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आवरण कथा         नए भारत का ्संकलप




                        असीम                          अमृत ्वर  णि         65        भारत की आबादी


                                                                                     35 से कम उम्र की
             संभा्वनाएं                                                              औसतन आयु 29

                                                                                     साल है लोगों की।

             दुजनया का सबसे                                                50        से अिधक भारत की
                                                                                     आबादी 25 से कम
                                                                                     उम्र की है।
             युिा देर भारत


                                                     n आइसिया- इनोवेिन, जोसखम लेने िा जजबा और िाम िो पूरा िरने िी
                                                                                        रु
              भारत दुजनया का सबसे युिा देर है           सजद्द, यह िमृद् देि िे सलए महतवपूि्ज है तो यवाओं िी िच्ची पहिान।

          और उसकी आबादी मानि संसाधन है।              n ्टाट्ड अप िे जररए देि िा यवा नौिरी मांगने वालों िी बजाए नौिरी देने
                                                                             रु
           िहां पकशचमी देर और यूरोजपयन देरों            वाला बन रहा है और ्टाट्डअप में सनवेि लगातार बढ़ रहा है।
                   ु
             में बुिग्श आबादी की संखया बढ़ रही
                                                                                  रु
            है, उस जलहाि से भारत के पास प्रचुर       n भारत अब ्टाट्ड अप िे आगे बढ़ते हए यूनीिॉन्ज िी सदिा में तेजी िे आगे
          संभािनाएं उसकी युिा िनसंखया ही है।            बढ़ रहा है, इििा मतलब है सि सजििा मूलयांिन 1 सबसलयन िॉलर यानी
                                                                                                         रु
         युिाओं की आकांक्ाएं और राषट्र के जलए           िरीब 7 हजार िरोि रुपये िे जयादा है। पहले भारत में 1-2 यूनीिॉन्ज हआ
          कुछ करने की इचछारककत नए भारत की               िरते थिे, लेसिन अब इििी िंखया 70 िे पार हो िरुिी है।
          मिबूत आधारजरला है िो सिजण्शम िर््श         n सिर्फ िोसवि िाल िे सपछले 10 महीने में ही हर 10 सदन में एि नया
                  के संकलपों को करेगी साकार…।           यूनीिॉन्ज बना है।
                    50,000                           n टोकयो ओलंसपि में भारत ने एि ्वि्ज, 2 रजत और 4 िां्य पदि जीता।



           भारत में पहले सटाट्ट अप शबद गाहे-ब-गाहे ही    अब ति ओलंसपि खेलों में यह भारतीय सखलासियों िो िव्जश्रे्ि प्रदि्जन है।
                                                        पैरालंसपि खेलों में अबिी बार भारत ने अपना िव्जश्रे्ि प्रदि्जन िरते हए 5
                                                                                                          रु
        सुनने को िमलते थे। लेिकन बीते सात साल में भारत में
         सटाट्टअप का नया युग शुरू हुआ और आज 50 हजार     ्वि्ज, 8 रजत और 6 िां्य पदि जीतिर 24वां ्थिान हासिल सिया।
             से अिधक सटाट्ट अप भारत में चल रहे हैं।


           ्पीएम मोदी के ससकल, ररससकल और                     ननरयार से दननरा अचिज में भली है औि रह चचाया का नवषर भली है।
                                                                     यु
           अ्पससकल मयूलमंत्  के साथ अब                       2047 के भारत की ्सुनहरी तसवीर
                                                                                 यु
           भारतीय युवा बन रहे आतमननभ्षर।                     बलीते सात वषयों में शयुर हई अनेक रोजनाओं का लाभ किोड़ों
                                                                                  यु
                                                             रिलीबों को उनके घि तक पहंचा है। उज्वला से लेकि आरयुषमान
                                                             भाित कली ताकत आज देश का हि रिलीब जानता है। आज सिकािली
        देशवानसरों  ने  असाधािर  रनत  से  काम  नकरा  है।  वैज्ाननकों,
        उद्नमरों कली ताकत का हली परिराम है नक भाित को वैकसलीन के नलए   रोजनाओं कली रनत बढ़ली है। वह ननधायारित लक्रों को प्रारत कि िहली
                                                                                   यु
                                                                        यु
        आज नकसली औि देश पि हमें ननभयाि नहीं होना पड़ा। जबनक एक   है। पहले कली तलना में देश बहत तेजली से आरे बढ़ िहा है। लेनकन
                                                                                                या
        समर थिा नक वैकसलीन के नलए नवदेशों पि वषयों ननभयाि िहना पड़ता   रह सफि रहीं पूिली नहीं होतली है। देश को पूरता तक जाना है।
        थिा। कोनवन जैसली ऑनलाइन वरवट्थिा, निनजटल सनट्टनफकेट देने   इसली संकलप के साथि भाित ने अमृत काल कली रात्रा प्रािंभ कली है

        कली वरवट्थिा आज दननरा को आकनषयात कि िहली है। महामािली के   जहां शत-प्रनतशत रांवों में सड़कें हों, शत-प्रनतशत परिवािों के
                       यु
        समर भाित नजस तिह से 80 किोड़ देशवानसरों को महलीनों तक   बैंक अकाउंट हो, शत-प्रनतशत लाभानथियारों को आरयुषमान भाित
        लराताि मयु्त अनाज देकि रिलीब के घि के चूलहे को जलाने के   का काि्ट हो, शत-प्रनतशत पात्र वरस्कतरों को उज्वला रोजना
                                                             औि रैस कनेकशन हों। सिकाि कली बलीमा रोजना हो, पेंशन रोजना




          24  न्यू इडिया समाचार | 1-15 जनवरी 2022
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