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आवरण कथा         नए भारत का ्संकलप



                               िन इजतहास से प्रेरणा



                               िरखा और निक की िरह रयंतियां व तवरेष अवसर

                               बन रहे तवकास यात्रा के नए प्रिीक


                                                            आिादी के आंदोलन में िन साधारण की बड़ी सहभाजगता रही
                                                            है। लेजकन उन सभी को िैसी पहचान नहीं जमली, जितनी जमलनी
                                                            चाजहए थी। ऐसे में गांधी िी के चरखा और नमक की तरह की
                                                            प्रतीकों का बेहतर इसतेमाल और अमृत महोतसि के साथ आिादी
                                                            के इजतहास के लोकतांत्ीकरण की रुरुआत हो चुकी है..



             अमृत ्वर  णि                                       स्वर्णिम काल


                                                             n वष्ज 1947 िी तरह ही 2022 यानी 75वें वष्ज िो एि आधार िी तरह
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        n सविेष उपलक्यों और महापरुषों िी जयंती िो जन िहभासगता िा
                                                                                                    ं
           अविर बनाया गया।                                      तैयार सिया जा रहा, तासि 2047 ति भारत िे नए ििलपों िो
                                                                िािार िरने िी प्रेरिा समले।
        n ्वचछता आंदोलन िो महातमा गांधी िी 150वीं जयंती िे जोििर देि
                         ं
           िो ्वचछ बनाने िा ििलप लेिर जन आंदोलन खिा सिया गया।   n आजादी िा आंदोलन सिर्फ अंग्रेजी िािन िाल ति िीसमत नहीं
                                                                                                  रु
                                                                है, उििे पहले भी भारत गलामी िे िालखंि िे गजरा है। ऐिे में
                                                                                  रु
        n आजादी िे 75 वष्ज िो अमृत महोतिव नाम सदया गया और सविेष   उन िभी महापरुषों िे योगदान िो बाहर लाने िी पहल।
                                                                          रु
           िमेटी बनािर आयोजन सिया गया।
                                                             n देि िे हर िोने, वग्ज िे योगदान िो भी देि िे िामने लाना है।
        n गमनाम नायिों िी िहानी सलखने िे सलए यवाओं िो प्रेररत सिया   िई ऐिे लोग हैं जो िोई न िोई महान िाम िर रहे हैं। उनिी
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           गया। नेताजी िरुभाष िंद्र बोि िी 125वीं जयंती िो एि अविर   िोि िो िामने लाना और देि िो उनिे प्रयािों िे जोिा जाएगा।
           बनाया गया।
                                                                                                     रु
                                                             n आजादी िे आंदोलन िी पीसििा भसकतयग में िमाई हई है।
                                                                                            रु
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        n जनजातीय गौरव िे सलए भगवान सबरिा मिा िी जयंती 15       भसकत आंदोलन ने जैिे आजादी िे आंदोलन ने ताित दी, उिी
                                        ं
           नवंबर िो हर िाल जनजातीय गौरव सदवि िे रूप में मनाना   तरह आतमसनभ्जर भारत िी पीसििा तैयार िरने में उन महापरुषों
                                                                                                          रु
           िरुरू सिया गया।                                      िी प्रेरिा िो ‘वोिल राॅर लोिल’ िा आधार बनाया जा रहा है।
        n िरुहेलदेव, राजा महेंद्र प्रताप सिंह जैिे िई महापरुषों िे योगदान   n  देि में आधयासतमि िेतना जागृत हो रही है। आधयासतमि िेतना िो
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           िा ्मरि िर आजादी िे आंदोलन िी एि नई पीसििा तैयार     75वें वष्ज िे एि आधार िी तरह तैयार सिया जा रहा। तासि 2047
           िरनी िरुरु िी गई।
                                                                             ं
                                                                ति भारत िे नए ििलपों िो िािार िरने िी प्रेरिा समले।
        ढ़वकढ़्सत भारत की ऐ्से तै्यार हो रही पीढ़िका               आतमननभ्षर भारत को बढ़ावा देने के
        इनतहास साक्ली है नक नकसली िाषरि का रौिव तभली जाग्त िहता है, जब   नलए तेल और गैस क्ेत् के प्रबंि में
        वो अपने ट्वानभमान औि बनलदान कली पिमपिाओं को अरलली पलीढ़ली
        को भली नसखाता है औि उसे संट्कारित बना ननिंति प्रेरित किता है।   सथानीयकरण को बढ़ावा नदया जा रहा।
                             यु
        इसली सोच को आरे बढ़ाते हए प्रधानमंत्रली मोदली ने आजादली के 75
        वषया को एक ऐसे महारज् के रप में बदल नदरा है, जहां आजादली के   भाित में महातमा रांधली कली 150वीं जरंतली तक भाित को ट्वचछ
                                                                                                ं
                                                                                                यु
        इनतहास का लोकतांत्रलीकिर भली हो िहा है। आजादली के आंदोलनों   बनाने कली बात हो रा नफि भरवान नबिसा मिा कली जरंतली को
                                                                                                       यु
        में जन साधािर कली सहभानरता को प्रतलीकों औि अवसिों के जरिए   जनजातलीर  रौिव  नदवस  के  रप  में  मनाने,  नेताजली  सभाषचंद्र
        प्रधानमंत्रली ने नई नदशा दली है। नजस तिह महातमा रांधली ने चिखे   बोस कली 125वीं जरंतली, आजादली के अमृत महोतसव कली कड़ली में
                                                                                          यु
        औि नमक को आंदोलन का प्रतलीक बना नदरा थिा, उसली तिह नए   रयुमनाम नारकों कली कहानली नलखने-सनाने को लेकि आरोजन




                                                                                    न्यू इडिया समाचार | 1-15 जनवरी 2022 19
                                                                                       ं
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