Page 7 - NIS Hindi January1-15
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नया सवेरा
नई उम्मीद
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वरवहारगत पररवतयान अपररहार लग रहे हैं। भारत इन पररवतयानों में
130 करोड़ भ़ारतीयों क़ा संक्प ही है न्यू इंनडय़ा अपवाद नहीं होगा। इस पररवतयान को कम से कम हंगामे के साथ
और इस सपने को पूऱा करने की हम़ारे भीतर साकार करना प्रधानमंत्रली नरेंद्र मोदली के नेतृतव में केंद्र सरकार कली
इचछ़ा भी है और दृढ संक्प भी साफ प्राथनमकता होगली। उनके भलीतर बैठे स्ट्थर और मजबूत नेता ने
इस महामारली से पैदा हए संकट का प्रबंधन करने में और आजादली
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के बाद देश के सबसे कनठन वकत में देश का नेतृतव करने में कोई
होता नहीं नदख रहा था। ऐसे में 2014 का आम चयुनाव ननराशावाद
बनाम आशावाद का प्रतलीक बना और भारत कली जनता को भली नई कसर नहीं छोड़ली है। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता नक इस
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भोर का अहसास हआ। ‘लोकतंत्र’ से ‘लोक’ जड़ा और नौकरशाहली दौरान कुछ लोगों कली आजलीनवका चलली गई होगली, उनहें नौकरली से
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को सहली मारने में लोकसेवक बना प्रधानमत्रली नरेंद्र मोदली ने खद को ननकाल नदरा गरा होगा, वहीं कई अनर लोग अब काम पर लौट
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‘प्रधान सेवक’ बनारा। न खाऊंगा और न खाने दंगा को शासन आए होंगे करोंनक 13 मई के बाद तलीन नकशतों में 29.87 लाख
का ऐसा मंत्र बनारा नजस पर चलने के नलए खद 16 से 18 ्ंटे करोड़ रुपरे कली लागत के आतमननभयार भारत पैकेज कली ताकत पर
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काम करते हए नमसाल पेश कली। प्रशासननक सयुधार, नबजलली सधार, अथयावरवट्था ने वापसली कली है।
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रेल सधार, भ्रषटाचार पर अंकुश, टैकस पारदनशयाता, जलीएसटली से एक कोनवड के दौर में सरक़ार ने जो कह़ा वो करके
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देश-एक टैकस, स्ट्कल इनडरा, ट्टाट्ट अप इनडरा, नडनजटल इनडरा, नदख़ाय़ा। ग़ांव, गरीब, मधयम वगमा से िेकर उद्ोगों तक
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नकसानों को गणवत्ापणया खाद कली सहज उपलबधता, नशक्ा के क्त्र में की नचंत़ा क़ा नतीज़ा है अथमावयवसथ़ा में तेज ररकवरी
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अहम बदलाव, दननरा में भारत कली ताकत को मजबूतली नदलाने जैस े
कांनतकारली बदलाव का साक्ली बना है बलीता दशक।
नसफ्फ आधारभूत बदलाव हली नहीं, गरलीबों को उसका हक नदलाना, कोनवड के कनठन दौर में खाद्ान्न से लेकर नकद सहारता और
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उज्वला रोजना से धआं मकत रसोई का सपना साकार करना, हर कजया से लेकर सस्बसडली तक, सरकार ने जो जो कहा था वो सब करके
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्र तक लोगों को शद्ध परजल के नलए नल से जल उपलबध करान े नदखारा। आपातकाललीन ऋ ण गारंटली रोजना कली सहारता से 45
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कली भागलीरथली रोजना कली पहल, 50 करोड़ से जरादा लोगों को मयुफत लाख से अनधक छोटे वरवसारों ने बड़ली संखरा में औपचाररक और
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5 लाख रु. तक कली ईलाज कली सयुनवधा नदलाकर दननरा कली सबस े अनौपचाररक नौकरररों को बचाते हए अपने कामकाज जो बहाल
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बड़ली हेलथकेरर रोजना को लागू कराना, सबको बैंनकग प्रणालली स े कर नलरा है। 80.93 लाख उधारकतायाओं को 205,563 करोड़
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जोड़ने के नलए जन-धन जैसली रोजना को मतया रूप देना और छह रुपरे से भली जरादा मंजूर नकए जा चके हैं। इनमें से 158,626 करोड़
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दशक के फासले को बलीते छह साल में कम करते हयुए जमम-कशमलीर रुपरे पहले हली नवतररत नकए जा चके हैं। और भली नकए जाने हैं। रे
से अनयुचछेद 370 को हटा भारत को नए उजाले कली तरफ लेकर जाना केवल एक डेटा है जो इशारा करता है नक पूणया आनथयाक ररकवरली
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मौजूदा सरकार कली कारशैलली के कुछ उदाहरण है जो ‘नर इनडरा’ के सननस्शचत करने के नलए वतयामान में कैसे प्ररास नकए जा रहे हैं,
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ननमायाण में नींव बनली है। पड़ोसली देशों कली नापाक इरादों को उसके ्र उस नए साल के नलए जो असल अनतरथाथयावाद प्रकट करेगा। रे
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में ्सकर धवट्त करने वाले भारत के इरादे आज बयुलंद हैं। अनतरथाथयावाद भारत के आनथयाक नवकास कली संभावनाओं पर ट्वतंत्र
कंसलटेंसली कंपननरों कली नटपपनणरों में झलकता है।
जममू-क्मीर से अनुचछेद 370 को हट़ा भ़ारत ऐसे में जब हम भारत के लोग बलीते छह साल में भारत में नरा
को नए उज़ािे की तरफ िेकर ज़ाऩा मौजूद़ा सवेरा देख रहे हैं तो 21वीं सदली के दूसरे दशक के पहले साल में
सरक़ार की क़ायमाशैिी के कुछ उद़ाहरण है। नई उममलीदों को पूरा करने में भली देश कली जनता के अटल इरादे
आवशरक हैं। अगर बलीते छह साल में भारत ने एक पड़ाव हानसल
नकरा है, लेनकन रह मंनजल नहीं है। नए भारत का लक्र सामने है,
ऐसे में अटल जली हली कनवता कली पंस्कतरों के साथ हम नए दशक के
अभली जब हम नए साल का ट्वागत करने कली तैरारली कर रहे हैं,
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तब रे धरान रखना होगा नक दननरा अब पहले जैसली कभली नहीं पहले साल में इस संकलप के साथ आगे बढ़ें- “आने वाला कल न
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होने वालली है। जलीवनशैलली से लेकर अथयावरवट्था में और जलीवन में भलाएं, आओ नफर से नदरा जलाएं।” n
न्यू इंडिया समाचार 5