Page 2 - NIS Hindi August 01-15
P. 2
वतरंगे के विए वििका
ऋणी है राष्ट्र...
भारत का राष्ट्री् धवज-रतरंगा। तीन रंगों ्से ्सजा ्ह राष्ट्रधवज र्सर्फ झंडा भर नहीं, बल्क भारत की
आन-बान और शान है। ्ह 130 करोड़ ्से ज्ादा भारती्ों के ्साह्स, शौ््ष, अरभमान, आकांक्ाओं
े
और परवत्रता का प्रतीक भी है। िरकन ्सब्से पहिे धवज का सवरूप ऐ्सा नहीं था। ्सम्-्सम् पर इ्समें
ू
कई बदिाव हुए हैं। आज हमारा रतरंगा रज्स मि रूप में है, उ्सके जनक हैं रपंगिी वेंकै्ा। 2 अगसत
े
1876 को आंध्र प्रदेश के कृष््ा रजिे के पा्स एक गांव में जनम रपंगिी वेंकै्ा को राष्ट्री् धवज के
रनमा्ष् का रजममा खुद महातमा गांधी ने ्सौंपा था। 1921 में उनहोंने धवज त्ार रक्ा। वर्ष 1931 में इ्समें
ै
ू
कुछ ्संशोधन रकए गए। 22 जिाई 1947 को भारत का राष्ट्री् धवज मि रूप में सवीकार रक्ा ग्ा।
ु
ऐसी रही तिरंगे की तिकास यात्ा
1906 1916 1931
1907 1921
1947
े
ै
े
आंध्र प्रदश वीरों और दशभक्ों की धरती ह। यहां पिंगली वेंकया
ै
े
जैसे स्ाधीनता नायक हुये, जजन्ोंने दश का झंडा तैयार ककया।
ये कन्गंटी हनुमंतु, कन्ुकरी वीरेसलि ं गम पंतुिु और पोट्ी
े
ू
श्ीरामूिु जैसे नायकों की धरती ह - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी
ै