Page 19 - NIS Hindi September 2020 16-30
P. 19
आवरण कथा घोरणा बिाम अमल
बड़े फैसले लेिा और उसे समय पर अंजाम तक पहुंचािा प्रधािमंत्ी िरेंद्र मोदी की शख्सयत
का पया्य बि चुका है। िीसत हो या योजिा, प्रधािमंत्ी घोरणा से पहले ही उसे जोर-शोर से
जमीि पर उतारिे की तैयारी करते हैं। इसी का ितीजा है सक लाल सकले की प्राचीर से पहले
्छह साल की घोरणाएं कभी लालफीताशाही का सशकार िहीं हो पाईं और कैसबिेट के फैसले व
अन्य घोरणाएं तय समय सीमा में साकार हो रही। इसी 15 अगसत को लाल सकले से सातवीं
बार की घोरणाओं पर अगले सदि से ही काम शुरू कर सरकार की रीसत-िीसत ही िहीं,
‘संकलप से सससद्’ के मंत् के साथ िए भारत के सिमा्ण की मंसजल को भी दी मजबूती
ए क बार दो दो्त जंगल में सशकार सरकार का एक ही धममा है- इंसरया फसट्ड
िमो सुशासि मंत्
करने चले गए। उनको लगा सक
शेर इतनी जलदी तो समलेगा नहीं तो सरकार की एक ही पसवत् पु्तक है- संसवधाि
अपनी गाडी खडी करके टिहलने गए। इतने में सरकार की एक ही भसकत- भारतभखकत
ही अचानक शेर समल गया, उनकी बंदूक तो सरकार की एक ही शसकत- जिशखकत
गाडी में ही पडी थी। ऐसे में उन्होंने कया सकया, सरकार का एक ही सं्कार- 130 करोड भारतीयों की सुरक्ा व खुशहाली
जेब में से सप्टिल का लाइसेंस सनकाला और सरकार का एक ही मंत्-
शेर को सदखा सदया। सपछली सरकार की सबका साथ, सबका सवकास, सबका सवशवास
कायमाशैली पर भले यह तंज सदखता हो, लेसकन
केंद्र की सत्ा की औपचाररक कमान संभालने
से पहले प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी का उस वकत
के सस्टिम को लेकर कडवा अनुभव था। इसे
तब देश की जनता भी महसूस कर रही थी।
ऐसे में बदलते भारत की सोच मई 2014 में
साकार हुई और प्रधानमंत्ी मोदी ने इन शबदों मेरी सरकार के काम करिे का तरीका
में अपनी सरकार के काम करने के तौर- अलग है। अब अटकािे, लटकािे और
तरीकों का खाका पेश सकया, “सरकारें लोगों भटकािे वाला काम िहीं होता, अब फाइलों
को नये असधकार देने का बहुत शोर मचाती
हैं, लेसकन हमारे संसवधान ने हमें पहले से ही को दबािे की संसकृसत खतम कर दी गई है।
बहुत सारे असधकार प्रदान सकए हैं। हमें और सरकार अपिे हर समशि, हर संकलप को
असधक एक्टस की नहीं, बसलक एकशन की जिता के सहयोग से पूरा कर रही है। आपके
ज़रूरत है।’’ इस संदेश के पीछे प्रधानमंत्ी
की मंशा यह बताने की थी सक देश को एकटि सामिे एक ऐसी सरकार है जो जि-मि को
या असधकार की बहुत जरुरत नहीं है, कयोंसक जोडिे के सलए काम कर रही है।
नागररकों को सारे असधकार तो संसवधान ने िरेंद्र मोदी, प्रधािमंत्ी (चंपारण सतयाग्ह के
दे ही रखे हैं। जरुरत है तो ससफ्क एकशन यानी शताबदी महोतसव पर पूजय बापू को याद करते हुए)
नीसत और योजनाओं से जुडी घोषणाओं को
धरातल पर उतारने की।
न्यू इंडिया समाचार 17