Page 9 - NIS Hindi 01-15 October, 2025
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                                                                 वि�शेेष रि�पोोर्टट सुुशेासुन केे 25 �षष: 25 क्राावि�केा�ी सुुधाा�




                                                                                   े
             पांच दशके �े अविधाके केा �ा�वजविनके जी�न और 25 �र्षव के शा�न मीं ‘��के’
                                                                                                   े
                                                                           े
             बनकेर अपनी विनष्ठाा और राष्ट् र -�मीाज केो नई विदशा दने केी दृढ़ी ी  इच्छााशविक्त हैी
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                                                                                                   े
             विके�ी नतृत्�केताव केो जन-जन केा �म्मीान विदलाती हैै। ऐ�े हैी व्याविक्तत्� के तौर
                                                   े
            पर नए भाारत केी पहैचान बन चके प्रधाानमींत्रीी नरद्र मीोदी केी ��ा याात्रीा पयाावया हैै
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                                                                     ं
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             उनके व्याविक्तत्� केी, �ाहैवि�के विनणवया केी, राष्ट् र  प्रथमी केी �ोच के �ाथ भाारत केो
                                                                                      े
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             वि�केवि�त बनाने केी। जिजनके बार मीं केद्रीया गहैमींत्रीी अविमीत शाहै केहैते हैं, “जब
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            एके व्याविक्त अपने पटिर�ार केो भालाकेर, जी�न केा क्षण-क्षण और शरीर केा केण-
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                                                      े
           केण 140 केरोड़ ी  लोगं के केल्यााण के जिलए �मीर्पिपत केरता हैै, तभाी नरद्र मीोदी नामी
                                                                                            ं
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                                                                                             ू
             केा व्याविक्त बनता हैै।” गुजरात मीं मीुख्यामींत्रीी के रूप मीं उन्हैंने 7 अक्टूबर 2001
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           केो शपथ ली थी, तब �े अन�रत जारी ��ा, �मीपवण केी उनकेी याात्रीा इ� �र्षव 25�                    ं
                                          े
                             �ाल मीं प्र�श केर रहैी हैै। पेश हैै एके वि�शर्ष टिरपोटू…
                                                                                       व
                                                                             े
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                     ह एक कर्ममठ कार्यकर्ताा की भांा�तिर्ता र्मेहनर्ता करर्ताे हं,   नहं होर्ताी बल्कि�क र्मेहनर्ता से गौरीब जनर्ताा के चेहरे पूर आई र्मुस्कान
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                     एक स्टेेटेसर्मैन की भांा�तिर्ता देेश का गौौरव बढ़ाार्ताे हं,   अत्र्य�र्ता स�र्ताोषा की अनुभांूतिर्ता करवार्ताी है।” प्रधाानर्म�त्राी र्मोदेी एक
                                                                     े
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                     एक टेीर्म लीीडर की भांातिर्ता पूर देश का नर्तात्व करर्ता  े  अतिर्तास�वदेनशीली व्र्यल्किक्र्ता है तिजनके र्मन र्मं देेश के देतिलीर्ता, गौरीब,
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         व हं, भांावुक राजनर्ताा की भांा�तिर्ता स�वदेनशीली तिनर्णमर्य   आतिदेवासी और तिपूछोड़ेे लीोगौं के तिलीए अपूार स�वदेनशीलीर्ताा है और
                                                                                                े
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        लीर्ताे हं, तिनडर सनापूतिर्ता की भांा�तिर्ता राष्ट्ररक्षाा र्मं          हर तिनर्णमर्य करर्ताे सर्मर्य हर्मशा अ�त्र्योदेर्य
