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     श्रदांजकल पद्मकवभरर कशंजो आब  े


          नशंजो आबे औि मेिे बलीच नसफ्फ औपचारिक रिशता नहीं था। 2007   अपने संबोधन में उनहोंने इंिो-पेनसनफक क्त्र के उदर कली नींव िखली,
                                                                                           े
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        औि 2012 के बलीच औि नफि 2020 के बाद, जब वे प्रधानमंत्रली नहीं थे,   साथ हली रे नवजन प्रट्तुत नकरा नक नकस प्रकाि रे क्त्र इस सदली में
        तब भली हमािा वरस्कतगत जुड़ाव हमेशा कली तिह उतना हली मजबूत बना   िाजनलीनतक, िणनलीनतक औि आनथयाक रूप से पूिली दुननरा को एक नरा
        िहा। आबे सान से नमलना हमेशा हली मेिे नलए बहुत ज्ानवधयाक, बहुत   आकाि देने वाला है।
        हली उतसानहत किने वाला होता था। उनके पास हमेशा नए आइनिराज   इसके साथ हली वे इसकली रूपिेखा तैराि किने में भली आगे िहे।
        का भंिाि होता था। इसका दारिा गवननेंस औि इकॉनॉमली से लेकि   उनहोंने इसमें ट्थानरतव औि सुिक्ा के साथ शांत औि सम्रद् भनवषर
        कलचि औि नवदेश नलीनत तक बहुत हली वरापक था। वे इन सभली मुद्ों कली   का एक ऐसा द्रस्षटकोण अपनारा, नजसमें वे अटूट नवशवास िखते थे।
        गहिली समझ िखते थे। उनकली बातों ने मुझे गुजिात के आनथयाक नवकास   रे उन मूलरों पि आधारित था, नजसमें संप्रभुता औि क्ेत्रलीर अखंिता
        को लेकि नई सोच के नलए प्रेरित नकरा। इतना हली नहीं, उनके सतत   सववोपरि थली। इसमें अंतििाषरिलीर कानूनों-ननरमों औि बिाबिली के ट्ति
        सहरोग से गुजिात औि जापान के बलीच वाइब्रेंट पाटटिनिनशप के ननमायाण   पि शांनतपूणया वैस्शवक संबंधों पि भली जोि था। इसमें आनथयाक गनतनवनधरों
        को बड़ली ताकत नमलली।                                  को बढ़ावा देकि हि नकसली के नलए सम्रनद् के विाि खोलने का अवसि
          भाित औि जापान के बलीच सामरिक साझेदािली को लेकि उनके साथ   था।
        काम किना भली मेिे नलए सौभागर कली बात थली। इसके जरिए इस नदशा   चाहे Quad हो रा ASEAN के नेततव वाला मंच, इंिो पेनसनफक
                                                                                         ्र
        में अभूतपूवया बदलाव देखने को नमला। पहले जहां दोनों देशों के आपसली   ओशनस इनननशएनटव हो रा नफि एनशरा-अफ्लीका ग्ोथ कॉरििोि रा
        रिशते केवल आनथयाक संबंध तक सलीनमत थे, वहीं आबे सान इसे वरापक   Coalition  for  Disaster  Resilient  Infrastructure,
        नवट्ताि देने के नलए आगे बढ़े। इससे दोनों देशों के बलीच िाषरिलीर महत्व   उनके रोगदान से इन सभली संग्ठनों को लाभ पहुंचा है। इंिो-पेनसनफक
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        के मुद्ों पि न केवल तालमेल बढ़ा, बस्लक पूिे क्त्र कली सुिक्ा को भली   क्त्र  में  उनहोंने  घिेलू  चुनौनतरों  औि  दुननराभि  के  संदेहों  को  पली्े
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        नरा बल नमला। वे मानते थे नक भाित औि जापान के आपसली रिशतों   ्ोड़कि,  शांनतपूणया  तिलीके  से  निफेंस,  कनेस्कटनवटली,  इंफ्ाट्रिकचि
        कली मजबूतली, न नसफ्फ दोनों देशों के लोगों, बस्लक पूिली दुननरा के नहत में   औि सट्टेनेनबनलटली समेत जापान के सामरिक जुड़ाव में आमूलचूल
        है। वे भाित के साथ नसनवल नरूस्कलरि एग्लीमेंट के नलए द्रढ़ थे, जबनक   परिवतयान लाने का काम नकरा है। उनके इसली प्ररास के कािण रह पूिा
