Page 27 - NIS Hindi January1-15
P. 27

अ्थजावय्वस्था बदला्व की शुरुआत  नया सवेरा
                                                                                        नई उम्मीद

         म्वत्मीय सुरक्षा के साथ नया स्वेरा…                                         जीएस्ी: अब एक
                                                                                     देश-एक कर
        जनधन: 40 करोड से जयादा लोगों का खाता खुला
                                                                                         यु
                                                                              यु
                                                                           वट्त एवं सेवा कर(गडस एंड सनवयास टैकस) को
         प्रध़ानमंत्ी जनधन योजऩा की शुरुआत 28 अगसत 2015 को हुई            101वें सनवधान संशोधन के बाद लागू नकरा गरा।
                                                                                ं
         थी। केंद्र सरक़ार की यह योजऩा देश में आनथमाक सुध़ारों की नींव रही   जलीएसटली का महतव इस बात से भली समझा जा सकता
         है। नगनीज बुक ऑफ व्ड्ट ररकॉड्ट में भी इसे दजमा नकय़ा गय़ा है।     है नक 30 जून 2017 कली आधली रात को संसद सत्र
                                                                           बलाकर भारत कली आनथयाक एकता कली नदशा में
                                                                            यु
              40.38                       130,932,33                       महतवपणया कदम बढ़ाते हयुए एक देश-एक कर के नार  े
                                                                                ू
                                                                           के साथ इसकली शरुआत हई थली।
                                                                                            यु
                                                                                      यु
         करोड से अकधक खाते खोले        करोड़ रुपये जम़ा हैं जनधन ख़ातों में।   इससे पहले 14-15 अगट्त, 1947 को ट्वतंत्रता कली
                                                     …
                                                                            ू
        जनधन योजऩा के तहत पहिी ब़ार ऐस  े  कोरोऩा क़ाि में इन्हीं ख़ातों के म़ाधयम   पवया संधरा पर, 14-15 अगट्त, 1972 में भली देश कली
        िोगों के बैंक ख़ाते खोिे गए नजनक़ा   से 20 करोड़ से जय़ाद़ा मनहि़ाओं को   ट्वतंत्रता के 25 वषडों का जश्न मनाने के , 9 अगट्त,
        अभी तक कोई ख़ात़ा नहीं थ़ा। अभी   10 हज़ार करोड़ रुपये से अनधक की   1992 को भली भारत छोड़ो आंदोलन के 50 वषया पूर  े
        तक 41 करोड़ 38 ि़ाख ख़ाते खोिे।  ऱानश सीधे ट्ऱासफर की गई।        होने पर और 14-15 अगट्त, 1997 को भारत कली
                                                ं
                                                                           आजादली कली ट्वणया जरंतली मनाने के नलए आधली रात
           प्रतयक्ष लाभ ह्तांतरण: 100 में से 100 पैसे गरीब को              को संसद का सत्र हयुआ था।

                                                                                                यु
                                      n  एक पूवया प्रधानमंत्रली ने कहा था नक   कई लोगों ने आधली रात को सत्र बलाने पर प्रश्न
                                        नदललली से आम आदमली कली मदद के      उठारा लनकन वह रे नहीं समझ पाए नक रह केंद्र
                                                                                 े
                                        नलए चलने वाला 1 रुपरा उन तक        सरकार पराने ढरवे ओर पररपाटली को बदलने के नलए
                                                                                 यु
                                          यु
                                               यु
            13,23, 778                  पहंचते-पहंचते 15 पैसा रह जाता है।   हली काम कर रहली है।
                                                             यु
                                        डाररेकट बैनननफट रिांसफर कली शरुआत
                                                                           जलीएसटली कानून से पहले देश के अलग-अलग
                                                            यु
            करोड़ रुपये सीधे बैंक ख़ातों में  गरलीबों तक उनका पूरा हक पहंचाने के   नहट्सों में एक हली उतपाद पर कर कली दरें अलग-
                                        नलए कली गई थली।
                                                                           अलग होतली थीं। इससे ननमायाताओं और खरलीदार दोनों
           वषमा 2014 से अब तक इसके    n  डलीबलीटली रोजना के जररए भ्रषटाचार   में भ्रम रहता था। इस नलहाज से देश के आनथयाक
           म़ाधयम से 13 ि़ाख 23 हज़ार   और फजमीवाड़े पर रोक लगली है। 51     एकलीकरण कली नदशा में जलीएसटली सबसे कांनतकारली
           778 करोड़ रुपये की ऱानश     मंत्रालरों कली 325 रोजनाओं इससे    कदम है।
                                               यु
           सीधे बैंक ख़ातों में भेजी गई है।   जोड़ली जा चकली हैं। इसके माधरम से
                                                                                                  यु
           डीबीटी के म़ाधयम से अब आम    केंद्र सरकार को अभली तक 1 लाख 78   भारत में जलीवन के नलए जरूरली वट्तओं से लेकर
                                                                                         यु
                                                               यु
           आदमी तक उसके हक क़ा पूऱा    हजार 396 करोड़ रुपरे कली बचत हई     नवलानसता वालली वट्तओं तक कर कली अलग-अलग
           पैस़ा पहुंच रह़ा है।         है।                                चार दर 5,12,18 और 28 प्रनतशत तक रखली गई है।
        जहान है’ के मंत्र के साथ प्रधानमत्रली ने लॉकडाउन जैसा कड़ा फैसला   तौर प्रधानमत्रली मोदली के 15 अगट्त पर लाल नकले कली प्राचलीर से नदए
                               ं
                                                                      ं
                                         ै
                              यु
        लेकर महामारली से लड़ने का मकममल राट्ता तरार नकरा, नफर ‘जान   भाषण के उस अंश पर धरान दलीनजए जब उनहोंने कहा था- “हमारा देश
        भली जहान भली’ कली नलीनत के साथ देश को अनलॉक कर कारगर उपारों   कैसे-कैसे कमाल करता है, कैसे-कैसे आगे बढ़ता है, इस बात को
                यु
        पर काम शरू नकए। इसली का असर है नक कोरोना काल में बेहद नलीच  े  हम भलली-भानत समझ सकते हैं। कौन सोच सकता था नक कभली गरलीबों
                                                                      ं
        जा पहंचली अथयावरवट्था कली तरककली कली रफतार अनलॉक के बाद ‘वली   के जनधन खाते में लाखों-करोड़ों रुपरे सलीधे रिासफर हो जाएंगे।”
                                                                                                ं
             यु
        आकार’ में रहली है।                                   कोरोना काल में इन जनधन खातों के जररए हली केंद्र सरकार सलीध  े
          आनथयाक मोचवे के साथ देश के आम आदमली के जलीवन ट्तर में सधार   आम आदमली तक मदद पहंचाने में कामराब रहली। वहीं मधरम वगया को
                                                                                यु
                                                     यु
                                                                             यु
        और ऐसली समट्राओं कली ओर केंद्र सरकार ने लगातार धरान नदरा   राहत देने वाले टैकस सधार कली वजह से जहां टैकस सग्ह में वनद्ध हयुई
                                                                                                        ृ
                                                                                                   ं
        है, नजनके बारे में पहले कभली सोचा हली नहीं गरा था। उदाहरण के   तो भारत फेसलेस असेसमेंट कली तरफ आगे बढ़ रहा है।

                                                                                              न्यू इंडिया समाचार  25
   22   23   24   25   26   27   28   29   30   31   32