        अतिडगौ चट्‌ टेान की र्तारह खड़ेे रहर्ताे हं। देीपूक   राष्ट् र �ाद केो प्रेरणा, अंत्योोदया   और गौरीब क�र्यार्ण के तिलीए सबसे पूहलीे
        की लीौ की र्तारह उर्ध्वम तिदेशा र्मं ही सोचर्ताे हं।   केो दशवन और �शा�न केी   सोचना उनकी प्रकृतिर्ता बन गौई है।
                                                                ु
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        राष्ट्र की सवा र्यात्राा र्मं इस पूड़ेाव र्ताक पूहुचे   शविक्त �े दश केो नई ऊंचाईयां   अगौर तिकसी को प्रधाानर्म�त्राी र्मोदेी के
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                                                       े
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        प्रधाानर्म�त्राी नरंद्र र्मोदेी की सावजतिनक जीवन की   पर ले जाना नए भाारत केा मीत्री   25 वषाम की शासन र्यात्राा को सर्मझेना है
                                                                           ं
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        र्यात्राा र्मं कई उर्ताार-चढ़ााव आए, लीतिकन वे ठहरे                       र्ताो इससे पूहलीे के 30 वषां की कार्यकर्तााम,
                                                                  े
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        नहं। इसका कारर्ण है तिक उन्हंने राजनीतिर्ता का   हैै। विनरतर प्रगवित के पथ पर   स्वर्य�सेवक और सर्माजसेवक के रूपू र्मं
                                                                       े
        पूाठ भांी राष्ट्रनीतिर्ता की भांाषाा र्मं पूढ़ाकर उसे अपून  े  अग्र�र रखाने केी �ोच के �ाथ   उनकी र्यात्राा को देेखना और सर्मझेना
                                      े
                                                                                   ु
        जीवन का स�स्कार बनार्या और सवमसर्मावशी  पहैली बार विके�ी कें द्र �रकेार ने   बहर्ता जरूरी है। उन्हंने 30 वषां र्ताक
        तिवकास की नई पूटेकथाा र्तार्यार की। न थार्मना,   �मीयाबद्ध तरीके �े अवितमी छाोर   गौुजरार्ता और देेश के हर भांागौ का भ्रर्मर्ण
                           ै
                                                            े
                                                                   ं
        न थाकना, न रुकना, अथाक पूरिरश्रर्म से आगौे   तके वि�केा� केी पहुंच �विनवि�त   तिकर्या, सर्माज की सर्मस्र्याओं को सर्मझेा
                                                                      ु
        बढ़ार्ताे जाना। नए-नए लीक्ष्र्य तिनधाारिरर्ता करना                        और उनके सर्माधाान पूर तिच�र्तान तिकर्या।
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                                                                       ु
        और अ�तिर्तार्म छोोर र्ताक उसे पूहुचाकर तिवकास   केर वि�केवि�त भाारत केी बविनयााद   व्र्यल्किक्र्तार्यं को पूरखने का भांी कार्म तिकर्या
                              �
        की सशक्र्ता गौौरवगौाथाा तिलीखना। र्यह प्रधाानर्म�त्राी   रखा दी हैै।     और आपूदेा को अवसर र्मं बदेलीने का
                                         ु
        र्मोदेी के नर्ताृत्व की अलीगौ पूहचान है, तिजनका खदे का पूरिरवार आज   गौर्ण भांी सीखा। प्रधाानर्म�त्राी र्मोदेी एक आदेशमवादेी नर्ताा की छोतिव
                                                                                                    े
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        भांी सर्मान्र्य जीवन जी रहा है क्र्यंतिक उनके तिलीए 140 करोड़े से   रखर्ताे हं, वह लीक्ष्र्य, देेश, उसके गौौरव और भांलीे के तिसवा तिकसी
        अतिधाक देेशवासी ही उनका पूरिरवार है।                   की तिच�र्ताा नहं करर्ताे। उनका सबसे बड़ेा र्योगौदेान देेश र्मं लीोकर्ता�त्रा
        प्रधाानर्म�त्राी र्मोदेी हर्मेशा कहर्ताे हं, “र्मुझेे कड़ेी र्मेहनर्ता से कभांी थाकान   की जड़ें को गौहरा करना है। वे एक ऐसे देूरदेशी नर्ताा हं जो कभांी
                                                                                                   े
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