Page 25 - NIS Hindi August 01-15
P. 25

आिरण कथा





                                                                      अमत महोतसव औि अमत काल का द्रस्षटकोण बेहद
                                                                         ्र
                                                                                         ्र
            आिादी के अमृत महोतसि के आयोििों                           ट्पषट है। इस महोतसव कली शुरुआत में हली उनहोंने ऐसा
            के पीछे की सो्च और रणिीवत                                 आधाि बनारा नक 15 अगट्त 2022 को जब वे लाल
                                                                      नकले कली प्राचलीि से 9वीं बाि नतिंगा फहिाएं, तब तक
                   े
            इसका उद्शर् अपिे िाम की तिह ही अमृत है। इसमें सिकाि की    रे महोतसव पूिे भाित को अपने में समेट ले। रे इतना
            साममूलहक शशकत के सा् लकसी भी कार््य को पमूिा कििे के लिए जुट जािे की   बड़ा महोतसव बन जाए जहां हि नागरिक का संकलप
            भाविा के सा् साव्यजलिक, लिजी क्ेत्, एिजीओ-संस्ाओं औि समाज के
            सभी वग्य को सा् िाकि 'सबका प्रर्ास' की भाविा को साकाि कििा है।    हो देश को आगे ले जाने का, तानक साकाि हो सके
            इसकी र्ोजिा औि िणिीलत बिाते वकत सवतत्ता संघि्य, संसकृलत-आधर्ातम,   सबका साथ, सबका नवकास, सबका नवशवास औि
                                         ं
                                                                                                     ्र
            पोिण, खि-लफटिेस, पर्ा्यविण व सतत लवकास, कािमूिी सहार्ता सभी तक,   सबका प्ररास का मंत्र। आजादली का अमत महोतसव
                  े
              ं
            अलतम वर्शकत तक िाभ, इंफ्ासट्रकचि का लवकास, सुशासि, खाद् व कृलि,   में देश के जन-जन के उतसाह ने जनसहभानगता का
            इिोवेशि, लवज्ाि-तकिीक जैसे सभी लविर्रों को धर्ाि में िखा गर्ा है।   िंग भि नदरा।
                                                                                         मृ
                                                                      जब उतसव बना अमत महोतसव
                                                                      भाितलीर संट्कृनत में कहा जाता है- “उतसवेन नबना
                                                                      रट्मात् ट्थापनम् ननषफलम् भवेत्” अथायात, कोई भली
        अमृत महोतसि में हुए कुछ विशेर काय्षकम                         प्ररास, कोई भली संकलप नबना उतसव के सफल नहीं
                                                                      होता। एक संकलप जब उतसव का ट्वरूप लेता है तो
                                                   मू
            ं
          इलडर्ा गेट पि िेताजी का होिोग्ाम   लवज्ाि सव्यत् पजर्ते     उसमें लाखों-किोड़ों लोगों का संकलप औि उनकली
          उपभोकताओं का सशकतीकिण          अंतििाष्ट्रीर् संग्हािर् सममेिि   ऊजाया शानमल हो जातली है। इसली भावना से 130 किोड़
          छात्रों द्ािा प्र्धािमंत्ी को   िाष्ट्रीर् संसकृलत महोतसव   देशवानसरों को साथ लेकि, उनहें साथ जोड़कि आजादली
                                                                            ्र
          पोसटकाड्ट लिखिा                                             का अमत महोतसव मनाना शुरू नकरा। जनभागलीदािली
                                         उमंग उड़ाि- मकि संक्ांलत
          िवीकिणिीर् ऊजा्य               भाितम्                       इस उतसव कली मूल भावना बनली। आजादली के 75 वषया
          पोिण माह- पोिण बगीचा                                        का रे पवया ऐसा महोतसव बन गरा नजसमें ट्वाधलीनता
                                         ्धािा-वैलदक गलणत             संग्ाम कली भावना, उसके तराग-समपयाण का साक्ात
          इिोवेशि-हैकॉ्ि                 िाि लकिा पि आर्ोजि           अनुभव आज कली पलीढ़ली को भली होने लगा। रह एक

                                                                      ऐसा महोतसव बन गरा है नजसमें सनातन भाित के

                                                                      गौिव कली भली झलक है, आधुननक भाित कली चमक भली
                                                                      है, मनलीनषरों के आधरातम का प्रकाश भली है, भाित के
                                                                      वैज्ाननकों कली प्रनतभा औि सामररया का दशयान भली है।
                                                                         इस  आरोजन  कली  भवरता  औि  सफलता  का
                                                                      मूलरांकन इससे भली नकरा जा सकता है नक इन 75
                                                                                                 या
                                                                      सपताह में 50 हजाि से अनधक कारक्रम देश-नवदेश
                                                                      में आरोनजत हो चुके हैं, नजनमें संपूणया सिकाि रानली
                                                                      सिकाि कली सामूनहक शस्कत के साथ 55 मंत्रालरों/
                                                                      नवभागों  ने  समस्नवत  प्ररासों  से  जन-जन  को  इससे

                                                                      जोड़ा  है।  अगि  औसतन  देखा  जाए  तो  प्रनत  घंटा
                                                                            या
                                                                      4  कारक्रम  अमत  महोतसव  के  तहत  हो  िहे  हैं।
                                                                                   ्र



                                                                                    न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 अगस्त 2022 23
   20   21   22   23   24   25   26   27   28   29   30