Page 4 - NIS Hindi 01-15 December,2022
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संपादक की कलम से...
‘लमेशन लाइफ’ से लदोखा्या उम्मेीदो का मेाग्त
सादर नमस्कार।
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दुिन्या के दश एक बार ििर जब कॉप-27 में वषषों स प्रकृित पजा की समृद्ध परंपरा रही है।
मंथन कर रह हैं, भारत न ‘िमशन लाइि’ के ‘िमशन लाइि’ प्रकृित के संरषिण स जुड़ी हर
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रूप में उम्मीद का मागमा िदिा्या है। िपछल कुछ उस जीवनशैली को समािहत करगा, िजस ये
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दशकों में दुिन्या न अप्रत््यािशत आपदाओं को हमार प्दवमाजों न अपना्या था और िजस हम
झला है। कहीं ग्लयेिश्यर िपघल रह हैं तो कहीं अपनी जीवनशैली का िहस्सा बना सकत ये
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समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। कहीं निद्यां हैं। कॉप27 की बैठक और राष्टट्री्य प्रदषण
स्दि रही हैं तो कहीं मौसम अिनश्श्चत हो रह ये िन्यत्ण िदवस के संदभमा में ‘िमशन लाइि’
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हैं। ऐस में प्यामावरण के िवष्य को केवल नीित ही हमारी इस बार की आवरण कथा बनी है।
िनमामाण के स्तर पर नहीं छोड़ा जा सकता। व््यश्क्तत्व की कड़ी में सुब्रह्मण््य भारती
इसके िलए जरूरत है जीवनशैली को प्यामावरण को रिा है िजन्दहें महाकिव भारित्यार कहा
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के अनुकूल बनान की। िपछल वषमा ग्लासगो में जाता है। फ्लैगिशप ्योजना के तहत सुगम््य
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आ्योिजत कॉप-26 की बैठक में प्रधानमंत्ी भारत अिभ्यान स िदव््यांगों के सशक्तीकरण
नरेंद्र मोदी न ‘LiFE’ ्यानी प्यामावरण के और अमृत महोत्सव की कड़ी में महाना्यकों
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िलए जीवनशैली का मंत् िद्या था। उसी की प्रयेरक गाथा इस अंक में शािमल है। इसके
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मंत् को ‘िमशन लाइि’ के रूप में हाल ही अलावा कनामाटक, तिमलनाडु, आंध्र प्रदश
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में प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी न सं्युक्त राष्टट्र के और तलंगाना को िवकास परर्योजनाओं की
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महासिचव की मौजदगी में शुरू िक्या तािक सौगात, कनामाटक िनवशक िशिर सम्मयेलन,
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हर कोई अपन सामर््यमा के िहसाब स ्योगदान कद्री्य सतक्कता आ्योग के सतक्कता सप्ताह
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द सके। ‘िमशन लाइि’ प्रयेररत करता है िक हम में प्रधानमंत्ी मोदी का संबोधन, िदल्ली
सब अपनी रोजमरामा की िजंदगी में ऐसा बहुत के कालकाजी में 3024 नविनिममात फ्लैटों
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कुछ कर सकत हैं िजसस प्यामावरण की सुरषिा का उद्घाटन, जी20 की भारत को िमली
हो। ‘िमशन लाइि’ ्यये मानता है िक अपनी अध््यषिता और प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी द्ारा
जीवनशैली में बदलाव करके प्यामावरण की मानगढ़ की पिवत् भ्दिम पर महान स्वतंत्ता
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रषिा की जा सकती है। सनानी गोिवंद गुरु को श्रद्धांजिल भी इस
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अतीत स सीिकर ही हम बहतर भिवष्ट्य अंक का िहस्सा बनी है।
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का िनमामाण कर सकत हैं। भारत में हजारों आप अपना सुझाव हमें भजत रहें।
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