ल �ात्�ल्यामीर्पित हैी नहैं, विनणावयाके नता और केशल प्रशा�के भाी थं। राजमीाता वि�जयााराजे उन
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लोगं मीं �े एके थं जिजन्हैंने अपना परा जी�न जनकेल्यााण और राष्ट् र ��ा केो विकेयाा �मीर्पिपत…
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न्र्याकुर्मारी से कश्र्मीर र्ताक एक र्यात्राा तिनकलीी देेकर चलीी गौईं। देूसरे तिदेन सुबह र्मं उस व्र्यल्किक्र्ता को पूर्ताा चलीा तिक
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हुई थाी। तिदेस�बर और जनवरी के सर्मर्य की बार्ता उस र्यात्राा र्मं ड्रााइवर और कार्यकर्ताा सतिहर्ता तिजर्ताने भांी 30-40 लीोगौ
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क रही होगौी तिजस सर्मर्य कड़ेाके की ठड पूड़े रही शातिर्मली थाे हर एक के कर्मरे र्मं जाकर उन्हंने रार्ता के देो बजे खदे
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थाी। र्यह र्यात्राा रार्ता 12-1 बजे के करीब र्मर्ध्र्य प्रदेेश र्मं ग्वातिलीर्यर देधा का तिगौलीास तिदेर्या। तिवजर्याराजे ने तिजस व्र्यल्किक्र्ता को कड़ेाके की
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के पूास तिशवपूरी पूहुची। तिदेनभांर की थाकान रहर्ताी है ऐसे र्मं र्यात्राा सदेम रार्ता र्मं देो बजे जाकर देधा तिदेर्या थाा वो कोई और नहं बल्कि�क
र्मं शातिर्मली लीोगौ तिनवास स्थाान पूर जाकर नहा-धाोकर सो जार्ताे थाे देेश के प्रधाानर्म�त्राी नरंद्र र्मोदेी हं, जो जीवनपूर्यर्ता र्मा� का प्र्यार क्र्या
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र्ताातिक सुबह ज�देी र्तार्यार हो सकं। रार्ता के 2 बजे हंगौे। र्यात्राा र्मं होर्ताा है, वात्स�र्य क्र्या होर्ताा है, उस घटेना को कभांी नहं भांली सके।
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शातिर्मली एक व्र्यल्किक्र्ता नहा-धाोकर सोने की र्तार्यारी कर रहा थाा र्ताभांी र्यह देेश का सौभांाग्र्य है तिक तिवजर्याराजे जसी र्महान तिवभांूतिर्तार्यं ने देेश
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तिकसी ने देरवाजा खटेखटेार्या। व्र्यल्किक्र्ता ने जब देरवाजा खोलीा र्ताो की धारर्ताी को अपूने त्र्यागौ और र्तापूस्र्या से संचा है।
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सार्मने राजर्मार्ताा तिवजर्याराजे खड़ेी थां। कड़ेाके की ठ�ड और सार्मने राजर्मार्ताा तिवजर्याराजे तिस�तिधार्या कहर्ताी थां- “र्मं एक पूत्रा की नहं,
राजर्मार्ताा को देेखकर वह व्र्यल्किक्र्ता हरान थाा। उन्हंने र्मा� को प्रर्णार्म र्मं र्ताो सहस्रों पूत्रां की र्मा� हू�, उनके प्रर्म र्मं आकंठ डबी रहर्ताी हू�।”
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तिकर्या और कहा तिक र्मा� आधाी रार्ता र्मं�, तिवजर्याराजे ने कहा तिक बटेा, हर देेशवासी को अपूना पूरिरवार र्मानने वालीी तिवजर्याराजे तिस�तिधार्या ने
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आपू ऐसा करो गौर्मम देधा पूीकर सो जाइए। तिफर वह ह�देी वालीा देधा अपूना पूरा जीवन, लीोगौं की सवा र्मं सर्मतिपूमर्ता कर तिदेर्या। 12 अक्टेूबर
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न्यूू इंंनि�यूा संमाचाार | 1-15 अक्टूूबर 2025 59