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        उनके देश के नलए रे काफली मुस्शकल काम था। भाित में हाई ट्पलीि   क्त्र आज बहुत आशास्नवत है औि पूिा नवशव अपने भनवषर को लेकि
        िेल के नलए हुए समझौते को बेहद उदाि िखने में भली उनहोंने ननणायारक   कहीं अनधक आशवट्त है।
        भूनमका ननभाई। नरू इंनिरा तेजली से नवकास के िाट्ते पि आगे बढ़ िहा   मुझे इसली वषया मई में जापान रात्रा के दौिान आबे सान से नमलने
        है, तो उनहोंने रह सुननस्शचत नकरा नक जापान कंधे से कंधा नमलाकि   का अवसि नमला। उनहोंने उसली समर जापान-इंनिरा एसोनसएशन के
        हि कदम पि भाित के साथ खड़ा िहेगा। भाित कली आजादली के बाद   अधरक् का पदभाि संभाला था। उस समर भली वे अपने कारषों को लेकि
        इस सबसे महतवपूणया कालखंि में उनका रह रोगदान बेहद अहम है।  पहले कली तिह हली उतसानहत थे, उनका करिशमाई वरस्कततव हि नकसली
          भाित -जापान संबंधों को मजबूतली देने में उनहोंने ऐनतहानसक रोगदान   को आकनषयात किने वाला था। उनकली हानजिजवाबली देखते हली बनतली
        नदरा, नजसके नलए वषया 2021 में उनहें पद्म नवभूषण से सममाननत नकरा   थली। उनके पास भाित-जापान मैत्रली को औि मजबूत बनाने को लेकि
        गरा था। आबे सान को दुननराभि कली उथलपुथल औि तेजली से हो िहे   कई नए आइनिराज थे। उस नदन जब मैं उनसे नमलकि ननकला, तब
        बदलावों कली गहिली समझ थली। उनमें दूिदनशयाता भिली थली औि रहली वजह   रह कलपना भली नहीं कली जा सकतली थली नक हमािली रह आनखिली मुलाकात
        थली नक वे वैस्शवक घटनाक्रमों का िाजनलीनतक, सामानजक, आनथयाक   होगली। वह हमेशा अपनली आतमलीरता, बुनद्मत्ता, वरस्कततव कली गंभलीिता,
        औि अंतििाषरिलीर संबंधों पि होने वाला प्रभाव, पहले हली भांप लेते थे।   अपनली सादगली, अपनली नमत्रता, अपने सुझावों, अपने मागयादशयान के नलए
        रे समझ नक नकन नवकलपों को चुनना है, नकस तिह के ट्पषट औि   बहुत राद आएंगे।
        साहनसक फैसले लेने हैं, समझौतों कली बात हो रा नफि अपने लोगों   उनका जाना हम भाितलीरों के नलए भली ्ठलीक उसली प्रकाि दुखली किने
        औि दुननरा को साथ लेकि चलने कली बात, उनकली बुनद्मत्ता का हि   वाला है, मानो घि का कोई अपना चला गरा हो। भाितलीरों के प्रनत
        कोई कारल था। उनकली दूिगामली नलीनतरों – आबेनॉनमकस - ने जापानली   उनकली जो प्रगाढ़ भावना थली, ऐसे में भाितवानसरों का दुखली होना बहुत
        अथयावरवट्था को नफि से मजबूत नकरा औि अपने देश के लोगों में   ट्वभानवक है। वे अपने आनखिली समर तक अपने नप्रर नमशन में लगे
        इनोवेशन औि आंत्रप्रनरोिनशप कली भावना को नई ऊजाया दली।  िहे औि लोगों को प्रेरित किते िहे। आज वे भले हली हमािे बलीच में न हों,
          उनहोंने जो मजबूत नविासत हम लोगों के नलए ्ोड़ली है, उसके नलए   लेनकन उनकली नविासत हमें हमेशा उनकली राद नदलाएगली।
        पूिली दुननरा हमेशा उनकली ऋ णली िहेगली। उनहोंने पूिे नवशव में बदलतली   मैं भाित के लोगों कली तिफ से औि अपनली ओि से जापान के लोगों
        परिस्ट्थनतरों को न केवल सहली समर पि पहचाना, बस्लक अपने नेततव   को, नवशेषकि शलीमतली अकली आबे औि उनके परिवाि के प्रनत हानदयाक
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        में उसके अनुरूप समाधान भली नदरा। भाितलीर संसद में वषया 2007 के   संवेदनाएं वरकत किता हूं। ओम शांति!  n




          52  नयू इंवडया समा्चार   1-15 अगसत 2022
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