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आिरण कथा




                                                                       बच्चा अगि आज अपने आप को आजादली के संघषया के
                                                                       साथ जोड़ लेता है तो पूिे जलीवन वो भाित के नवकास
                                                                                           ्र
                                                                       के प्रनत समनपयात िहेगा। अमत महोतसव भाित कली नई
                                                                       पलीढ़ली को आजादली औि देश के साथ जोड़ने का ट्वनणयाम
                                                                       अवसि है।
                                                                                    ्र
                                                                         दिअसल, अमत महोतसव का आरोजन 75 वषषों
                                                                       कली उपलस्बधरों को भली दुननरा के सामने िखने के
                                                                       साथ 25 वषषों के नलए एक रूपिेखा औि संकलप पेश
                                                                       कि िहा है। साथ हली 2047 में जब देश आजादली कली
                                                                       शताबदली मनाए तब दुननरा में भाित का ट्थान करा
                                                                       होगा, भाित को हम कहां तक ले जाएंगे कली प्रेिणा दे
                                                                       िहा है। अमत महोतसव एक पलीन्ठका तैराि कि िहा
                                                                                ्र
         75 गांि गोद ि        ें                                       है औि उस पलीन्ठका के आधाि पि रे 75 साल का
         सभी लशक्ालवदरों, सभी कृलि वैज्ालिकरों, सभी संस्ािरों को       पवया भाित कली आजादली कली शताबदली के नलए, उस नदशा
         प्र्धािमंत्ी िे कहा लक आजादी के अमृत महोतसव के लिए            में मजबूतली से जाने के नलए एक नदशा नदखाने वाला,
         अपिे िक्र् तर् किें। 75 गांवरों को गोद िेकि उिमें परिवत्यि    प्रेिक औि पुरुषाथया कली भावना जगाने वाला बन िहा है।
         का बीड़ा उठाएं। 75 सककूिरों में भी ऐसी मलहम चिाई जा सकती
                                     ु
         हैं। देश के हि लजिे में स्ािीर् संस्ाओं के सति पि ऐसा एक      आज की कवकास ्यात्ा, कल की कवरासत
         अलभर्ाि चिार्ा जा सकता है।
                                                                       लगभग  समर  नजतना  हली  प्राचलीन,  सूर  नजतना  हली
                                                                                                    या
                                                                       तेजट्वली औि आकाश नजतना हली नवशाल है भाित देश
         75 िर्ष और मीवडया                                             का इनतहास। ज्ान-नवज्ान औि सम्रनद् से सजा, शौर-
                                                                                                            या
         संसद टीवी के शुभािंभ पि प्र्धािमंत्ी िे कहा लक हमािे सामिे    आधरातम  औि  कलाकािली  से  ्लकता  गौिवशालली
                                                                                    े
         अतीत का गौिव भी है औि भलवष्र् के संकलप भी हैं। इि दोिरों      भाित को जब अंग्जली हुकूमत ने बेनड़रां पहनाई, तब
         ही क्त्रों में मीलडर्ा की बहुत बड़ी भमूलमका है। मीलडर्ा जब लकसी   देश के नलए मि नमटने वाले दलीवानों ने आजादली कली
            े
         लविर् को उठाता है, जैसे सवचछ भाित अलभर्ाि, तो वो औि           अलख  जगाई।  िाषरिनपता  महातमा  गांधली  ने  अनोखा
         तेजी से जि-जि तक पहुंचता है। आजादी के अमृत महोतसव             सतराग्ह ्ेड़ा। अननगनत बनलदानों के बाद रे देश
         में देशवालसर्रों के प्रर्ासरों को प्रचारित-प्रसारित कििे का कार््य
         मीलडर्ा बखबी कि सकता है। उदाहिण के तौि पि, टीवी               नवदेनशरों ने ्ोड़ा। नफि लौह पुरूष सिदाि पटेल ने
                 मू
         चैिि सवतंत्ता संग्ाम से जुड़े 75 एलपसोड पिाि कि सकते           लोहे सा अखंि भाित बनारा। कभली सपेिों का देश
         हैं, डॉकर्मूमेंट्री बिा सकते हैं। अखबाि अमृत महोतसव से जुड़े   कहा जाता था, लेनकन वहली देश आज पहले प्ररास में
         परिलशष्ट प्रकालशत कि सकते हैं। लडलजटि मीलडर्ा शकवज            मंगल तक पहुंचा। मेक इन इंनिरा के इन तलीन शबदों
         प्रलतर्ोलगता जैसे लवचािरों से र्ुवाओं को सी्धे जोड़ सकते हैं।
                                                                       ने दुननरा में देश का नाम ऊंचा कि नदरा। आज हि
         75 िर्ष और विया्षत                                            घि में नबजलली है, हि हाथ में मोबाइल फोन है, हि जेब
                                                                       में निनजटल पहचान, हि खाते में िारिेकट बेनननफट,
         लवदेशरों में भाितीर् लमशिरों के प्रमुखरों औि वर्ापाि एवं वालणजर्   हि िसोई में ट्वच् ईंधन औि हि आवास में शौचालर
         क्ेत् के लहत्धािकरों से बातचीत में प्र्धािमंत्ी िे कहा लक हमें अपिे   कली सुनवधा सममान का जलीवन दे िहली है। ट्वच्ता
         मौजदा लिर्ा्यत को भी तेज कििा है औि िए उतपादरों के लिए िए
            मू
         बाजाि तैर्ाि कििे का भी काम कििा है। लवदेशरों में जो लमशि     औि रोग नए भाित के संट्काि बन चुके हैं। वसुधैव
         हैं वे आजादी के 75 वि्य के लिलमत लिर्ा्यत के पांच िए डेसटीिेशि   कुटुंबकम कली भावना से पूिा नवशव हमािा परिवाि एक
         जोड़िे का काम किें।                                            सोच बन चुकली है। अंग्ज कहकि गए थे हमािे जाने
                                                                                        े
                                                                       के बाद भाित नबखि जाएगा, लेनकन शारद उसने नहीं


          26  न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 अगस्त 2022
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