Page 4 - NIS Hindi August 01-15
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संपादक की कलम से...
्सादर नमसकार।
“उत्सवेन रबना ्समात् सथापनम् रनष्रिम् भवेत्'’
अथा्षत, कोई भी प्र्ा्स, कोई भी ्संक्प रबना उत्सव के ्सरि नहीं होता। एक ्संक्प जब उत्सव
का रूप िेता है तो उ्समें िाखों-करोड़ों के ्संक्प जुड़ जाते हैं, करोड़ों जन की ऊजा्ष जुट जाती है।
आजादी का अमृत महोत्सव में जनभागीदारी, ्ानी ‘्सबका प्र्ा्स’ की मूि भावना है। इ्सी भावना
के ्साथ आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव का नाम देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की
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रवका्स ्ात्रा और सवर्म भारत के ्संक्पों को ्साकार करने की रदशा में अभूतपूव्ष कदम उठा्ा।
एक बच्ा आज अपने आप को आजादी के ्संघर्ष के ्साथ जोड़ िेता है तो पूरे जीवन वो भारत के
रवका्स के प्ररत ्समरप्षत रहेगा। भारत की नई पीढ़ी को आजादी और देश के ्साथ जोड़ने का ्े सवर्म
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अव्सर बना है। आजादी के 75वें वर्ष तक राष्ट्र ने कई उपिल्ध्ां हार्सि की हैं और हम भारत को
शीर्ष देशों में रखने में ्सरि रहे हैं। ्सभी के प्र्ा्सों ्से प्रत्क क्ेत्रों में कई कीरत्षमान सथारपत रक्े हैं।
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भारत ्सरकार ने आजादी के 75 वर्ष को एक ऐ्सा अनूठा प्रतीक बना्ा है। राष्ट्र को नए र्सरे ्से
पररभाररत करने के रिए नई पहि, का््षक्रमों और प्ररत्ोरगताओं के ्साथ भरवष्् की ्ोजना को
आकार रद्ा जा रहा है, तारक अगिे 25 वर्ष ्ानी 2047 में जब भारत आजादी का शता्दी वर्ष
मनाए तब भारत दुरन्ा के शीर्ष पर सथारपत हो। इ्सी उद्श् ्से अगिे 25 वर्ष को अमृत काि का नाम
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देकर अमृत ्ात्रा की शुरुआत की गई है। इ्स ्ात्रा में अपने ्सामर््ष के ्साथ प्रगरत के रिए अधीर
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भारत, आतमरनभ्षरता की बुिरद्ां छूने को ्संक्पबद्ध है। आज की रवका्स ्ात्रा, कि के नए भारत
की ्समृद्ध और गौरवशािी रवरा्सत बन रही है।
इ्स 15 अगसत को अमृत महोत्सव के 75 ्सपताह पू््ष होने के अव्सर पर भारत ने रक्स तरह
आजादी के इ्स उत्सव को जन-्सहभारगता के ्साथ अमृत ्संक्प बना रद्ा है, सवतंत्रता रदव्स पर
रवशेर अंक में ्ही हमारी आवर् कथा बनी है।
इ्स अंक में शारमि है राष्ट्रकरव और रहंदी ्सारहत् के रक्रतज के तारे मैरथिीशर् गुपत के व्ल्ततव
की कहानी, ्साथ में आप प्रधानमंत्री ्संग्रहाि् की रवशेरताएं भी पढ़ ्सकते हैं। इ्सके अिावा, जममू-
कशमीर ्से अनुचछछेद 370 के रनष्प्रभावी होने के तीन वर्ष पर केंद्र शार्सत प्रदेश में रवका्स की नई ्सुबह
की तसवीर, रवभाजन रवभीररका समृरत रदव्स और प्रधानमंत्री द्ारा राष्ट्र को ्समरप्षत रवका्स ्से जुड़ छे
का््षक्रमों को भी इ्स अंक में रखा ग्ा है।
आइए मनाते हैं- सवतंत्रता, एकता, रवका्स और िोकतंत्र के 75 वर्ष।
हिदी, अग्जी व अन्य 11 भाषाओं म उपलब्ध
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पहरिका पढ़/डाउनलोड कर। (जयदीप भटनागर)
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