Page 6 - NIS Hindi September 2020 16-30
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समाचार-सार





             अब गरीबों के घरों तक पहुंचने लगा डाक बैंक








                                             दरवाजे पर बैंक कली सयुनवधा का जो संकलप
                                                                     यु
                                             नलरा  था,  उसका  मागया  आज  खल  गरा
                                              वै
                                             ह।” प्रधानमंत्रली कली गांव-गरलीबों तक बैंक   कया है योजिा| इस रोजना में गांव का
                                                                                             वै
                                             को पहयुंचाने कली इचछाशस्कत का हली नतलीजा   कोई भली वरस्कत बैंक जसली सयुनवधा नसफफ़ आधार
                                              वै
                                             ह नक आज इंनडरा पोट्ट पेमेंटस बैंक के   काड्ड के जररए डाक घर से हानसल कर सकता
                                                                               वै
                    पका  बैंक, आपके विार के मंत्र  2 करोड़ से जरादा खाताधारक हो गए हैं।   ह। रोजना के तहत कोई भली वरस्कत नसफफ़
                                                                                                    यु
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           आ के साथ 1 नसतंबर 2018 को  कोरोना जसे संकट के दौर में इस बैंक ने   एक मसेज भेजकर डानकए को बला सकता
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            शरू हए इंनडरा पोट्ट पेमेंटस बैंक गांव-  जलीवनदानरनली  का  काम  नकरा  और  नसफफ़   ह। इनडरा पोट्ट पेमेंटस बैंक 1.36 लाख स  े
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            गरलीब के जलीवन के नलए वरदान सानबत हए  लॉकडाउन में हली 85 लाख लाभानथयारों तक   जरादा ग्ामलीण क्ेत्र के डाक घरों में उपलबध
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                                                                               वै
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            हैं। प्रधानमंत्रली नरेंद्र मोदली ने दो साल पहले  1500 करोड़ रु. पहंचाए। इस बैंक कली वजह   ह जो इस क्त्र में मौजूद बैंक कली शाखाओं का
                                                           यु
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            इस  रोजना  कली  शरुआत  करते  हए  कहा  से कनठन पररस्ट्थनत में भली 760 करोड़ रु.   ढाई गना हवै। इससे 3 लाख से जरादा पोट्टमवैन
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            था- “हर गरलीब, पहाड़ों पर रहने वाले लोग,  वाले 75 लाख मनलीऑड्डरों का भगतान हआ   और डाक सेवक जड़े  हैं। इस रोजना में
                                                                   यु
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            जंगलों में रहने वाले आनदवानसरों, विलीप में  तो डलीबलीटली के तहत 1100 करोड़ रु. सलीधे   पलीएम मोदली ने मोबाइल से मसेज भेजकर
            रहने वाले समूह रानली हर एक भारतलीर के  गरलीबों के घरों तक पहंचाए गए।   सबसे पहला अपना खाता खोला था।
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        आत्मननर्भरता की निशा ्में नकसान                        कोरोना ईलाज के नलए 2 घंटे ्म तैयार
                                                                               े
        और ए्मएसए्मई को सौगात                                  हो जाएगा ‘्मनडकैब असपताल’
                                                                                   वै
             हामारली  के  दौर  के  बाद  नकसानों  और  सूक्म,  लघ  एवं   पदा कैसे अवसर पदा करतली हवै, इसकली एक नमसाल बनली
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                                                                                           टे
                                                                       वै
                                                                          े
        ममधरम उद्ोग को आ्मननभयार बनाने कली नदशा में लगातार     आह- ‘मनडकैब’। रानली ऐसा पोटबल माइक्ोट्रिकचर वाला
                       प्ररास चल रहा ह। इसली कड़ली में अब 1.22   अट्पताल जो नसफफ़ 2 घंटे में नकसली भली ट्थान पर बनारा जा सकता
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                                                                वै
                       करोड़  नकसान  क्ेनडट  काड्ड  (केसलीसली)   ह। केंद्र सरकार के नवज्ान एवं प्रौद्ोनगकली नवभाग के अधलीन नत्रवेंद्रम
                       में नवशेष पररपूणयाता अनभरान के तहत 17                             स्ट्थत  ‘श्ली  नचत्रा  नतरुनाल
                       अगट्त तक 102065 करोड़ रु. कली कजया                                 आरयुनवयाज्ान  और  प्रौद्ोनगकली
                                                                                          ं
                       सलीमा को मंजूरली दली गई ह, इसकली घोषणा                            सट्थान’  और  आईआईटली
                                           वै
                                               वै
                       सरकार ने आ्मननभयार भारत पकेज में कली                              मद्रास  ने  कोरोना  से  जंग
                                                                                                          टे
                       थली।  इसका  लाभ  मछुआरों  और  डेररली                              के  नलए  एक  ऐसा  पोटबल
                       नकसानों के साथ 2.5 करोड़ नकसानों को                                अट्पताल  बनारा  हवै  नजस  े
                                                                                                  े
                       नमलेगा। इसली प्रकार आपातकाललीन क्ेनडट   मोड़कर छोटा नकरा जा सकता हवै। इसमें 4 नहट्स हैं- डॉकटर का
                                                                                  े
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        लाइन गारंटली रोजना (ईसलीएलजलीएस) के तहत सूक्म, लघ एवं   कक्, आइसोलेशन कक्, मनडकल रूम और मरलीजों के नलए दो बेड
        मधरम उद्मों (एमएसएमई) को भली 18 अगट्त तक बैंकों ने     आईसलीरू के साथ हैं, जो नकसली भली मौसम रा पररस्ट्थनत को झेलन  े
                                                                                 े
        1.5 लाख करोड़ रु. से जरादा के ऋ ण मंजूर नकए हैं, नजनमें से 1   में सक्म हवै। अभली तक चन्ई के चेंगलपेट में 30  और केरल के
                                                                                     े
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        लाख करोड़ रु. पहले हली नवतररत नकए जा चके हैं।           वारनाड में 12 नबट्तरों वाला ‘मनडकैब’ ट्थानपत हो चयुका ह।
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          4    न्यू इंडिया समाचार
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